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हजारीबाग में बन रहा है विश्व कीर्तिमान, कूड़े में फेंके हुए 15 लाख ढक्कन से राम दरबार का हो रहा निर्माण

Ram Darbar being constructed. हजारीबाग में एक विश्व कीर्तिमान बनने जा रहा है. इसे बना रहे हैं चंद कलाकार. ये लोग मोजाइक आर्ट के जरिए राम दरबार का निर्माण कर रहे हैं, जिसमें 15 लाख बोतलों के ढक्कन का इस्तेमाल किया जा रहा है.

Ram Darbar being constructed
Ram Darbar being constructed
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 15, 2024, 11:08 AM IST

हजारीबाग में राम दरबार का निर्माण

हजारीबागः अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्री राम के प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है. हर एक व्यक्ति अपने-अपने तरीके से भगवान श्री राम को श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है. हजारीबाग में कूड़े में फेंके हुए ढक्कन से राम दरबार बनाने की तैयारी चल रही है. कहा जा रहा है कि यह अंतर्राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित करेगा. गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में इस कलाकृति का नाम दर्ज होगा. जिसमें 15 लाख बोतल के ढक्कन से 15 हजार स्क्वायर फीट में राम दरबार बनाने की तैयारी चल रही है.

कलाकार सुमित गुंजन जो गिरिडीह के रहने वाले हैं, उनके ही नेतृत्व में राम दरबार हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज मैदान में बन रहा है. इन्होंने इसके पहले भी तीन विश्व कृतिमान स्थापित किए हैं. पहला गिरिडीह, दूसरा हजारीबाग और तीसरा धनबाद में और अब चौथा कीर्तिमान बनाने का प्रयास किया जा रहा है. गुंजन की टीम वसुधा कल्याण संस्था के साथ मिलकर हजारीबाग में कीर्तिमान बनाने की तैयारी में जुट गई है. वसुधा कल्याण संस्था स्वच्छता के लिए हजारीबाग जिले में काम कर रही है. जिसमें 80 से अधिक सदस्य हैं. वसुधा कल्याण संस्था की सदस्य बताती हैं कि 15 लाख प्लास्टिक के ढक्कन जमा करने में 5 महीने से अधिक का समय लगा है. जिसे हजारीबाग, गिरिडीह, देवघर और धनबाद से इकट्ठा किया गया है. ढक्कन साफ किया जा रहा है और इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित करने के लिए कलाकृति निर्माण की शुरुआत की जाएगी.

आर्टिस्ट गुंजन बताते हैं कि पब्लिक डिमांड पर और वर्तमान समय में भगवान श्री राम के प्रति आस्था को देखते हुए यह कलाकृति बनाई जा रही है. जिसे मोजाइक आर्ट कहा जाता है. दरअसल इसमें टूटे-फूटे सामान को जोड़कर एक नई कलाकृति बनाई जाती है. इस कलाकृति को बनाने में हजारीबाग, धनबाद, बोकारो गिरिडीह, देवघर और दुमका से कलाकार पहुंचे हैं. लगभग 30 कलाकार 9 से 10 दिनों तक मेहनत करने के बाद कलाकृति तैयार कर पाएंगे. यह कोशिश की जा रही है कि 19 से लेकर 20 जनवरी तक कलाकृति तैयार कर ली जाए.

दुमका से आई कलाकार भी कहती हैं कि भगवान श्री राम की तस्वीर उकेरना खुद में बेहद खास है. वो बताती हैं कि ढक्कन साफ करके पहले प्राइमर किया जाएगा और फिर अलग-अलग रंग से ढक्कन में रंग किए जाएंगे. बेहद ही खूबसूरत तस्वीर प्रभु श्री राम की हजारीबाग में बनने जा रही है. कहा जाए तो इस कलाकृति पर पूरे देशवासियों की नजर बनेगी.

कलाकार और स्वच्छ भारत की परिकल्पना करने वाली संस्था वसुधा कल्याण हजारीबाग में इतिहास लिखने की कोशिश में जुट गए हैं. महज 5 लाख रुपया खर्च करके कलाकृति बनाई जा रही है. फिर भी कलाकारों के पास पैसे की कमी है. जरूरत है हर एक आम और खास को ऐसे कलाकारों को प्रोत्साहित करने की. बहरहाल इंतजार रहेगा उस दिन का जब राम दरबार बनकर तैयार हो जाएगा. इस कलाकृति में अमित, अंजनी, नीरज, सूरज कुमार, मधुसूदन, मुस्कान, भारत, अजय, कुंदन, श्रीकांत, खुशी, ऋषि जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं.

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हजारीबागः अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्री राम के प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है. हर एक व्यक्ति अपने-अपने तरीके से भगवान श्री राम को श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है. हजारीबाग में कूड़े में फेंके हुए ढक्कन से राम दरबार बनाने की तैयारी चल रही है. कहा जा रहा है कि यह अंतर्राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित करेगा. गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में इस कलाकृति का नाम दर्ज होगा. जिसमें 15 लाख बोतल के ढक्कन से 15 हजार स्क्वायर फीट में राम दरबार बनाने की तैयारी चल रही है.

कलाकार सुमित गुंजन जो गिरिडीह के रहने वाले हैं, उनके ही नेतृत्व में राम दरबार हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज मैदान में बन रहा है. इन्होंने इसके पहले भी तीन विश्व कृतिमान स्थापित किए हैं. पहला गिरिडीह, दूसरा हजारीबाग और तीसरा धनबाद में और अब चौथा कीर्तिमान बनाने का प्रयास किया जा रहा है. गुंजन की टीम वसुधा कल्याण संस्था के साथ मिलकर हजारीबाग में कीर्तिमान बनाने की तैयारी में जुट गई है. वसुधा कल्याण संस्था स्वच्छता के लिए हजारीबाग जिले में काम कर रही है. जिसमें 80 से अधिक सदस्य हैं. वसुधा कल्याण संस्था की सदस्य बताती हैं कि 15 लाख प्लास्टिक के ढक्कन जमा करने में 5 महीने से अधिक का समय लगा है. जिसे हजारीबाग, गिरिडीह, देवघर और धनबाद से इकट्ठा किया गया है. ढक्कन साफ किया जा रहा है और इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित करने के लिए कलाकृति निर्माण की शुरुआत की जाएगी.

आर्टिस्ट गुंजन बताते हैं कि पब्लिक डिमांड पर और वर्तमान समय में भगवान श्री राम के प्रति आस्था को देखते हुए यह कलाकृति बनाई जा रही है. जिसे मोजाइक आर्ट कहा जाता है. दरअसल इसमें टूटे-फूटे सामान को जोड़कर एक नई कलाकृति बनाई जाती है. इस कलाकृति को बनाने में हजारीबाग, धनबाद, बोकारो गिरिडीह, देवघर और दुमका से कलाकार पहुंचे हैं. लगभग 30 कलाकार 9 से 10 दिनों तक मेहनत करने के बाद कलाकृति तैयार कर पाएंगे. यह कोशिश की जा रही है कि 19 से लेकर 20 जनवरी तक कलाकृति तैयार कर ली जाए.

दुमका से आई कलाकार भी कहती हैं कि भगवान श्री राम की तस्वीर उकेरना खुद में बेहद खास है. वो बताती हैं कि ढक्कन साफ करके पहले प्राइमर किया जाएगा और फिर अलग-अलग रंग से ढक्कन में रंग किए जाएंगे. बेहद ही खूबसूरत तस्वीर प्रभु श्री राम की हजारीबाग में बनने जा रही है. कहा जाए तो इस कलाकृति पर पूरे देशवासियों की नजर बनेगी.

कलाकार और स्वच्छ भारत की परिकल्पना करने वाली संस्था वसुधा कल्याण हजारीबाग में इतिहास लिखने की कोशिश में जुट गए हैं. महज 5 लाख रुपया खर्च करके कलाकृति बनाई जा रही है. फिर भी कलाकारों के पास पैसे की कमी है. जरूरत है हर एक आम और खास को ऐसे कलाकारों को प्रोत्साहित करने की. बहरहाल इंतजार रहेगा उस दिन का जब राम दरबार बनकर तैयार हो जाएगा. इस कलाकृति में अमित, अंजनी, नीरज, सूरज कुमार, मधुसूदन, मुस्कान, भारत, अजय, कुंदन, श्रीकांत, खुशी, ऋषि जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं.

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