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Wrestlers Protest: हंगामे के बाद पहलवानों की कैसी गुजरी गुरुवार की रात? राकेश टिकैत भी जंतर-मंतर पहुंचे

जंतर-मंतर पर बुधवार रात काफी हंगामा हुआ था. इस कारण जंतर-मंतर के इलाके की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी. वहीं, गुरुवार रात धरनास्थल पर शांति देखी गई. पहलवानों की आम दिनों की तरह रात बीती. इस दौरान देर रात किसान नेता राकेश टिकैत भी पहलवानों से मिलने पहुंचे. उन्होंने कहा कि 7 मई को खाप पंचायतों के प्रतिनिधि जंतर-मंतर पहुंचेंगे.

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Published : May 5, 2023, 10:13 AM IST

किसान नेता राकेश टिकैत

नई दिल्लीः जंतर-मंतर पर देश के नामी पहलवान धरने पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण सिंह को पद से हटाया जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए. लेकिन बीते बुधवार को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हाथापाई में बदल गया और बुधवार रात काफी हंगामा हुआ. पहलवानों ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने कई पहलवानों के साथ धक्का-मुक्की की, गंदी गालियां दी. उनका ये भी कहना है कि उनके दो साथी पहलवानों को चोटें आई हैं.

वहीं, बुधवार देर रात हुए घटनाक्रम के बाद जंतर-मंतर पर गुरुवार को पूरे दिन शांति देखी गई. हालांकि कई राजनीतिक दल के नेताओं का आना-जाना लगा रहा. इस दौरान नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा भी की. लेकिन हर रोज की तरह गुरुवार के दिन जंतर-मंतर पर माहौल सामान्य रहा. वहीं गुरुवार को देर रात धरना स्थल पर किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे. वहां उन्होंने पहलवानों और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए कई बड़े ऐलान किए.

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने महज बेड लाने की बात का बहाना बनाकर इतना दुर्व्यवहार किया, जोकि किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा. इन बच्चों की बिजली-पानी की व्यवस्था को भी काट दिया गया है. अब इस आंदोलन को जातिवाद में बदलने की साजिश रची जा रही है, जबकि ये बच्चे किसी जाति से नहीं हैं. ये बच्चे हमारे हैं, देश के हैं. इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हमारी है. टिकैत ने यह भी कहा कि 7 मई को खाप पंचायतों के प्रतिनिधि जंतर-मंतर आएंगे. गुरुवार को भी हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर खाप पंचायतें हुई हैं. अब हमारे पास दो दिन का समय है. इसमें हम बाकी सभी जगहों पर संपर्क करेंगे. टिकैत ने कहा कि इन बच्चों की प्रैक्टिस छूट रही है. हर तरफ से नाकारा जा रहा है. इसलिए हमें इस पूरे मामले पर ठोस रणनीति के साथ कदम उठाना पड़ेगा.

वहीं, जंतर-मंतर पर गुरुवार की रात सामान्य रातों की तरह ही रही. पहलवानों ने देर रात खाना खाया और उसके बाद देर रात तक जागते रहे. हालांकि शुक्रवार की सुबह-सुबह पहलवानों ने थोड़ी बहुत प्रैक्टिस भी की. सुबह-सुबह पहलवानों ने चने का नाश्ता किया और केले खाए. बुधवार की रात हुए हंगामे के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि गुरुवार की रात कुछ ऐसा ना हो. हालांकि गुरुवार की रात भी सामान्य रही और बिना हंगामे के ही पहलवानों ने देर रात खाना खाकर सो गए.

ये भी पढे़ंः शुभेंदु अधिकारी के काफिले की कार की चपेट में आने से व्यक्ति की मौत: स्थानीय लोगों का आरोप

बता दें, बुधवार रात भारी ड्रामे के कारण गुरुवार सुबह पहलवानों के आह्वान पर कई राजनीतिक दल के बड़े-बड़े नेता जंतर-मंतर पहुंचे. इनमें सुबह सबसे पहले पहलवानों से मुलाकात आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने की. हरियाणा कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा, दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण ने देर शाम पहलवानों से मुलाकात की और उन्हें समर्थन देने का ऐलान भी किया. इस दौरान पुलिस की मुस्तैदी भी काफी बढ़ा दी गई थी.

ये भी पढ़ेंः Appointment of Principals: दिल्ली के 39 सरकारी स्कूलों को मिले नए प्रिंसिपल, अभी भी इतने पद हैं खाली

किसान नेता राकेश टिकैत

नई दिल्लीः जंतर-मंतर पर देश के नामी पहलवान धरने पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण सिंह को पद से हटाया जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए. लेकिन बीते बुधवार को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हाथापाई में बदल गया और बुधवार रात काफी हंगामा हुआ. पहलवानों ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने कई पहलवानों के साथ धक्का-मुक्की की, गंदी गालियां दी. उनका ये भी कहना है कि उनके दो साथी पहलवानों को चोटें आई हैं.

वहीं, बुधवार देर रात हुए घटनाक्रम के बाद जंतर-मंतर पर गुरुवार को पूरे दिन शांति देखी गई. हालांकि कई राजनीतिक दल के नेताओं का आना-जाना लगा रहा. इस दौरान नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा भी की. लेकिन हर रोज की तरह गुरुवार के दिन जंतर-मंतर पर माहौल सामान्य रहा. वहीं गुरुवार को देर रात धरना स्थल पर किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे. वहां उन्होंने पहलवानों और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए कई बड़े ऐलान किए.

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने महज बेड लाने की बात का बहाना बनाकर इतना दुर्व्यवहार किया, जोकि किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा. इन बच्चों की बिजली-पानी की व्यवस्था को भी काट दिया गया है. अब इस आंदोलन को जातिवाद में बदलने की साजिश रची जा रही है, जबकि ये बच्चे किसी जाति से नहीं हैं. ये बच्चे हमारे हैं, देश के हैं. इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हमारी है. टिकैत ने यह भी कहा कि 7 मई को खाप पंचायतों के प्रतिनिधि जंतर-मंतर आएंगे. गुरुवार को भी हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर खाप पंचायतें हुई हैं. अब हमारे पास दो दिन का समय है. इसमें हम बाकी सभी जगहों पर संपर्क करेंगे. टिकैत ने कहा कि इन बच्चों की प्रैक्टिस छूट रही है. हर तरफ से नाकारा जा रहा है. इसलिए हमें इस पूरे मामले पर ठोस रणनीति के साथ कदम उठाना पड़ेगा.

वहीं, जंतर-मंतर पर गुरुवार की रात सामान्य रातों की तरह ही रही. पहलवानों ने देर रात खाना खाया और उसके बाद देर रात तक जागते रहे. हालांकि शुक्रवार की सुबह-सुबह पहलवानों ने थोड़ी बहुत प्रैक्टिस भी की. सुबह-सुबह पहलवानों ने चने का नाश्ता किया और केले खाए. बुधवार की रात हुए हंगामे के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि गुरुवार की रात कुछ ऐसा ना हो. हालांकि गुरुवार की रात भी सामान्य रही और बिना हंगामे के ही पहलवानों ने देर रात खाना खाकर सो गए.

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बता दें, बुधवार रात भारी ड्रामे के कारण गुरुवार सुबह पहलवानों के आह्वान पर कई राजनीतिक दल के बड़े-बड़े नेता जंतर-मंतर पहुंचे. इनमें सुबह सबसे पहले पहलवानों से मुलाकात आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने की. हरियाणा कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा, दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण ने देर शाम पहलवानों से मुलाकात की और उन्हें समर्थन देने का ऐलान भी किया. इस दौरान पुलिस की मुस्तैदी भी काफी बढ़ा दी गई थी.

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