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सरकार सितंबर तक नहीं मानी तो संसद तक जाएंगे ट्रैक्टर : राकेश टिकैत - rakesh tikait warning to central government on farms laws

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को सितंबर तक अल्टीमेटम दिया है. टिकैत ने कहा कि सरकार ने सितंबर तक किसानों की नहीं सुनी तो ट्रैक्टर संसद तक जाएंगे.

राकेश टिकैत
राकेश टिकैत
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Published : Jul 11, 2021, 10:54 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन को सात महीने से अधिक हो चुके हैं. किसान आंदोलन को तेज करने के लिए किसान नेता तमाम कवायद कर रहे हैं. किसान आंदोलन लंबा चलने की संभावनाओं को देखते हुए किसान नेता आंदोलन की रणनीति को और पुख्ता करने में जुट गए हैं.

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि समुद्र के रास्ते आने वालों ने पहले भी देश पर कब्जा किया था. अब भी हाल कुछ ऐसा ही है. कंपनी की सरकार है इसलिए जनविरोधी फैसले ले रही है. आधा देश बेच दिया और आधा बोली पर लगा हुआ है. सरकार पर कब्जा कर बैठ गए इन लोगों को न तो इस देश से लगाव है और न देश के संसाधनों से.

उन्होंने कहा कि सरकार सितंबर तक यदि किसानों की बात नहीं सुनती तो किसान कोई बड़ा निर्णय लेंगे और पहली बार तो पुलिस को गुमराह करके ट्रैक्टरों को लालकिले पर ले गई, लेकिन इस बार किसानों के ट्रैक्टर कहकर संसद पर जाएंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि अबकी बार संघर्ष हुआ तो किसान पीछे नहीं हटने वाला. सरकार सितंबर तक समस्या का निस्तारण करे नहीं तो हमें सख्त निर्णय लेने को मजबूर होना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें- कृषि कानून पर फिर भड़के टिकैत, बोले- बिना शर्त के बात करे सरकार

उन्होंने कहा सरकार कहती है कि देश में MSP थी है और रहेगी, लेकिन हम बता देना चाहते हैं कि मूंग के किसानों को एमएसपी नहीं मिला. 7500 रुपये एमएसपी वाली मूंग चार हजार रुपये में खरीदी गई. किसान मूंग लेकर संसद जाएंगे. सरकार इस गलतफहमी में न रहे कि वाटर कैनन से किसानों के ट्रैक्टर रुक जाएंगे. बंपर लगे ट्रैक्टर न केवल बैरियर तोड़ेंगे बल्कि वाटर कैनन मारने के लिए लगाई गाड़ियों का भी इलाज करेंगे.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन को सात महीने से अधिक हो चुके हैं. किसान आंदोलन को तेज करने के लिए किसान नेता तमाम कवायद कर रहे हैं. किसान आंदोलन लंबा चलने की संभावनाओं को देखते हुए किसान नेता आंदोलन की रणनीति को और पुख्ता करने में जुट गए हैं.

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि समुद्र के रास्ते आने वालों ने पहले भी देश पर कब्जा किया था. अब भी हाल कुछ ऐसा ही है. कंपनी की सरकार है इसलिए जनविरोधी फैसले ले रही है. आधा देश बेच दिया और आधा बोली पर लगा हुआ है. सरकार पर कब्जा कर बैठ गए इन लोगों को न तो इस देश से लगाव है और न देश के संसाधनों से.

उन्होंने कहा कि सरकार सितंबर तक यदि किसानों की बात नहीं सुनती तो किसान कोई बड़ा निर्णय लेंगे और पहली बार तो पुलिस को गुमराह करके ट्रैक्टरों को लालकिले पर ले गई, लेकिन इस बार किसानों के ट्रैक्टर कहकर संसद पर जाएंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि अबकी बार संघर्ष हुआ तो किसान पीछे नहीं हटने वाला. सरकार सितंबर तक समस्या का निस्तारण करे नहीं तो हमें सख्त निर्णय लेने को मजबूर होना पड़ेगा.

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उन्होंने कहा सरकार कहती है कि देश में MSP थी है और रहेगी, लेकिन हम बता देना चाहते हैं कि मूंग के किसानों को एमएसपी नहीं मिला. 7500 रुपये एमएसपी वाली मूंग चार हजार रुपये में खरीदी गई. किसान मूंग लेकर संसद जाएंगे. सरकार इस गलतफहमी में न रहे कि वाटर कैनन से किसानों के ट्रैक्टर रुक जाएंगे. बंपर लगे ट्रैक्टर न केवल बैरियर तोड़ेंगे बल्कि वाटर कैनन मारने के लिए लगाई गाड़ियों का भी इलाज करेंगे.

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