नई दिल्ली : संसद में बजट सत्र के छठे दिन आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की गई. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि चीन की आक्रामकता के बीच भारत की संसद को वास्तविकता से अवगत कराना चाहिए. उन्होंने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि युद्ध के बीच भी संसद का सत्र बुलाया गया था, और संसद को वास्तविक स्थिति बताई गई थी.
आनंद शर्मा ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा और अमर जवान ज्योति को नेशनल वॉर मेमोरियल में मिलाए जाने की घटना का भी जिक्र किया. उन्होंने धार्मिक व्यवहार का जिक्र कर कहा, घर से बाहर निकलने पर व्यक्तिगत तौर पर उनके लिए संविधान सबसे ऊपर आता है. शर्मा ने कहा कि धार्मिक क्रियाकलाप उनके निजी जीवन का भाग है.
इससे पहले आंध्र प्रदेश से निर्वाचित टीडीपी सांसद के रविंद्र कुमार ने चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस की आंध्र सरकार पर लोगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा आंध्र की राजधानी के मुद्दे पर जगन मोहन रेड्डी की सरकार को कठघरे में खड़ा किया.
रविंद्र कुमार के बाद उत्तर प्रदेश से निर्वाचित भाजपा सांसद सीमा द्विवेदी ने अपनी बातें रखीं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार ने देश के हर प्रांत का ध्यान रखा गया है. उन्होंने कहा कि महिलाओं की योग्यता और क्षमता को पीएम मोदी ने समझा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास सरकार पर आरोप लगाने के लिए कोई तथ्य नहीं हैं. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में घोटाले होते थे, लेकिन भाजपा सरकार की अच्छी नीतियों के कारण देश तेजी से आगे बढ़ रहा है.
'कवि अठावले' की बातों पर राज्य सभा में ठहाके
इसके बाद आनंद शर्मा और फौजिया खान ने भी राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सरकार से तीखे सवाल पूछे. पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी सरकार की योजनाओं और सफतला को गिनाने के प्रयास किए. जावड़ेकर के बाद केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ने अपने काव्यांशों के सहारे कांग्रेस पर चुटकी ली. उन्होंने कांग्रेस नेता आनंद शर्मा को पार्टी बदलने का ऑफर भी दे डाला. अठावले के लगभग 7 मिनट के वक्तव्य के दौरान राज्य सभा में ठहाके भी लगे.
इसके बाद मनोनीत राज्य सभा सांसद राकेश सिन्हा ने कांग्रेस पर तीखे प्रहार किए. राकेश सिन्हा और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे, आनंद शर्मा के बीच वाकयुद्ध भी देखने को मिला. राकेश सिन्हा के बाद पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया. उन्होंने देश में अनाज उत्पादन और अन्य केंद्रीय योजनाओं पर अपनी बातें रखीं.
इससे पहले सुबह 10 बजे राज्य सभा की कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने लता मंगेशकर के निधन का जिक्र किया. सदस्यों ने कुछ क्षणों का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. सभा की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित रहने के बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा दोबारा शुरू की गई.
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संगीत की दुनिया में लता मंगेशकर की उल्लेखीय भूमिका को याद करते हुए नायडू ने कहा कि उनके निधन से एक युग का अंत हो गया और देश को अपूरणीय क्षति हुई है. उन्होंने कहा कि पिछले सात दशकों में लता मंगेशकर ने 36 भाषाओं सहित कुछ विदेशी भाषाओं में भी 25 हजार से अधिक गाने गाए और देश व दुनिया को अपनी मधुर आवाज से मंत्रमुग्ध किया. उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर 1999 से 2005 तक राज्य सभा की मनोनीत सदस्य रही थीं.