नई दिल्ली :) राज्यसभा ने मंगलवार को राष्ट्रीय सहबद्ध और स्वास्थ्य देखरेख वृत्ति आयोग, विधेयक 2020 को ध्वनि मत से मंजूरी दे दी. यह विधेयक इस क्षेत्र के पेशेवरों की शिक्षा और सेवाओं के मानकों का विनियमन करने के उद्देश्य से लाया गया है.
विधेयक पर चली चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सकों और नर्सों के अलावा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कई कर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी और यह विधेयक उन्हें श्रद्धांजलि होगी.
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सहित लगभग सभी विपक्षी दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया.
मंत्री के जवाब के बाद विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई.
इससे पहले, विधेयक पेश करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि यह विधेयक सहबद्ध और स्वास्थ्य देखरेख करने वाले पेशेवरों के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
उन्होंने बताया कि इस विधेयक को 15 सितंबर 2020 को इस सदन में पेश किया गया था और फिर चर्चा के लिए उसे संबंधित संसदीय समिति को भेजा गया था.
समिति की अधिकांश सिफारिशों को विधेयक में शामिल करते हुए इसे नये सिरे से आज पेश किया गया.
हर्षवर्धन ने कहा, यह मील का पत्थर साबित होने वाली पहल है. इसमें, लोगों व स्वास्थ्य संबंधी पेशेवरों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के मामले में भविष्य बदलने की क्षमता है.
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों, नर्सों, दंत चिकित्सकों और फार्मेसिस्ट पर निगरानी के लिए संबंधित नियामक संस्थाएं हैं लेकिन सहबद्ध और स्वास्थ्य देखरेख पेशेवरों के लिए अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों की शिक्षा और पेशे को कई देशों ने वैधानिक बनाया है.