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Constitution Preamble Amendment : राज्य सभा में प्राइवेट मेंबर बिल, कांग्रेस और टीएमसी का विरोध

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Published : Feb 4, 2022, 12:52 PM IST

Updated : Feb 4, 2022, 3:10 PM IST

संविधान की प्रस्तावना में संशोधन (Constitution Preamble Amendment) की पहल की गई है. राज्य सभा में प्राइवेट मेंबर बिल लाया गया है. प्राइवेट मेंबर बिल पर कांग्रेस और टीएमसी सांसदों ने विरोध किया.

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राज्य सभा की कार्यवाही

नई दिल्ली : संविधान की प्रस्तावना में संशोधन (Constitution Preamble Amendment) के लिए राज्य सभा में प्राइवेट मेंबर बिल लाया गया है. उपसभापति हरिवंश ने बजट सत्र के पांचवें दिन राज्य सभा में केजे अल्फोंस की ओर से पेश किए प्राइवेट मेंबर बिल पर सभापति के आसन, संविधान और कानूनी प्रावधानों को स्पष्ट किया.

कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने इसका विरोध किया. उन्होंने संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के आलोक में कहा कि संविधान की प्रस्तावना में संशोधन की पहल नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि राज्य सभा के अलावा देश के तमाम संवैधानिक पदों पर संविधान की शपथ ली जाती है.

संविधान की प्रस्तावना में संशोधन पर राज्य सभा में प्राइवेट मेंबर बिल

आनंद शर्मा के अलावा, तृणमूल सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने भी इस पर आपत्ति जताई. ओडिशा से निर्वाचित बीजद सांसद ने कहा कि पहले भी संविधान की प्रस्तावना में शब्द जोड़े गए हैं, ऐसे में अब संशोधन नहीं किया जा सकता, यह कहना ठीक नहीं है.

बजट सत्र से जुड़ी अन्य खबरें-

इससे पहले संसद में बजट सत्र के पांचवें दिन आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ओडिशा से निर्वाचित बीजद सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार अपने फैसलों में ओडिशा के साथ भेदभाव (discrimination with odisha in railways) कर रही है. उन्होंने कहा कि रेलवे से जुड़ी परियोजना में उन्हें कहा गया कि ओडिशा में समुद्री किनारों के कारण परियोजना लागू करना संभव नहीं है, लेकिन आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में परियोजना को स्वीकृति दी गई. यह साफ बताता है कि ओडिशा के साथ भेदभाव किया जा रहा है.

नई दिल्ली : संविधान की प्रस्तावना में संशोधन (Constitution Preamble Amendment) के लिए राज्य सभा में प्राइवेट मेंबर बिल लाया गया है. उपसभापति हरिवंश ने बजट सत्र के पांचवें दिन राज्य सभा में केजे अल्फोंस की ओर से पेश किए प्राइवेट मेंबर बिल पर सभापति के आसन, संविधान और कानूनी प्रावधानों को स्पष्ट किया.

कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने इसका विरोध किया. उन्होंने संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के आलोक में कहा कि संविधान की प्रस्तावना में संशोधन की पहल नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि राज्य सभा के अलावा देश के तमाम संवैधानिक पदों पर संविधान की शपथ ली जाती है.

संविधान की प्रस्तावना में संशोधन पर राज्य सभा में प्राइवेट मेंबर बिल

आनंद शर्मा के अलावा, तृणमूल सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने भी इस पर आपत्ति जताई. ओडिशा से निर्वाचित बीजद सांसद ने कहा कि पहले भी संविधान की प्रस्तावना में शब्द जोड़े गए हैं, ऐसे में अब संशोधन नहीं किया जा सकता, यह कहना ठीक नहीं है.

बजट सत्र से जुड़ी अन्य खबरें-

इससे पहले संसद में बजट सत्र के पांचवें दिन आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ओडिशा से निर्वाचित बीजद सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार अपने फैसलों में ओडिशा के साथ भेदभाव (discrimination with odisha in railways) कर रही है. उन्होंने कहा कि रेलवे से जुड़ी परियोजना में उन्हें कहा गया कि ओडिशा में समुद्री किनारों के कारण परियोजना लागू करना संभव नहीं है, लेकिन आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में परियोजना को स्वीकृति दी गई. यह साफ बताता है कि ओडिशा के साथ भेदभाव किया जा रहा है.

Last Updated : Feb 4, 2022, 3:10 PM IST
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