भोपाल। राजगढ़ जिले में नातरा प्रथा के चलते एक 14 साल की नाबालिग की जान चली गई. बच्ची का बचपन में रिश्ता तय किया गया था. बच्ची के परिजनों के मुताबिक गरीबी के चलते किशोरी का रिश्ता बचपन में ही तय कर दिया था, लेकिन यह भी तय किया गया था कि बच्ची को बालिग होने पर ही विदा किया जाएगा. लेकिन ससुराल पक्ष बच्ची को 14 साल की उम्र में ही ले जाने का दवाब बनाने लगे. दो दिन पहले गाड़ी में भरकर करीब 25 लोग आए और बहू को ले जाने का दवाब बनाने लगे. उन्होंने जाते-जाते धमकी भी दी कि यदि 2 दिन में बेटी को नहीं भेजा तो जीने लायक नहीं छोड़ेंगे. ससुराल पक्ष की धमकी से डर कर बच्ची ने आत्महत्या कर ली. उधर पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दी है.
यह है पूरा मामला: पीड़ित परिवार राजगढ़ जिले के कालीपीठ थाना क्षेत्र के देहरी जागीर गांव का रहने वाला है. पीड़ित परिवार ने बताया कि ''गरीबी के चलते बच्ची का 3 साल की उम्र में नातरा प्रथा के तहत विवाह तय किया गया था, लेकिन बाद में यह शादी टूट गई. बेटी की शादी 11 साल की उम्र में नातरा प्रथा के तहत अपने दो परिचित कमल सिंह और बने सिंह के माध्यम से राजस्थान के गोपाल खो गांव में रहने वाले बब्लू से कर दी थी. शादी के समय बेटी के ससुराल वालों ने चांदी के कड़े, करदोना आदि दिए थे. शादी के वक्त तय किया गया था कि लड़की के बालिग होने पर ही उसकी विदाई की जाएगी. उस समय बेटी के ससुराल वाले इसके लिए तैयार थे. शादी के तीन साल बाद लड़की जैसे ही 14 साल की हुई तो वे बहू को ससुराल भेजने का दवाब बनाने लगे. जब परिजनों ने इसके लिए मना किया तो उन्होंने गांव में आग लगाने की धमकी दी. पिछले दिनों गाड़ी में भरकर 20 से 25 लोग पहुंचे और बच्ची को ले जाने का दवाब बनाने लगे. नहीं भेजा तो दो दिन में भेजने की धमकी देकर चले गए. इसके एक दिन बाद उन्होंने चिट्ठी भेजकर फिर धमकी दी. ससुराल पक्ष की लगातार धमकियों से तनाव में आई बच्ची ने आत्महत्या कर ली.''
पुलिस ने किया मामला दर्ज: उधर मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची. थाना प्रभारी रजनीश सिरोठिया ने बताया कि ''मामले में प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है.'' दरअसल राजस्थान और पश्चिमी मध्यप्रदेश के इलाकों में नातरा प्रथा प्रचलित है. इसमें विधवा या पति द्वारा छोड़ी गई महिला के पुनर्विवाह की प्रथा है. इसमें यदि एक जगह शादी तय करने के बाद दूसरी जगह शादी करती है तो उसे ससुराल पक्ष को हर्जाना देना होता है.
क्या है नातरा प्रथा: इस प्रथा की के मुताबिक लड़के-लड़कियों की बचपन में ही शादी कर दी जाती है. जब दोनों बड़े होते हैं और कई बार एक-दूसरे के साथ रहना पसंद नहीं करते या एक दूसरे को समझ नहीं पाते. ज्यादातर मामलों में लड़का, लड़की को छोड़ देता है या उससे छुटकारा पाने मारपीट और प्रताड़ित करता है. जिसके बाद लड़की खुद ही पति का घर छोड़कर माता पिता के घर चली जाती है. तब लड़की का परिवार लड़की का रिश्ता कहीं और तय कर देता है, तो उसे नातरा प्रथा की श्रेणी में रखा जाता है. जब लड़की की शादी दूसरी जगह की जाती है, तब पहले पति का परिवार लड़की के पिता या नए पति से राशि की मांग करता है. यह राशि लाखों रुपयों में होती है. राशि वसूलने के बाद दूसरी शादी हो जाती है. नतारा प्रथा राजगढ़ जिले की सबसे बड़ी कुप्रथा है. हालांकि इस प्रथा को खत्म करने के लिए प्रशासन लगातार अनेक तरह के कार्यक्रम चला रहा है, लेकिन इस प्रथा पर पूरी तरह से अंकुश लगाने में अब तक सफलता नहीं मिली है.