जयपुर. देश की राजधानी नई दिल्ली में जारी G20 समिट में राजस्थान की झलक विदेशी पावणों को लुभा रही है. अतिथि देवो भव: की तर्ज पर मेहमाननवाजी को जोरदार बनाने के लिए काफी प्रयास किए गए हैं, ताकि भारत आने वाले राष्ट्राध्यक्षों के आदर सत्कार में कोई कमी न रहे. प्रगति मैदान पर भारत मंडपम में राजस्थान के हस्तशिल्प कलाकारों और जनजातीय कलाकारों की ओर से बनाई गई विभिन्न कलाकृतियों की नुमाइश लगाई गई है. इसके अलावा हैंडलूम उत्पादों को भी प्रदर्शित किया गया है. जयपुर की कंपनी की ओर से बनाए गए चांदी के बर्तन भी इस बीच आकर्षण का केंद्र रहने वाले हैं.
यह कलाकृतियां खींचेंगी ध्यान : G20 समिट के दौरान देश के हर राज्य के कलाकारों की कलाकृतियों को पेश किया गया है, ताकि विदेशी मेहमान एक छत के नीचे पूरे भारत की कलाकृतियों से रूबरू हो सकें. GI मार्क वाली इन कलाकृतियों में जनजातीय मीना कलाकारों की ओर से बनाई गई ब्लू पॉटरी, जनजातीय भील कलाकारों की ओर से बनाए गए लकड़ी के सजावटी सामान, लाख से बनी हुई चूड़ियां, प्रसिद्ध पिछवाई पेंटिंग और बंधेज के कपड़े खास हैं.
चांदी के बर्तनों की देशभर में चर्चा : G20 समिट के लिए आए मेहमानों की खातिरदारी के लिए खास चांदी और सोने के बर्तन भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. इन बर्तनों पर चांदी और सोने का पानी चढ़ाया गया है. इन्हें तैयार करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों का खास ख्याल रखा गया है. जयपुर की डिजाइनर और मेटलवेयर के निर्माता अरुण ग्रुप ऑफ कंपनीज ने खास सिल्वर प्लेटेड टेबल वेयर और कटलरी तैयार की है. इसके पहले यह कंपनी साल 2020 में डोनाल्ड ट्रम्प और साल 2010 और 2015 में बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान भी विशेष सर्व वेयर और कटलरी तैयार कर चुकी है.
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राज्यों की संस्कृति का ध्यान दिया गया : समूह के संस्थापक सीईओ अरुण पाबुवाल ने बताया कि 300 कारीगरों की एक टीम ने पारम्परिक तकनीक के साथ ही आधुनिक तरीकों और कम्प्यूटरीकृत डिजाइन का उपयोग किया, जिसमें विभिन्न मिश्रित धातुओं का उपयोग करके इन्हें तैयार किया गया है. इसमें मोती मैट फिनिश में शुद्ध चांदी की मोटी परत लगाई गई है, जिसे फ्यूजन एलिगेंस की थीम कहा जाता है. एक-एक बर्तन को तैयार करने के लिए खास तौर पर राज्यों की संस्कृति का ध्यान दिया गया है, जिससे हर बर्तन में भारतीयता की झलक और विविधता दिखाई देगी.
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160 किलो चांदी का हुआ इस्तेमाल : जी-20 समिट के लिए तैयार इन बर्तनों को बनाने में अलग-अलग राज्यों जैसे कर्नाटक, बंगाल, उत्तर प्रदेश, जयुपर और उत्तराखंड के कारीगरों ने काम किया है. लगभग 15,000 चांदी के बर्तन करीब 50 हजार घंटे में तैयार किए गए हैं. इसके लिए 160 किलो चांदी का उपयोग किया गया है. नमक वाले बर्तन यानी साल्ट ट्रे पर अशोक चक्र का चित्र बना हुआ है. डिनर सेट में चांदी के बर्तन के अलावा गोल्ड प्लेटेड कटोरी, नमक स्टैंड और चम्मच शामिल हैं. बता दें कटोरी, गिलास और प्लेट को रॉयल लुक दिया है.