जयपुर. राजस्थान में राज्यसभा (Rajysabha Election 2022) की 4 सीटों पर खड़े हुए 5 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज शाम 5 बजे मतगणना के बाद हो जाएगा. मतदान के बाद जारी होने वाले चुनाव परिणाम बता देंगे की किस पार्टी और नेता के दावों में कितनी हकीकत रही. यह भी साफ हो जाएगा कि जिन विधायकों को बाड़ेबंदी में रखकर अपने-अपने समर्थन का दावा किया जा रहा था क्या उन विधायकों ने अपनी निष्ठा निभाई या नहीं.
अब मतदान पर नजरें- राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों ही राजनीतिक दलों ने अपने विधायकों को बड़ाबंदी में रखा था. देर रात राजनीतिक दलों ने यह भी तय कर लिया कि उनके विधायक अपने किस प्रत्याशी को पहली और दूसरी वरीयता के वोट देंगे. अब नजर है विधायकों द्वारा किए जाने वाले मतदान और उसके बाद आने वाले परिणामों पर ही रहेगी.
कांग्रेस विधायक गहलोत और डोटासरा को दिखा कर देंगे वोट- राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायक मतदान के दौरान अपना वोट सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को दिखा कर देंगे. वहीं, कांग्रेस का एक बस होटल लीला पैलेस से रवाना हो गया है.
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भाजपा विधायक पूनिया और राठौड़ को दिखा कर देंगे वोट- राज्यसभा चुनाव में भाजपा के विधायक मतदान के दौरान अपना वोट पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ को दिखा कर देंगे. बताया जा रहा है कि भाजपा प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी के मतदान के दौरान 41 भाजपा विधायकों के वोट दिखाए जाने के लिए पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष और विधायक सतीश पूनिया को अधिकृत किया है. जबकि भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. सुभाष चंद्रा के पक्ष में भाजपा के बचे हुए 30 विधायक प्रतिपक्ष नेता राजेन्द्र राठौड़ को अपना वोट दिखा कर देंगे.
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बीटीपी और माकपा विधायकों के रुख पर रहेगी नजरें- राज्यसभा चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी ने मतदान नहीं करने का निर्णय लिया है. राजस्थान में बीटीपी के दो विधायक हैं, लेकिन जिस तरह इन विधायकों ने हाल ही में मुख्यमंत्री से मुलाकात की उसके बाद इन विधायकों के रूख पर सबकी नजरें टिकी है क्योंकि इन चुनावों में व्हिप लागू नहीं होता. पार्टी स्तर व्हिप का उल्लंघन करने पर भी विधायकों द्वारा दिया गया वोट खारिज नहीं हो सकता. मतलब यदि विधायक पार्टी की ओर से अधिकृत एजेंट को वोट दिखा कर देते हैं तो उनका वोट खारिज नहीं होगा. फिर चाहे ये विधायक पार्टी के निर्णय के खिलाफ ही किसी अन्य प्रत्याशी को ही वोट क्यों न दे दे. इन चुनावों में कांग्रेस माकपा विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है, लेकिन माकपा ने अब तक पार्टी स्तर पर इसका निर्णय नहीं सुनाया है. माकपा के भी राजस्थान में दो विधायक हैं.
बाड़ेबंदी स्थल से बसों में सवार होकर वोट देने आएंगे विधायक- राज्यसभा चुनाव के लिए शुक्रवार सुबह 9 बजे मतदान शुरू हो जाएगा, जो शाम 4 बजे तक चलेगा. संभवत: इस दौरान भाजपा और कांग्रेस और अन्य विधायक अपने बाड़ेबंदी स्थल से बसों में सवार होकर मतदान स्थल तक पहुंचेंगे. रणनीति यह भी है कि भाजपा अपनी पहली बस में 41 विधायकों को मतदान स्थल पर भेजेगी, जिन्हें अधिकृत प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी के पक्ष में प्रथम वरीयता के वोट डालना है. उसके बाद निर्दलीय भाजपा समर्थित प्रत्याशी डॉ. सुभाष चंद्रा के समर्थन में वोट डालने वाले अन्य विधायकों को बस में भेजा जाएगा. हर बस में पार्टी से जुड़े बड़े पदाधिकारी तैनात रहेंगे और बस बाड़ाबंदी स्थल से रवाना होकर सीधे विधानसभा में बने मतदान स्थल पर पहुंचेगी. जहां विधायकों को बस से उतरने की अनुमति रहेगी.
निर्दलीय विधायकों पर लागू नहीं होगा वोट दिखाकर देने का नियम- राजस्थान में 13 विधायक निर्दलीय है और राज्यसभा चुनाव में इन निर्दलीय विधायकों पर वोट दिखाकर देने का नियम लागू नहीं होता क्योंकि यह विधायक किसी पार्टी से संबंधित नहीं है. ऐसे में यह विधायक गोपनीयता का ध्यान रखते हुए अपना वोट बिना किसी को दिखाए दे सकते हैं. लेकिन अन्य किसी को वोट दिखाया तो इनका वोट खारिज हो सकता है.
राजस्थान राज्यसभा चुनाव में ये है विधायक और वोटों का गणित- राजस्थान विधानसभा में कुल 200 विधायक हैं. मतलब इन चुनाव में 200 विधायक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. इनमें कांग्रेस के खुद के 108 विधायक हैं जबकि आरएलडी के 1 विधायक डॉ. सुभाष गर्ग सरकार में मंत्री हैं. इस तरह कांग्रेस के 109 विधायक हुए. इसी तरह भाजपा के 71 विधायक, आरएलपी के 3 विधायक, बीटीपी के 2, माकपा के 2 और 13 निर्दलीय विधायक हैं. राज्यसभा चुनाव में उतरे प्रत्याशियों को जीत के लिए प्रथम वरीयता के 41 वोट चाहिए. कांग्रेस ने 3 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं. इनमें रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवाड़ी शामिल हैं. जबकि भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी के रूप में एक और डॉ. सुभाष चंद्रा के रूप में भाजपा निर्दलीय समर्थित उम्मीदवार मैदान में हैं.
यह विधायक बाड़ेबंदी में और यह है बाहरः इन चुनावों में भाजपा और कांग्रेस दोनों अपने विधायकों की बाड़ेबंदी कर रही है. भाजपा विधायकों कि बाड़ेबंदी जयपुर के होटल देवी रतन में की जा रही है. जहां पर सभी 71 भाजपा के विधायक मौजूद हैं. वही कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी पहले उदयपुर में की गई थी जो गुरुवार शाम जयपुर में शिफ्ट कर दी गई. कांग्रेस का दावा है कि उसे 126 विधायकों का समर्थन है लेकिन कांग्रेस के कैंप में माकपा के 2,विधायकों के साथ बलजीत यादव के रूप में एक निर्दलीय विधायक कैंप के बाहर हैं. वहीं कांग्रेस विधायकों में से भरत सिंह कुंदनपुर भी कैंप में शामिल नहीं है, लेकिन सीधे मतदान स्थल पहुंचेंगे. इसकी सूचना उन्होंने पार्टी को दे दी है. वहीं दीपेंद्र सिंह शेखावत, मुरारी मीणा, परसराम मोरदिया, रूपाराम मेघवाल की तबीयत खराब है. जिसके चलते वे कैंप में शामिल नहीं हुए और उसकी अनुमति इन्होंने पार्टी से ले रखी है. वहीं बीटीपी के दो विधायक उदयपुर से कांग्रेस नेताओं के साथ जयपुर आ गए हैं.