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Rajasthan MLAs Horse Trading Case : अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कांग्रेस विधायकों के खिलाफ ED में लिखित शिकायत

एडवोकेट पूनमचंद भंडारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कांग्रेस विधायकों के खिलाफ ईडी में (Rajasthan MLAs Horse Trading Case) शिकायत दी है. इन सभी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय जयपुर में ईमेल के जरिए लिखित में शिकायत की गई है

राजस्थान में विधायकों के खरीद फरोख्त का मामला
Rajasthan MLAs Horse Trading Case
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Published : May 9, 2023, 10:46 PM IST

जयपुर. राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला अब सियासी बयानबाजी से निकलकर ईडी के ऑफिस तक पहुंच गया है. राजस्थान हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट पूनमचंद भंडारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कांग्रेस के विधायकों के खिलाफ जयपुर में प्रवर्तन निदेशालय में लिखित शिकायत दी है. इसमें सीएम गहलोत के आरोपों की जांच करते हुए विधायकों से पैसा बरामद करने की अपील की है.

ईडी पहुंचा करोड़ों का मामला : एडवोकेट पूनमचंद भंडार की ओर से ईडी में दी गई शिकायत में बताया गया है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 7 मई को धौलपुर में महंगाई राहत शिविर की सभा में भाषण दिया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मिलकर सरकार गिराने का षड्यंत्र रचा था. साथ ही आरोप लगाया कि उन्होंने कांग्रेस के कुछ विधायकों को पैसे भी दिए थे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि जिन विधायकों ने 10-10 करोड़ रुपए लिए हैं, उस राशि को वापस अमित शाह को वापस लौटा दें. सीएम गहलोत के बयान के अनुसार कांग्रेस के विधायकों पर करोड़ों रुपए लेने का आरोप है, जो मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बन जाता है. शिकायत में भंडारी ने पूरे प्रकरण की जांच करने की अपील की है.

पढ़ें. CM Gehlot attack on Pilot camp: मानेसर गए विधायकों ने जो 10-10 करोड़ लिए हैं, उन्हें वापस अमित शाह को लौटाएं - अशोक गहलोत

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला : एडवोकेट भंडारी ने अपनी शिकायत में कहा कि जिन लोगों पर पैसे देने और पैसे लेने के आरोप लगे हैं, उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा तीन के तहत अपराध किया है. ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. शिकायत में ये भी कहा गया कि पैसों की लेन-देन का आरोप किसी साधारण व्यक्ति ने नहीं बल्कि राजस्थान सरकार के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लगाया है, इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए. साथ ही विधायकों से पैसा बरामद किया जाना चाहिए. यदि उन्होंने उस पैसे से संपत्ति खरीदी है तो उसे भी जब्त किया जाना चाहिए.

ये कहा था गहलोत ने : बता दें कि सीएम गहलोत ने 7 मई को सर्वजनिक सभा में अपने विधायकों पर बीजेपी के नेताओं से पैसे लेने का आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनकी पार्टी के कुछ विधायकों को 10 से 20 करोड़ रुपए दिए हैं. उन्होंने कहा कि विधायक उन पैसों को वापस लौटा दें. अगर उसमें से कुछ राशि खर्च कर ली हो तो वह एआईसीसी से वापस दिलवा देंगे. उन्होंने आगे कहा कि उनका पैसा रखोगे तो हमेशा दबाव बनाकर रखेंगे. गृहमंत्री हैं डराएंगे धमकाएंगे, जैसा वे गुजरात में करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि वो महाराष्ट्र में शिवसेना के दो टुकड़े करा चुके हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह बयान सियासी गलियारों में खासा चर्चाओं का विषय बना हुआ है.

जयपुर. राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला अब सियासी बयानबाजी से निकलकर ईडी के ऑफिस तक पहुंच गया है. राजस्थान हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट पूनमचंद भंडारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कांग्रेस के विधायकों के खिलाफ जयपुर में प्रवर्तन निदेशालय में लिखित शिकायत दी है. इसमें सीएम गहलोत के आरोपों की जांच करते हुए विधायकों से पैसा बरामद करने की अपील की है.

ईडी पहुंचा करोड़ों का मामला : एडवोकेट पूनमचंद भंडार की ओर से ईडी में दी गई शिकायत में बताया गया है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 7 मई को धौलपुर में महंगाई राहत शिविर की सभा में भाषण दिया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मिलकर सरकार गिराने का षड्यंत्र रचा था. साथ ही आरोप लगाया कि उन्होंने कांग्रेस के कुछ विधायकों को पैसे भी दिए थे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि जिन विधायकों ने 10-10 करोड़ रुपए लिए हैं, उस राशि को वापस अमित शाह को वापस लौटा दें. सीएम गहलोत के बयान के अनुसार कांग्रेस के विधायकों पर करोड़ों रुपए लेने का आरोप है, जो मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बन जाता है. शिकायत में भंडारी ने पूरे प्रकरण की जांच करने की अपील की है.

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मनी लॉन्ड्रिंग का मामला : एडवोकेट भंडारी ने अपनी शिकायत में कहा कि जिन लोगों पर पैसे देने और पैसे लेने के आरोप लगे हैं, उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा तीन के तहत अपराध किया है. ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. शिकायत में ये भी कहा गया कि पैसों की लेन-देन का आरोप किसी साधारण व्यक्ति ने नहीं बल्कि राजस्थान सरकार के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लगाया है, इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए. साथ ही विधायकों से पैसा बरामद किया जाना चाहिए. यदि उन्होंने उस पैसे से संपत्ति खरीदी है तो उसे भी जब्त किया जाना चाहिए.

ये कहा था गहलोत ने : बता दें कि सीएम गहलोत ने 7 मई को सर्वजनिक सभा में अपने विधायकों पर बीजेपी के नेताओं से पैसे लेने का आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनकी पार्टी के कुछ विधायकों को 10 से 20 करोड़ रुपए दिए हैं. उन्होंने कहा कि विधायक उन पैसों को वापस लौटा दें. अगर उसमें से कुछ राशि खर्च कर ली हो तो वह एआईसीसी से वापस दिलवा देंगे. उन्होंने आगे कहा कि उनका पैसा रखोगे तो हमेशा दबाव बनाकर रखेंगे. गृहमंत्री हैं डराएंगे धमकाएंगे, जैसा वे गुजरात में करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि वो महाराष्ट्र में शिवसेना के दो टुकड़े करा चुके हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह बयान सियासी गलियारों में खासा चर्चाओं का विषय बना हुआ है.

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