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राजस्थान इंटेलिजेंस ने दिल्ली से पकड़ा पाक जासूस, सामने आए चौंकाने वाले खुलासे

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Published : Aug 21, 2022, 7:36 PM IST

राजस्थान इंटेलिजेंस ने दिल्ली से पाक जासूस को पकड़ा है. उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ था और वह 22 साल की उम्र में पाकिस्तान से वीजा लेकर भारत आ गया था. उसके बाद यहां की नागरिकता लेकर जासूसी करने लगा. उसने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.

Pakistani Spy Arrested from Delhi, Rajasthan Intelligence Big Action
दिल्ली से पकड़ा पाक जासूस.

जयपुर. राजस्थान इंटेलिजेंस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैंडलर्स को सिम कार्ड उपलब्ध करवाने वाले जासूस को दिल्ली से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है. डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि 14 अगस्त को भीलवाड़ा से पाकिस्तानी जासूस नारायण लाल गाडरी को गिरफ्तार किया गया था. पाक जासूस नारायण लाल गाडरी सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैंडलर से संपर्क में था और उन्हें उनके सोशल मीडिया अकाउंट संचालन करने हेतु मोबाइल नंबर व ओटीपी उपलब्ध करवा रहा था. आरोपी से हुई पूछताछ के दौरान दिल्ली के संजय कॉलोनी निवासी भागचंद का नाम उजागर हुआ, जो कि पाक हैंडलिंग अफसर के संपर्क में रहकर जासूसी का काम कर रहा था.

22 साल की उम्र में पाकिस्तान से वीजा पर भारत आया : राजस्थान इंटेलिजेंस द्वारा रविवार को दिल्ली से भागचंद को हिरासत में लेकर जयपुर लाया गया, जहां उससे हुई पूछताछ में कई चौंकाने वाले (Pakistani Spy Arrested from Delhi) खुलासे हुए. भागचंद ने बताया कि उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ था और वह 22 वर्ष की उम्र में परिवार सहित वीजा लेकर वर्ष 1998 में दिल्ली आ गया था. 2016 में उसने भारत की नागरिकता प्राप्त की और दिल्ली में ही टैक्सी चलाने व मजदूरी करने का काम करने लगा.

भागचंद के रिश्तेदार और अन्य परिजन पाकिस्तान में रहते हैं, जिसके चलते वह उनसे लगातार संपर्क में था. इसी दौरान तकरीबन 4 वर्ष पहले वह पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर के संपर्क में आया. पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर के कहने पर भागचंद जासूस नारायण लाल गाडरी से संपर्क कर उसके नाम से सिम कार्ड जारी करवा बस द्वारा दिल्ली मंगवाता. नारायण लाल गाडरी द्वारा भेजे गए सिम कार्ड को भागचंद दिल्ली में कश्मीरी गेट बस स्टैंड स्थित खान मार्केट ट्रेवल्स ऑफिस से प्राप्त करता.

पढ़ें : बाड़मेर से गिरफ्तार पाकिस्तानी जासूस के मोबाइल ने उगले राज, ISI के हैंडलर से होती थी बात

उक्त सिम कार्ड को पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर द्वारा भिजवाई गई धनराशि से खरीदे गए एक सेकंड हैंड की-पैड मोबाइल फोन में लगाकर ऑपरेट करता और मोबाइल पर आए हुए ओटीपी पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर को शेयर करता. ओटीपी के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (Honeytrap by Pak Agents) भारतीय मोबाइल नंबर पर सोशल मीडिया अकाउंट संचालित करतीं और सेना के जवानों व अन्य लोगों को हनीट्रैप में फंसाने का काम करती.

इसके बाद पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर के कहने पर भागचंद उन सिम कार्ड को बच्चों के कपड़ों में छिपाकर मसाले के पैकेट के साथ एक पार्सल के द्वारा मुंबई भिजवा देता. हालांकि, सिम कार्ड मुंबई में किसको भेजे जाते, इस बात की पड़ताल की जा रही है. आरोपी से हुई प्रारंभिक पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि भागचंद ने पाक हैंडलिंग अफसर के कहने पर 3 वर्ष पूर्व अपने नाम से सिम कार्ड खरीद कर पाकिस्तानी हैंडलर को व्हाट्सएप डाउनलोड करवाया था और उससे निरंतर संपर्क में था. इसकी एवज में भागचंद को पाक हैंडलिंग ऑफिसर द्वारा पेटीएम के माध्यम से बैंक खाते में धनराशि उपलब्ध करवाई जाती. पूछताछ में तमाम तथ्य उजागर होने पर भागचंद को रविवार शाम शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत गिरफ्तार किया गया है और राज्य विशेष शाखा द्वारा प्रकरण में अग्रिम अनुसंधान किया जा रहा है.

जयपुर. राजस्थान इंटेलिजेंस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैंडलर्स को सिम कार्ड उपलब्ध करवाने वाले जासूस को दिल्ली से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है. डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि 14 अगस्त को भीलवाड़ा से पाकिस्तानी जासूस नारायण लाल गाडरी को गिरफ्तार किया गया था. पाक जासूस नारायण लाल गाडरी सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैंडलर से संपर्क में था और उन्हें उनके सोशल मीडिया अकाउंट संचालन करने हेतु मोबाइल नंबर व ओटीपी उपलब्ध करवा रहा था. आरोपी से हुई पूछताछ के दौरान दिल्ली के संजय कॉलोनी निवासी भागचंद का नाम उजागर हुआ, जो कि पाक हैंडलिंग अफसर के संपर्क में रहकर जासूसी का काम कर रहा था.

22 साल की उम्र में पाकिस्तान से वीजा पर भारत आया : राजस्थान इंटेलिजेंस द्वारा रविवार को दिल्ली से भागचंद को हिरासत में लेकर जयपुर लाया गया, जहां उससे हुई पूछताछ में कई चौंकाने वाले (Pakistani Spy Arrested from Delhi) खुलासे हुए. भागचंद ने बताया कि उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ था और वह 22 वर्ष की उम्र में परिवार सहित वीजा लेकर वर्ष 1998 में दिल्ली आ गया था. 2016 में उसने भारत की नागरिकता प्राप्त की और दिल्ली में ही टैक्सी चलाने व मजदूरी करने का काम करने लगा.

भागचंद के रिश्तेदार और अन्य परिजन पाकिस्तान में रहते हैं, जिसके चलते वह उनसे लगातार संपर्क में था. इसी दौरान तकरीबन 4 वर्ष पहले वह पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर के संपर्क में आया. पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर के कहने पर भागचंद जासूस नारायण लाल गाडरी से संपर्क कर उसके नाम से सिम कार्ड जारी करवा बस द्वारा दिल्ली मंगवाता. नारायण लाल गाडरी द्वारा भेजे गए सिम कार्ड को भागचंद दिल्ली में कश्मीरी गेट बस स्टैंड स्थित खान मार्केट ट्रेवल्स ऑफिस से प्राप्त करता.

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उक्त सिम कार्ड को पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर द्वारा भिजवाई गई धनराशि से खरीदे गए एक सेकंड हैंड की-पैड मोबाइल फोन में लगाकर ऑपरेट करता और मोबाइल पर आए हुए ओटीपी पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर को शेयर करता. ओटीपी के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (Honeytrap by Pak Agents) भारतीय मोबाइल नंबर पर सोशल मीडिया अकाउंट संचालित करतीं और सेना के जवानों व अन्य लोगों को हनीट्रैप में फंसाने का काम करती.

इसके बाद पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर के कहने पर भागचंद उन सिम कार्ड को बच्चों के कपड़ों में छिपाकर मसाले के पैकेट के साथ एक पार्सल के द्वारा मुंबई भिजवा देता. हालांकि, सिम कार्ड मुंबई में किसको भेजे जाते, इस बात की पड़ताल की जा रही है. आरोपी से हुई प्रारंभिक पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि भागचंद ने पाक हैंडलिंग अफसर के कहने पर 3 वर्ष पूर्व अपने नाम से सिम कार्ड खरीद कर पाकिस्तानी हैंडलर को व्हाट्सएप डाउनलोड करवाया था और उससे निरंतर संपर्क में था. इसकी एवज में भागचंद को पाक हैंडलिंग ऑफिसर द्वारा पेटीएम के माध्यम से बैंक खाते में धनराशि उपलब्ध करवाई जाती. पूछताछ में तमाम तथ्य उजागर होने पर भागचंद को रविवार शाम शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत गिरफ्तार किया गया है और राज्य विशेष शाखा द्वारा प्रकरण में अग्रिम अनुसंधान किया जा रहा है.

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