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संजय जैन को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर लगाई रोक, राज्य सरकार व महेश जोशी को जारी किया नोटिस - ACB का कोई अपराध नहीं बनता

राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच से संजय जैन को बड़ी राहत मिली है. अदालत ने संजय जैन के खिलाफ विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही शिकायतकर्ता जलदाय मंत्री महेश जोशी व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

The Rajasthan High Court
संजय जैन को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर लगाई रोक
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Published : May 19, 2023, 8:35 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो टेप को लेकर एसीबी कोर्ट में आरोपी संजय जैन के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार और शिकायतकर्ता जलदाय मंत्री महेश जोशी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. जस्टिस बीरेंद्र कुमार की एकलपीठ ने यह आदेश संजय जैन की आपराधिक याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए हैं.

ये भी पढ़ेंः High Court News: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिए निर्देश, प्रतिमाह 5 दिन न्यायिक कार्य करें

ACB का कोई अपराध नहीं बनताः याचिका में अधिवक्ता विवेक राज बाजवा ने अदालत को बताया कि प्रकरण में एंटी करेंप्शन ब्यूरो (ACB) का कोई अपराध ही नहीं बनता है. मामले में पहले SOG में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के बाद एसओजी ने मामले में राजद्रोह का अपराध नहीं होने की बात कहकर प्रकरण को एसीबी में भेजने को कहा था. अदालत में एफआर पेश कर दी थी. वहीं भ्रष्टाचार का अपराध नहीं बनने के बावजूद भी एसीबी ने उसके खिलाफ एसीबी कोर्ट में आरोप पत्र पेश कर दिया. ऐसे में एसीबी कोर्ट की कार्रवाई को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एसीबी कोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है.

ये भी पढ़ेंः सरकार का संशोधन प्रार्थना पत्र निस्तारित, पूर्व के कथन में हुआ संशोधन, राज्य के अधिकारों पर प्रतिकूल असर नहीं

महेश जोशी ने 2020 में SOG में दर्ज कराई थी FIR: गौरतलब है कि विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने 17 जुलाई, 2020 को एसओजी में FIR दर्ज करवाई थी. जिसमें कहा था कि 16 जुलाई को सोशल मीडिया पर ऑडियो वायरल हुए हैं, जिसमें चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए एमएलए की खरीद-फरोख्त की बात कही जा रही हैं. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए एसओजी ने संजय जैन, अशोक सिंह चौहान एवं भरत कुमार मलानी को गिरफ्तार किया था. हालांकि एसओजी ने 4 अगस्त को कोर्ट में कहा कि यह राजद्रोह का अपराध नहीं बनता है और इसे एसीबी में भेजा जाए. इसके बाद एसओजी ने मामले में फाइनल रिपोर्ट (FR) पेश कर दी.

संजय जैन को किया गया था दोबारा गिरफ्तारः दूसरी ओर एसीबी ने इस मामले में अलग से FIR दर्ज की. एसीबी ने कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट लेकर 6 अगस्त, 2020 को संजय जैन को पुन: गिरफ्तार किया था. इसके बाद एसीबी की ओर से विशेष अदालत में आरोप पत्र पेश किया गया. जिसमें कहा गया कि 13 जुलाई, 2020 को संजय जैन के मोबाइल फोन को सर्विलांस पर लिया था. इसी दौरान 15 जुलाई को संजय की दिवंगत MLA भंवरलाल शर्मा व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र से बातचीत हुई थी और इसे रिकॉर्ड किया था. एसीबी ने इसकी जांच सीएफएसएल हैदराबाद-तेलंगाना में करवाई गई थी. जांच रिपोर्ट के आधार पर ही संजय जैन सहित अन्य को आरोपी माना गया. वहीं एमएलए भंवरलाल शर्मा का 9 अक्टूबर, 2022 को निधन हो गया है और इसके चलते उनके खिलाफ कार्रवाई को ड्रॉप किया गया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो टेप को लेकर एसीबी कोर्ट में आरोपी संजय जैन के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार और शिकायतकर्ता जलदाय मंत्री महेश जोशी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. जस्टिस बीरेंद्र कुमार की एकलपीठ ने यह आदेश संजय जैन की आपराधिक याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए हैं.

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ACB का कोई अपराध नहीं बनताः याचिका में अधिवक्ता विवेक राज बाजवा ने अदालत को बताया कि प्रकरण में एंटी करेंप्शन ब्यूरो (ACB) का कोई अपराध ही नहीं बनता है. मामले में पहले SOG में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के बाद एसओजी ने मामले में राजद्रोह का अपराध नहीं होने की बात कहकर प्रकरण को एसीबी में भेजने को कहा था. अदालत में एफआर पेश कर दी थी. वहीं भ्रष्टाचार का अपराध नहीं बनने के बावजूद भी एसीबी ने उसके खिलाफ एसीबी कोर्ट में आरोप पत्र पेश कर दिया. ऐसे में एसीबी कोर्ट की कार्रवाई को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एसीबी कोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है.

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महेश जोशी ने 2020 में SOG में दर्ज कराई थी FIR: गौरतलब है कि विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने 17 जुलाई, 2020 को एसओजी में FIR दर्ज करवाई थी. जिसमें कहा था कि 16 जुलाई को सोशल मीडिया पर ऑडियो वायरल हुए हैं, जिसमें चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए एमएलए की खरीद-फरोख्त की बात कही जा रही हैं. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए एसओजी ने संजय जैन, अशोक सिंह चौहान एवं भरत कुमार मलानी को गिरफ्तार किया था. हालांकि एसओजी ने 4 अगस्त को कोर्ट में कहा कि यह राजद्रोह का अपराध नहीं बनता है और इसे एसीबी में भेजा जाए. इसके बाद एसओजी ने मामले में फाइनल रिपोर्ट (FR) पेश कर दी.

संजय जैन को किया गया था दोबारा गिरफ्तारः दूसरी ओर एसीबी ने इस मामले में अलग से FIR दर्ज की. एसीबी ने कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट लेकर 6 अगस्त, 2020 को संजय जैन को पुन: गिरफ्तार किया था. इसके बाद एसीबी की ओर से विशेष अदालत में आरोप पत्र पेश किया गया. जिसमें कहा गया कि 13 जुलाई, 2020 को संजय जैन के मोबाइल फोन को सर्विलांस पर लिया था. इसी दौरान 15 जुलाई को संजय की दिवंगत MLA भंवरलाल शर्मा व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र से बातचीत हुई थी और इसे रिकॉर्ड किया था. एसीबी ने इसकी जांच सीएफएसएल हैदराबाद-तेलंगाना में करवाई गई थी. जांच रिपोर्ट के आधार पर ही संजय जैन सहित अन्य को आरोपी माना गया. वहीं एमएलए भंवरलाल शर्मा का 9 अक्टूबर, 2022 को निधन हो गया है और इसके चलते उनके खिलाफ कार्रवाई को ड्रॉप किया गया है.

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