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NGT ने राजस्थान सरकार पर कूड़ा फेंकने पर ठोका 50 लाख रुपये का जुर्माना

एनजीटी ने बीकानेर के एक गांव की कृषि भूमि पर अनट्रिटेड सीवेज और औद्योगिक कचरा डालने से रोकने में नाकाम रहने पर राजस्थान सरकार पर ₹50 लाख का अंतरिम जुर्माना लगाया है.

एनजीटी
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Published : Sep 23, 2021, 12:26 AM IST

नई दिल्ली: एनजीटी ने राजस्थान के बीकानेर स्थित नोखा गांव की कृषि भूमि पर अनट्रिटेड सीवेज और औद्योगिक कचरा डालने से रोकने में नाकाम रहने पर राजस्थान सरकार पर ₹50 लाख का अंतरिम जुर्माना लगाया है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने जुर्माने की ये रकम बीकानेर के कलेक्टर के यहां जमा करने का आदेश दिया है. जो इलाके की पानी की गुणवता बहाल करने पर इस्तेमाल होगी.

एनजीटी ने लगाया सरकार पर ₹50 लाख का जुर्माना

एनजीटी ने नवंबर 2019 में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इस संबंध में एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की थी, लेकिन बोर्ड इस आदेश का पालन करने में नाकाम रहा. SPCB ने 16 जून 2020 को अपनी रिपोर्ट में कहा कि बोर्ड के अधिकारी मौके पर मुआयना करने पहुंचे तो पाया कि नोखा नगर पालिका बोर्ड ने एक MLD का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तो लगा रखा है, लेकिन वो काम नहीं कर रहा है. जिस वजह से अनट्रिटेड कचरा बाहर आ रहा है और इसकी रिपोर्ट के आधार पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नोखा नगर पालिका बोर्ड के कार्यपालक अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया लेकिन, कोरोना की वजह से उस पर कार्रवाई नहीं हो सकी. 24 अगस्त 2020 को भी दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट काम नहीं कर रहा है और कचरा खुले में बह रहा है.

नोखा के कार्यपालक अधिकारी ने अपने जवाब में कहा कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को ठीक नहीं किया जा सकता है क्योंकि पर्याप्त बजट नहीं है. इलाके की आबादी बढ़ने की वजह से वहां एक ज्यादा क्षमता वाले प्लांट की जरूरत है. नोखा नगरपालिका बोर्ड ने सात MLD और चार MLD के दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव दिया. एनजीटी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और वाटर और एयर एक्ट के मुताबिक बजट का बहाना नहीं बनाया जा सकता है. अगर बजट नहीं है तो लोगों से फंड एकत्र किया जा सकता है.

एनजीटी ने SPCB के सदस्य सचिव को संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. एनजीटी ने राजस्थान के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखें और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें.

एनजीटी ने राज्य के मुख्य सचिव को अगली सुनवाई की तिथि को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का निर्देश दिया. एनजीटी ने राजस्थान के स्थानीय निकाय के सचिव के सुनवाई के दौरान पेश नहीं होने पर वारंट जारी किया.

इसे भी पढ़ें-कोरोना डेथ के बाद मुआवजा तो मिलेगा, मगर कैसे ? आवेदन से पहले जान लें शर्त

नई दिल्ली: एनजीटी ने राजस्थान के बीकानेर स्थित नोखा गांव की कृषि भूमि पर अनट्रिटेड सीवेज और औद्योगिक कचरा डालने से रोकने में नाकाम रहने पर राजस्थान सरकार पर ₹50 लाख का अंतरिम जुर्माना लगाया है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने जुर्माने की ये रकम बीकानेर के कलेक्टर के यहां जमा करने का आदेश दिया है. जो इलाके की पानी की गुणवता बहाल करने पर इस्तेमाल होगी.

एनजीटी ने लगाया सरकार पर ₹50 लाख का जुर्माना

एनजीटी ने नवंबर 2019 में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इस संबंध में एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की थी, लेकिन बोर्ड इस आदेश का पालन करने में नाकाम रहा. SPCB ने 16 जून 2020 को अपनी रिपोर्ट में कहा कि बोर्ड के अधिकारी मौके पर मुआयना करने पहुंचे तो पाया कि नोखा नगर पालिका बोर्ड ने एक MLD का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तो लगा रखा है, लेकिन वो काम नहीं कर रहा है. जिस वजह से अनट्रिटेड कचरा बाहर आ रहा है और इसकी रिपोर्ट के आधार पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नोखा नगर पालिका बोर्ड के कार्यपालक अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया लेकिन, कोरोना की वजह से उस पर कार्रवाई नहीं हो सकी. 24 अगस्त 2020 को भी दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट काम नहीं कर रहा है और कचरा खुले में बह रहा है.

नोखा के कार्यपालक अधिकारी ने अपने जवाब में कहा कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को ठीक नहीं किया जा सकता है क्योंकि पर्याप्त बजट नहीं है. इलाके की आबादी बढ़ने की वजह से वहां एक ज्यादा क्षमता वाले प्लांट की जरूरत है. नोखा नगरपालिका बोर्ड ने सात MLD और चार MLD के दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव दिया. एनजीटी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और वाटर और एयर एक्ट के मुताबिक बजट का बहाना नहीं बनाया जा सकता है. अगर बजट नहीं है तो लोगों से फंड एकत्र किया जा सकता है.

एनजीटी ने SPCB के सदस्य सचिव को संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. एनजीटी ने राजस्थान के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखें और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें.

एनजीटी ने राज्य के मुख्य सचिव को अगली सुनवाई की तिथि को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का निर्देश दिया. एनजीटी ने राजस्थान के स्थानीय निकाय के सचिव के सुनवाई के दौरान पेश नहीं होने पर वारंट जारी किया.

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