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Rajasthan : बिपरजॉय तूफान ने बुझाई 54 बांधों की 'प्यास', मानसून से पहले बारिश का कोटा पूरा ! - ETV Bharat Rajasthan News

राजस्थान में बिपरजॉय चक्रवात तूफान के असर से हुई बारिश ने बाधों को तर कर दिया है. राजस्थान के 54 बांध ऐसे हैं जिनकी प्यास इस बारिश ने पूरी कर दी. पढ़िए इस रिपोर्ट में...

Cyclone Biparjoy
राजस्थान में बिपरजॉय तूफान
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Published : Jun 21, 2023, 8:43 PM IST

जयपुर. राजस्थान में बिपरजॉय तूफान के कारण जून के महीने में रिकॉर्ड पानी बरसा है. धोरों की धरती पर इस बारिश से 54 बांधों पर चादर चल गई. सिंचाई विभाग के मुताबिक इस बारिश के कारण प्रदेश के पश्चिमी राजस्थान वाले जिलों के बांधों में मानसून से पहले ही पानी की कमी को पूरा कर दिया है. आंकड़ों के मुताबिक इन बांधों में 661 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी आया है. सबसे ज्यादा बारिश का असर सिरोही और पाली जिले के बांधों में देखने को मिला है. इस बारिश से पहले इन बांधों में से महज तीन में ही पर्याप्त पानी था.

बांधों की यह है स्थिति : प्रदेश में पेयजल सप्लाई के सबसे बड़े संसाधन के रूप में पहचान रखने वाले बीसलपुर बांध में 315.50RL मीटर क्षमता के मुकाबले 313.05 RL मीटर तक जलस्तर पहुंच गया, जो आम तौर पर जून के महीने में मुमकिन नहीं होता है. पाली जिले के जवाई बांध के 65 फीट के जलस्तर के मुकाबले में अभी तक 46 फीट तक वॉटर लेवल पहुंच चुका है. सिंचाई विभाग के मुताबिक इन बांधों में बिपरजॉय तूफान के पहले 5385 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मौजूद था.

Cyclone Biparjoy
बीसलपुर बांध में 313.05 RL मीटर तक जलस्तर

पढे़ं. उदयपुर संभाग में भी झमाझम बारिश से नदी व नाले का जलस्तर उफान पर, दो की मौत

जून महीने में 14 फीसदी ज्यादा पानी : तूफान के असर से हुई बारिश के कारण इन बांधों में 665 मिलीयन क्यूबिक पानी और पहुंचा है. इस तरह से साल 2022 के मुकाबले इस बार इन बांधों के जलस्तर में जून के महीने में ही करीब 14 फीसदी ज्यादा जलस्तर देखा गया है. बता दें कि राजस्थान में 690 बड़े, मध्यम और छोटे बांध हैं. मानसून के लिहाज से बात की जाए तो राजस्थान में जुलाई महीने की बारिश का कोटा अब तक मेघ पूरा कर चुके हैं. आम तौर पर 20 जून तक राज्य में 28.74 मिलीमीटर बारिश होती थी पर इस दफा 92.09 एमएम पानी बरस चुका है. मौसम विभाग का अनुमान है कि इस महीने के आखिर तक मानसून राज्य में दाखिल हो जाएगा.

Cyclone Biparjoy
जानें जिले के कितने बांध पर चल रही चादर

पाली और सिरोही ने पूरा किया मानसून का कोटा : हाल में चक्रवाती तूफान के कारण आई बारिश से बाड़मेर, जालोर और पाली के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके साथ ही पाली और सिरोही जिलों के बांधों का जलस्तर बढ़ने से यहां के बाशिंदों ने राहत महसूस की. प्रदेशभर के बांधों की कुल भराव क्षमता का करीब सात फीसदी पानी इस बार जून में हुई बारिश के कारण बांधों में पहुंच गया है. पाली जिले के प्रमुख बांधों में बोमादड़ा, मिठड़ी, सादड़ी, एदंला, कोट, फुलाद, जोगड़ावास, साली की ढाणी, सेली की नाल, राजपुरा, केसुली, जूना मलारी, लटाड़ा, धवी, गोविंदसागर, पिपला जैसे प्रमुख बांधों पर पानी की चादर चली है. इस बार जवाई बांध में भी रिकॉर्ड पानी की आवक हुई है. माउंट आबू और रेवदर में हुई बारिश के कारण जिले के 16 बांधों की पाल छलक गई. जालोर में भी पांच बांधों पर चादर चली. बाड़ी सिणधरी डैम में पानी की आवक से लोगों की उम्मीद बढ़ गई. राजसमंद की गोमदी नदी में उफान आने से बाघेरी का नाका बांध में चादर चलने से लोगों के चेहरे खिले नजर आए.

इस बार सिंचाई में होगी आसानी : राजस्थान में जून के महीने में आई बारिश के कारण बांधों के जलस्तर में इजाफे से इन पर सिंचाई के लिए आधारित रहने वाले किसान ज्यादा खुश हैं. 10 साल बाद ऐसा मौका आया है जब प्रदेश के सभी बांधों का औसत जलस्तर 61.54 प्रतिशत है. इस बरसात से पहले इन बांधों में 49.09 फीसदी पानी मौजूद था. पिछले साल प्रदेश पर मानसून मेहरबान रहे थे, इसके बाद हाल में अप्रैल में भी पश्चिमी विक्षोभ के असर से बरसात हुई थी. मौसम में बदलाव की वजह से प्रदेश में गर्मी का असर भी कम रहा और बांधों से पानी का वाष्पीकरण भी कम हुआ. कई सालों बाद ऐसा हुआ है कि पाली जिले में इस बार गर्मी के मौसम में ट्रेन से पानी मंगवाने की जरूरत महसूस नहीं हुई. जवाई बांध का जलस्तर 40 फीसदी के ऊपर चला गया. बांधों की मौजूदा जलस्थिति से 40 लाख हैक्टेयर में आसानी से सिंचाई की जा सकती है.

Cyclone Biparjoy
पाली जिले के जवाई बांध में 46 फीट तक वॉटर लेवल पहुंचा

पढें. Biparjoy impact in Rajasthan : बिपरजॉय तूफान के 3 दिन बाद पुलिस ने मकान के मलबे से निकाले 3 शव

बिपरजॉय ने कहर भी बरपाया : पश्चिमी राजस्थान में एक तरफ जहां बांधों में पानी पहुंचने से लोगों ने राहत महसूस की. वहीं दूसरी ओर इस बार आए बिपरजॉय तूफान से हुए नुकसान ने आपदा राहत प्रबंधन से जुड़े कई सवाल खड़े कर दिए. पड़ोसी राज्य गुजरात ने दावा किया है कि चक्रवाती तूफान की वजह से वहां एक भी मौत नहीं हुई थी, जबकि राजस्थान में तूफान के बाद पनपे हालात में 4 दिनों में 17 लोगों की मौत की खबर है. इस तूफान की वजह से बाड़मेर में 6, पाली में 6, राजसमंद में 3 और जालोर में 2 की मौत हुई थी. 5 दिन तक हुई बारिश में राजस्थान में 21 इंच से भी ज्यादा पानी बरसा. प्रदेश के 12 जिलों में बरसात से जनजीवन पर भी असर पड़ा. इन जिलों में बाड़मेर, जालोर, सिरोही, पाली, राजसमंद, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा, नागौर और सवाई माधोपुर जिलों में ज्यादा असर देखने को मिला.

राहत कार्यों में दिया साथ : बारिश के कारण शुरुआती नुकसान के आंकलन की बात करें तो जोधपुर डिस्कॉम को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की वजह से बाड़मेर जिले के चौहटन, धनाऊ, जालोर के सांचौर और रानीवाड़ा, सिरोही के आबू रोड में 8 हजार से ज्यादा बिजली के पोल क्षतिग्रस्त हो गए. लगभग 2000 ट्रांसफार्मर खराब हो गए. इन इलाकों के 800 के करीब गांवों में विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई. सरकारी स्कूलों की 225 इमारतों को नुकसान हुआ, जबकि 8000 घरों पर बारिश का कहर बरसा. साथ ही 10 हजार से ज्यादा कच्चे झोपड़े और मकान ढह गए. राहत कार्यों में 8 एनडीआरएफ की टीमें लगी तो 25 एसडीआरएफ की टीमों ने भी साथ दिया.

जयपुर. राजस्थान में बिपरजॉय तूफान के कारण जून के महीने में रिकॉर्ड पानी बरसा है. धोरों की धरती पर इस बारिश से 54 बांधों पर चादर चल गई. सिंचाई विभाग के मुताबिक इस बारिश के कारण प्रदेश के पश्चिमी राजस्थान वाले जिलों के बांधों में मानसून से पहले ही पानी की कमी को पूरा कर दिया है. आंकड़ों के मुताबिक इन बांधों में 661 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी आया है. सबसे ज्यादा बारिश का असर सिरोही और पाली जिले के बांधों में देखने को मिला है. इस बारिश से पहले इन बांधों में से महज तीन में ही पर्याप्त पानी था.

बांधों की यह है स्थिति : प्रदेश में पेयजल सप्लाई के सबसे बड़े संसाधन के रूप में पहचान रखने वाले बीसलपुर बांध में 315.50RL मीटर क्षमता के मुकाबले 313.05 RL मीटर तक जलस्तर पहुंच गया, जो आम तौर पर जून के महीने में मुमकिन नहीं होता है. पाली जिले के जवाई बांध के 65 फीट के जलस्तर के मुकाबले में अभी तक 46 फीट तक वॉटर लेवल पहुंच चुका है. सिंचाई विभाग के मुताबिक इन बांधों में बिपरजॉय तूफान के पहले 5385 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मौजूद था.

Cyclone Biparjoy
बीसलपुर बांध में 313.05 RL मीटर तक जलस्तर

पढे़ं. उदयपुर संभाग में भी झमाझम बारिश से नदी व नाले का जलस्तर उफान पर, दो की मौत

जून महीने में 14 फीसदी ज्यादा पानी : तूफान के असर से हुई बारिश के कारण इन बांधों में 665 मिलीयन क्यूबिक पानी और पहुंचा है. इस तरह से साल 2022 के मुकाबले इस बार इन बांधों के जलस्तर में जून के महीने में ही करीब 14 फीसदी ज्यादा जलस्तर देखा गया है. बता दें कि राजस्थान में 690 बड़े, मध्यम और छोटे बांध हैं. मानसून के लिहाज से बात की जाए तो राजस्थान में जुलाई महीने की बारिश का कोटा अब तक मेघ पूरा कर चुके हैं. आम तौर पर 20 जून तक राज्य में 28.74 मिलीमीटर बारिश होती थी पर इस दफा 92.09 एमएम पानी बरस चुका है. मौसम विभाग का अनुमान है कि इस महीने के आखिर तक मानसून राज्य में दाखिल हो जाएगा.

Cyclone Biparjoy
जानें जिले के कितने बांध पर चल रही चादर

पाली और सिरोही ने पूरा किया मानसून का कोटा : हाल में चक्रवाती तूफान के कारण आई बारिश से बाड़मेर, जालोर और पाली के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके साथ ही पाली और सिरोही जिलों के बांधों का जलस्तर बढ़ने से यहां के बाशिंदों ने राहत महसूस की. प्रदेशभर के बांधों की कुल भराव क्षमता का करीब सात फीसदी पानी इस बार जून में हुई बारिश के कारण बांधों में पहुंच गया है. पाली जिले के प्रमुख बांधों में बोमादड़ा, मिठड़ी, सादड़ी, एदंला, कोट, फुलाद, जोगड़ावास, साली की ढाणी, सेली की नाल, राजपुरा, केसुली, जूना मलारी, लटाड़ा, धवी, गोविंदसागर, पिपला जैसे प्रमुख बांधों पर पानी की चादर चली है. इस बार जवाई बांध में भी रिकॉर्ड पानी की आवक हुई है. माउंट आबू और रेवदर में हुई बारिश के कारण जिले के 16 बांधों की पाल छलक गई. जालोर में भी पांच बांधों पर चादर चली. बाड़ी सिणधरी डैम में पानी की आवक से लोगों की उम्मीद बढ़ गई. राजसमंद की गोमदी नदी में उफान आने से बाघेरी का नाका बांध में चादर चलने से लोगों के चेहरे खिले नजर आए.

इस बार सिंचाई में होगी आसानी : राजस्थान में जून के महीने में आई बारिश के कारण बांधों के जलस्तर में इजाफे से इन पर सिंचाई के लिए आधारित रहने वाले किसान ज्यादा खुश हैं. 10 साल बाद ऐसा मौका आया है जब प्रदेश के सभी बांधों का औसत जलस्तर 61.54 प्रतिशत है. इस बरसात से पहले इन बांधों में 49.09 फीसदी पानी मौजूद था. पिछले साल प्रदेश पर मानसून मेहरबान रहे थे, इसके बाद हाल में अप्रैल में भी पश्चिमी विक्षोभ के असर से बरसात हुई थी. मौसम में बदलाव की वजह से प्रदेश में गर्मी का असर भी कम रहा और बांधों से पानी का वाष्पीकरण भी कम हुआ. कई सालों बाद ऐसा हुआ है कि पाली जिले में इस बार गर्मी के मौसम में ट्रेन से पानी मंगवाने की जरूरत महसूस नहीं हुई. जवाई बांध का जलस्तर 40 फीसदी के ऊपर चला गया. बांधों की मौजूदा जलस्थिति से 40 लाख हैक्टेयर में आसानी से सिंचाई की जा सकती है.

Cyclone Biparjoy
पाली जिले के जवाई बांध में 46 फीट तक वॉटर लेवल पहुंचा

पढें. Biparjoy impact in Rajasthan : बिपरजॉय तूफान के 3 दिन बाद पुलिस ने मकान के मलबे से निकाले 3 शव

बिपरजॉय ने कहर भी बरपाया : पश्चिमी राजस्थान में एक तरफ जहां बांधों में पानी पहुंचने से लोगों ने राहत महसूस की. वहीं दूसरी ओर इस बार आए बिपरजॉय तूफान से हुए नुकसान ने आपदा राहत प्रबंधन से जुड़े कई सवाल खड़े कर दिए. पड़ोसी राज्य गुजरात ने दावा किया है कि चक्रवाती तूफान की वजह से वहां एक भी मौत नहीं हुई थी, जबकि राजस्थान में तूफान के बाद पनपे हालात में 4 दिनों में 17 लोगों की मौत की खबर है. इस तूफान की वजह से बाड़मेर में 6, पाली में 6, राजसमंद में 3 और जालोर में 2 की मौत हुई थी. 5 दिन तक हुई बारिश में राजस्थान में 21 इंच से भी ज्यादा पानी बरसा. प्रदेश के 12 जिलों में बरसात से जनजीवन पर भी असर पड़ा. इन जिलों में बाड़मेर, जालोर, सिरोही, पाली, राजसमंद, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा, नागौर और सवाई माधोपुर जिलों में ज्यादा असर देखने को मिला.

राहत कार्यों में दिया साथ : बारिश के कारण शुरुआती नुकसान के आंकलन की बात करें तो जोधपुर डिस्कॉम को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की वजह से बाड़मेर जिले के चौहटन, धनाऊ, जालोर के सांचौर और रानीवाड़ा, सिरोही के आबू रोड में 8 हजार से ज्यादा बिजली के पोल क्षतिग्रस्त हो गए. लगभग 2000 ट्रांसफार्मर खराब हो गए. इन इलाकों के 800 के करीब गांवों में विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई. सरकारी स्कूलों की 225 इमारतों को नुकसान हुआ, जबकि 8000 घरों पर बारिश का कहर बरसा. साथ ही 10 हजार से ज्यादा कच्चे झोपड़े और मकान ढह गए. राहत कार्यों में 8 एनडीआरएफ की टीमें लगी तो 25 एसडीआरएफ की टीमों ने भी साथ दिया.

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