जयपुर. चुनावी साल में राजस्थान की राजधानी जयपुर में रंगदारी और फायरिंग के बढ़ते मामलों ने 'खाकी' के माथे पर भी चिंता की लकीरें खींच दी हैं. राजधानी में इस साल की शुरुआत में जी क्लब पर रंगदारी के लिए फायरिंग की घटना सामने आई थी, जिसकी चर्चा लंबे समय तक राजधानी में रही. इस वारदात में लॉरेंस विश्नोई गैंग का हाथ था. पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को सलाखों के पीछे तो पहुंचा दिया, लेकिन इसके बाद भी बदमाशों के हौसले कम नहीं हुए.
प्रदेश में रंगदारी के लिए कॉल कर धमकाने और रकम नहीं देने पर फायरिंग करवाने की प्लानिंग के मामले लगातार सामने आते रहे हैं. खास बात यह है कि राजधानी की अधिकतर वारदातों में लॉरेंस विश्नोई गैंग की भूमिका सामने आने से आमजन के साथ ही पुलिस की टेंशन भी बढ़ गई है. हालांकि, लॉरेंस विश्नोई खुद अभी जेल में है, लेकिन लगातार सामने आ रहा है कि वह जेल से ही गैंग ऑपरेट कर रहा है. उसके गैंग से जुड़े कई बदमाश विदेशों में बैठकर रंगदारी के लिए लोगों को धमका रहे हैं.
जेल से भी कर रहे रंगदारी के लिए कॉल : राजस्थान की जेलों से भी लोगों को धमकी भरे कॉल किए जा रहे हैं. जेल में कड़ी सुरक्षा के बावजूद वहां बंद कुख्यात अपराधी, लोगों को कॉल कर रंगदारी के लिए धमका रहे हैं. बीते दो साल में प्रदेश की अलग-अलग जेलों से कॉल कर रंगदारी के लिए धमकाने के 19 मामले सामने आए हैं. भरतपुर की सेवर जेल से रंगदारी के लिए धमकाने के दो, जयपुर जेल से दो, चूरू जेल से तीन, भिवाड़ी जेल से आठ, कोटा जेल से दो, टोंक और अजमेर जेल से इस तरह का एक-एक मामला सामने आया है.
डॉक्टर्स को धमकाने के लिए लॉरेंस के गुर्गे की मदद : 50-50 लाख रुपए की रंगदारी के लिए दो डॉक्टर्स को वाट्सएप कॉल कर धमकाने के मामले में पुलिस ने पिछले दिनों एक महिला सहित 4 बदमाशों को गिरफ्तार किया था. पड़ताल में सामने आया कि महिला ने जेल में बंद लॉरेंस गैंग के गुर्गे काली शूटर को दोनों डॉक्टर्स के नंबर मुहैया करवाए. उसके विदेश में बैठे साथियों ने डॉक्टर्स को रंगदारी के लिए कॉल किया. डॉक्टरों को डराने के लिए बदमाशों की उन पर फायरिंग करवाने की भी प्लानिंग थी, लेकिन फायरिंग नहीं कर पाए.
लॉरेंस रिमांड पर, गुर्गों पर भी सख्ती : लॉरेंस विश्नोई गैंग पर राजस्थान पुलिस की कड़ी नजर है. जवाहर सर्किल इलाके में जी-क्लब पर फायरिंग मामले में जयपुर पुलिस लॉरेंस विश्नोई को रिमांड पर ले चुकी है. इसके अलावा उसकी गैंग के गुर्गों पर भी पुलिस लगातार शिकंजा कस रही है. विशेष अभियान चलाकर प्रदेश में सक्रिय उसके गुर्गों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है. जबकि सोशल मीडिया पर उसे और उसकी गैंग से जुड़े अन्य बदमाशों को फॉलो करने वाले बदमाशों पर भी पुलिस शिकंजा कस रही है. ऐसे कई युवाओं को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है.
आपसी रंजिश में फायरिंग और मारपीट : बदमाशों के बीच आपसी रंजिश और गैंगवार के चलते भी फायरिंग की वारदातें सामने आ रही हैं. बदमाशों के दो गुटों में आपसी रंजिश के चलते श्याम नगर थाना इलाके के होटल सैफ्रॉन में फायरिंग की वारदात हुई थी. बाद में पुलिस ने तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया था.
संगठित माफिया रंगदारी के लिए राजधानी जयपुर के साथ ही अन्य छोटे शहरों और कस्बों में भी धमकी भरे कॉल कर रहे हैं और रकम नहीं देने पर फायरिंग की वारदात को भी अंजाम दे रहे हैं. जोधपुर, चूरू, सीकर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर जिले में बीते दिनों रंगदारी के लिए धमकाने और फायरिंग करने के मामले सामने आए हैं.
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मामूली विवाद में भी हो रही है फायरिंग : राजधानी में अवैध हथियार रखने और इनकी तस्करी करने वालों पर पुलिस लगातार सख्ती कर रही है. इसके बावजूद शहर में मामूली विवाद में फायरिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं. शहर के दुर्गापुर इलाके में 22 सितंबर की रात को बाइक पर आए दो बदमाशों ने कॉलोनी के गार्ड और लोगों से झगड़ा किया. उन्होंने देसी कट्टे से 3-4 राउंड फायरिंग भी की और कॉलोनी में खड़े वाहनों के शीशे तोड़ दिए, जबकि दो दिन पहले करधनी इलाके में भी बदमाशों ने एक परिवार के लोगों के साथ मारपीट की और भागते समय हवाई फायर किए.
संगठित अपराध को कुचलने के लिए कड़े कदम : राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी उमेश मिश्रा का कहना है कि राजस्थान से संगठित अपराध और अपराधियों को खत्म करने के लिए पुलिस कड़े कदम उठा रही है. ऐसे बदमाशों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है और उनकी अर्जित संपत्ति पर भी पुलिस नजर रख रही है. कुछ बदमाशों की ऐसी संपत्तियों को ध्वस्त और जब्त किया गया है. पांच हजार से ज्यादा बदमाशों की संपत्ति की जानकारी पुलिस ने इकट्ठा की है.