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गहलोत के बाद पायलट ने की सोनिया गांधी से मुलाकात, बड़ी जिम्मेदारी के मिले संकेत

राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत की सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात के बाद गुरुवार को सचिन पायलट भी दिल्ली पहुंच गए. उन्होंने सोनिया गांधी से (Sachin Pilot Sonia Gandhi Meeting) मुलाकात की. सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात के दौरान सचिन पायलट की भूमिका के साथ ही राजस्थान की राजनीतिक स्थिति को लेकर चर्चा हुई है.

Sachin Pilot Sonia Gandhi Meeting
पायलट गहलोत
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Published : Apr 21, 2022, 8:40 PM IST

जयपुर : विधानसभा चुनाव 2023 को साधने में जुटी कांग्रेस (Congress Mission 2023) के भीतर सियासी उबाल एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है. एक दिन पहले सीएम अशोक गहलोत ने दिल्ली दौरे के दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. इसके अगले दिन यानि गुरुवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी सोनिया गांधी के द्वार पहुंच गए. उन्होंने एक बार फिर सोनिया गांधी से मुलाकात की है. सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात के दौरान पायलट की प्रदेश या ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में क्या कुछ भूमिका रहेगी, इस पर चर्चा हुई है.

माना जा रहा है कि सचिन पायलट को जल्द ही कोई बड़ा पद दिया जा सकता है. सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद (Rajasthan Congress Leaders Delhi Tour) उन्होंने मीडिया से साफ तौर पर कहा कि 'मैंने सोनिया गांधी को राजस्थान की पॉलीटिकल सिचुएशन को लेकर फीडबैक दिया है.' पायलट ने एक बार फिर दोहराया कि राजस्थान में 30 साल से एक बार कांग्रेस की सरकार और एक बार भाजपा की सरकार की जो परंपरा बनी हुई है उसे तोड़ने के लिए हम सब को एकजुट होकर चलना होगा.

सुनिए क्या कहा सचिन पायलट ने

उन्होंने कहा कि इस मामले में एआईसीसी ने जो 2 साल पहले कमेटी बनाई थी. उसके अनुसार राजस्थान में संगठन और सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं, उस पर अभी और काम करना है. पायलट ने कहा कि सभी निर्णय सोनिया गांधी को लेने हैं. लेकिन क्योंकि (Rajasthan Vidhansabha Election 2023) हम धरातल पर काम करते हैं तो हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम पार्टी अध्यक्ष को सही फीडबैक दें. जो जनता और पार्टी के हित में हो और हमने इसी को लेकर डिस्कस किया है.

पायलट की भूमिका पर हुई चर्चाः सचिन पायलट की क्या कुछ भूमिका आगे कांग्रेस पार्टी में रहने वाली है. इस संबंध में सचिन पायलट से सोनिया गांधी ने चर्चा की है. हालांकि, स्पष्ट रूप से उन्होंने इसे लेकर कुछ नहीं कहा. लेकिन उन्होंने कहा कि मैं राजस्थान से जुड़ा हूं जो साफ करता है कि उनकी इच्छा राजस्थान में ही सक्रिय रहने की है. ऐसे में पार्टी के सामने चुनौती यह है की राजस्थान में सचिन पायलट को क्या कुछ भूमिका दी जाए. जानकारों के अनुसार उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया है. ऐसे में मुख्यमंत्री के अलावा कोई पद उनके लिए प्रदेश में बचता नहीं है. लेकिन कांग्रेस पार्टी अभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी नाराज करने का रिस्क नहीं ले सकती. ऐसे में राजस्थान की राजनीति में राज्यसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल का तेज होना स्वभाविक है.

कांग्रेस आलाकमान पायलट, गहलोत दोनों को साध रहाः भले ही राजस्थान में सचिन पायलट को लेकर कुछ भी कहा जाए. लेकिन यह हकीकत है कि सचिन पायलट की जनता में पकड़ है और यह बात कांग्रेस आलाकमान भी जानता है. यही कारण है कि राजस्थान से जुड़ा कोई भी फैसला करने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही सचिन पायलट को भी कांग्रेस आलाकमान साथ रख रहा है. वैसे भी प्रशांत किशोर ने जो फार्मूला दिया है उसके अनुसार युवाओं और जनता की पसंद वाले नेताओं को मुख्यधारा में लाने की बात है. ऐसे में सचिन पायलट को प्रशांत किशोर के फॉर्मूले के हिसाब से बड़ा पद मिल सकता है. हालांकि, यह बड़ा पद राजस्थान में होगा या ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में यह आने वाला समय बताएगा. वहीं माना जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव में पार्टी किसे उम्मीदवार बनाए, इसे लेकर भी सचिन पायलट से पूछा जा रहा है.

राजस्थान में नेतृत्व बदलेगा या रणनीति, पायलट बोले- उसी पर हो रही है चर्चा : सोनिया गांधी से मिल कर आए सचिन पायलट ने साफ तौर पर इशारा किया है कि राजस्थान में नेतृत्व बदला जाए या रणनीति बदली जाए, इस पर चर्चा हो रही है. सचिन पायलट ने कहा कि अंतिम निर्णय तो सोनिया गांधी को लेना है, लेकिन हम धरातल से जुड़े लोग हैं जो जनता और पार्टी के हित में होगा उसे लेकर अपने विचार सोनिया गांधी के सामने रखे हैं. ऐसे में सचिन पायलट के बयान को आधार माना जाए तो साफ है कि राजस्थान में सरकार रिपीट करने के लिए नेतृत्व परिवर्तन किया जाए या फिर कोई रणनीति बदलाव को लेकर भी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर चल रही है.

पढ़ें- राजस्थान की कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल, कांग्रेस विधायकों और समर्थकों पर उठे सवाल

पढ़ें- कांग्रेस के सदस्यता अभियान से विधायक 'आउट', संगठन के नेताओं को जिम्मेदारी

जयपुर : विधानसभा चुनाव 2023 को साधने में जुटी कांग्रेस (Congress Mission 2023) के भीतर सियासी उबाल एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है. एक दिन पहले सीएम अशोक गहलोत ने दिल्ली दौरे के दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. इसके अगले दिन यानि गुरुवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी सोनिया गांधी के द्वार पहुंच गए. उन्होंने एक बार फिर सोनिया गांधी से मुलाकात की है. सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात के दौरान पायलट की प्रदेश या ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में क्या कुछ भूमिका रहेगी, इस पर चर्चा हुई है.

माना जा रहा है कि सचिन पायलट को जल्द ही कोई बड़ा पद दिया जा सकता है. सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद (Rajasthan Congress Leaders Delhi Tour) उन्होंने मीडिया से साफ तौर पर कहा कि 'मैंने सोनिया गांधी को राजस्थान की पॉलीटिकल सिचुएशन को लेकर फीडबैक दिया है.' पायलट ने एक बार फिर दोहराया कि राजस्थान में 30 साल से एक बार कांग्रेस की सरकार और एक बार भाजपा की सरकार की जो परंपरा बनी हुई है उसे तोड़ने के लिए हम सब को एकजुट होकर चलना होगा.

सुनिए क्या कहा सचिन पायलट ने

उन्होंने कहा कि इस मामले में एआईसीसी ने जो 2 साल पहले कमेटी बनाई थी. उसके अनुसार राजस्थान में संगठन और सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं, उस पर अभी और काम करना है. पायलट ने कहा कि सभी निर्णय सोनिया गांधी को लेने हैं. लेकिन क्योंकि (Rajasthan Vidhansabha Election 2023) हम धरातल पर काम करते हैं तो हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम पार्टी अध्यक्ष को सही फीडबैक दें. जो जनता और पार्टी के हित में हो और हमने इसी को लेकर डिस्कस किया है.

पायलट की भूमिका पर हुई चर्चाः सचिन पायलट की क्या कुछ भूमिका आगे कांग्रेस पार्टी में रहने वाली है. इस संबंध में सचिन पायलट से सोनिया गांधी ने चर्चा की है. हालांकि, स्पष्ट रूप से उन्होंने इसे लेकर कुछ नहीं कहा. लेकिन उन्होंने कहा कि मैं राजस्थान से जुड़ा हूं जो साफ करता है कि उनकी इच्छा राजस्थान में ही सक्रिय रहने की है. ऐसे में पार्टी के सामने चुनौती यह है की राजस्थान में सचिन पायलट को क्या कुछ भूमिका दी जाए. जानकारों के अनुसार उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया है. ऐसे में मुख्यमंत्री के अलावा कोई पद उनके लिए प्रदेश में बचता नहीं है. लेकिन कांग्रेस पार्टी अभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी नाराज करने का रिस्क नहीं ले सकती. ऐसे में राजस्थान की राजनीति में राज्यसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल का तेज होना स्वभाविक है.

कांग्रेस आलाकमान पायलट, गहलोत दोनों को साध रहाः भले ही राजस्थान में सचिन पायलट को लेकर कुछ भी कहा जाए. लेकिन यह हकीकत है कि सचिन पायलट की जनता में पकड़ है और यह बात कांग्रेस आलाकमान भी जानता है. यही कारण है कि राजस्थान से जुड़ा कोई भी फैसला करने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही सचिन पायलट को भी कांग्रेस आलाकमान साथ रख रहा है. वैसे भी प्रशांत किशोर ने जो फार्मूला दिया है उसके अनुसार युवाओं और जनता की पसंद वाले नेताओं को मुख्यधारा में लाने की बात है. ऐसे में सचिन पायलट को प्रशांत किशोर के फॉर्मूले के हिसाब से बड़ा पद मिल सकता है. हालांकि, यह बड़ा पद राजस्थान में होगा या ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में यह आने वाला समय बताएगा. वहीं माना जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव में पार्टी किसे उम्मीदवार बनाए, इसे लेकर भी सचिन पायलट से पूछा जा रहा है.

राजस्थान में नेतृत्व बदलेगा या रणनीति, पायलट बोले- उसी पर हो रही है चर्चा : सोनिया गांधी से मिल कर आए सचिन पायलट ने साफ तौर पर इशारा किया है कि राजस्थान में नेतृत्व बदला जाए या रणनीति बदली जाए, इस पर चर्चा हो रही है. सचिन पायलट ने कहा कि अंतिम निर्णय तो सोनिया गांधी को लेना है, लेकिन हम धरातल से जुड़े लोग हैं जो जनता और पार्टी के हित में होगा उसे लेकर अपने विचार सोनिया गांधी के सामने रखे हैं. ऐसे में सचिन पायलट के बयान को आधार माना जाए तो साफ है कि राजस्थान में सरकार रिपीट करने के लिए नेतृत्व परिवर्तन किया जाए या फिर कोई रणनीति बदलाव को लेकर भी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर चल रही है.

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