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देसी-विदेशी कंपनियों की दूसरी पसंद बना राजस्थान, पहले स्थान पर अब भी गुजरात

अलवर सहित पूरे प्रदेश में नई औद्योगिक इकाइयां लग (Industrial units in Rajasthan) रही है. ऐसे में शहरों के विकास के साथ ही रोजगार के नए अवसर भी खुल रहे हैं. जिससे सरकार के प्रयास भी सफल हो रहे हैं. देश में गुजरात के बाद सबसे ज्यादा निवेश राजस्थान (Increased investment in Rajasthan) में हो रहा है. बीते सालों की तुलना में निवेश में बढ़ोतरी हुई है. माइनिंग, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक, सड़क व इन्फ्राट्रक्चर में बड़ा निवेश हुआ है.

Gujarat still in first place, indain and foreign companies
देसी-विदेशी कंपनियों की दूसरी पसंद बना राजस्थान.
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Published : Nov 11, 2022, 8:33 PM IST

अलवर. भारतीय और विदेशी कंपनियां आगे आकर प्रदेश में (Companies liked Rajasthan for investment) निवेश कर रही हैं. देश में गुजरात और राजस्थान पहले व दूसरे पायदान पर है. पिछले वित्त वर्ष में दोनों राज्यों ने निदेशकों को खासा आकर्षित किया था. साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से इन्वेस्टमेंट समिट सहित कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए. वहीं, पहली बार जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित हुए. जिनका असर अब (Rapid investment in Rajasthan) दिखने लगा है. राजस्थान को मिलने वाला नया निवेश 2020-21 के मुकाबले साल 2021-22 में 535 प्रतिशत बढ़कर 2.37 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया, जो 2020-21 में 37,000 करोड़ रुपये रहा था. इसी तरह से गुजरात को मिलने वाला नया निवेश 273 प्रतिशत बढ़कर 3.98 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले साल 1.06 लाख करोड़ था.

प्रदेश में तेजी से देसी और विदेशी कंपनियां निवेश कर रही हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य भी पीछे छुट गए हैं. निवेश पाने में महाराष्ट्र तीसरे, ओडिशा चौथे और तमिलनाडु पांचवें स्थान पर रहा है. वहीं, गुजरात में रिलायंस इंडस्ट्रीज और अडानी ग्रुप ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा निवेश किया है, जबकि राजस्थान में इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक, फूड, टॉय, सड़क, माइनिंग सहित कई क्षेत्रों में निवेश हुआ है. इसके अलावा टूरिज्म होटल इंडस्ट्री भी प्रदेश में निवेश का बड़ा माध्यम है. इतना ही नहीं आने वाले कुछ सालों में निवेश में और बढ़ोतरी होने की भी संभावना है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 2021-22 में वर्ष 2020-21 के मुकाबले निवेश में 15 प्रतिशत की कमी आई है.

देसी-विदेशी कंपनियों की दूसरी पसंद बना राजस्थान.

इसे भी पढ़ें - राजस्थान में निवेश की संभावनाएं तलाशना रहेगा पहला मकसद : मंत्री शकुंतला रावत

37 हजार करोड़ की परियोजनाएं हुई शुरू: अभी तक हुए देशभर में निवेश के बाद 37 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं. प्रदेश सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को भी इससे फायदा मिलेगा. इसके अलावा अगर राज्य परियोजनों की बात करें तो महाराष्ट्र 17.31 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 9.79 प्रतिशत, ओडिशा में 9.11 प्रतिशत, गुजरात में 8.95 प्रतिशत व आंध्र प्रदेश में 8.73 प्रतिशत निवेश हुआ है.

अलवर बनी पहली पसंद: कारोबारियों और उद्योगपतियों के लिए अलवर पहली पसंद बनकर उभरा है. अलवर एनसीआर में आता है. इसलिए अलवर से दिल्ली, जयपुर, गुड़गांव व आसपास के शहरों में आना-जाना भी आसान है. वहीं, अलवर सीधे तौर पर ट्रेन व सड़क मार्ग से भी जुड़ा है. इसके अलावा यहां अपराध उत्तर प्रदेश व एनसीआर के अन्य शहरों से काफी कम है. ऐसे में अलवर में कंपनियों को बेहतर श्रम शक्ति के साथ ही अन्य आवश्यक चीजें भी आसानी से मुहैया हो सकेंगी.

जानें किस राज्य में हुआ कितना निवेश

राज्य निवेश (लाख करोड़)
गुजरात 3.98
राजस्थान 2.37
महाराष्ट्र 2.02
ओडिशा 1.03
तमिलनाडु 0.84
तेलंगाना 0.74
कर्नाटक 0.63
उत्तर प्रदेश 0.46
पश्चिम बंगाल 0.46
छत्तीसगढ़ 0.45

अलवर. भारतीय और विदेशी कंपनियां आगे आकर प्रदेश में (Companies liked Rajasthan for investment) निवेश कर रही हैं. देश में गुजरात और राजस्थान पहले व दूसरे पायदान पर है. पिछले वित्त वर्ष में दोनों राज्यों ने निदेशकों को खासा आकर्षित किया था. साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से इन्वेस्टमेंट समिट सहित कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए. वहीं, पहली बार जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित हुए. जिनका असर अब (Rapid investment in Rajasthan) दिखने लगा है. राजस्थान को मिलने वाला नया निवेश 2020-21 के मुकाबले साल 2021-22 में 535 प्रतिशत बढ़कर 2.37 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया, जो 2020-21 में 37,000 करोड़ रुपये रहा था. इसी तरह से गुजरात को मिलने वाला नया निवेश 273 प्रतिशत बढ़कर 3.98 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले साल 1.06 लाख करोड़ था.

प्रदेश में तेजी से देसी और विदेशी कंपनियां निवेश कर रही हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य भी पीछे छुट गए हैं. निवेश पाने में महाराष्ट्र तीसरे, ओडिशा चौथे और तमिलनाडु पांचवें स्थान पर रहा है. वहीं, गुजरात में रिलायंस इंडस्ट्रीज और अडानी ग्रुप ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा निवेश किया है, जबकि राजस्थान में इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक, फूड, टॉय, सड़क, माइनिंग सहित कई क्षेत्रों में निवेश हुआ है. इसके अलावा टूरिज्म होटल इंडस्ट्री भी प्रदेश में निवेश का बड़ा माध्यम है. इतना ही नहीं आने वाले कुछ सालों में निवेश में और बढ़ोतरी होने की भी संभावना है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 2021-22 में वर्ष 2020-21 के मुकाबले निवेश में 15 प्रतिशत की कमी आई है.

देसी-विदेशी कंपनियों की दूसरी पसंद बना राजस्थान.

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37 हजार करोड़ की परियोजनाएं हुई शुरू: अभी तक हुए देशभर में निवेश के बाद 37 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं. प्रदेश सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को भी इससे फायदा मिलेगा. इसके अलावा अगर राज्य परियोजनों की बात करें तो महाराष्ट्र 17.31 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 9.79 प्रतिशत, ओडिशा में 9.11 प्रतिशत, गुजरात में 8.95 प्रतिशत व आंध्र प्रदेश में 8.73 प्रतिशत निवेश हुआ है.

अलवर बनी पहली पसंद: कारोबारियों और उद्योगपतियों के लिए अलवर पहली पसंद बनकर उभरा है. अलवर एनसीआर में आता है. इसलिए अलवर से दिल्ली, जयपुर, गुड़गांव व आसपास के शहरों में आना-जाना भी आसान है. वहीं, अलवर सीधे तौर पर ट्रेन व सड़क मार्ग से भी जुड़ा है. इसके अलावा यहां अपराध उत्तर प्रदेश व एनसीआर के अन्य शहरों से काफी कम है. ऐसे में अलवर में कंपनियों को बेहतर श्रम शक्ति के साथ ही अन्य आवश्यक चीजें भी आसानी से मुहैया हो सकेंगी.

जानें किस राज्य में हुआ कितना निवेश

राज्य निवेश (लाख करोड़)
गुजरात 3.98
राजस्थान 2.37
महाराष्ट्र 2.02
ओडिशा 1.03
तमिलनाडु 0.84
तेलंगाना 0.74
कर्नाटक 0.63
उत्तर प्रदेश 0.46
पश्चिम बंगाल 0.46
छत्तीसगढ़ 0.45
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