झुंझुनू. राजस्थान के झुंझुनू जिले के अरदावता में बुधवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी जनसभा को संबोधित करने पहुंचीं. इस दौरान भाजपा से धौलपुर विधायक शोभा रानी कुशवाहा, किशनगढ़ से भाजपा के प्रत्याशी रहे विकास चौधरी और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रहीं भाजपा नेता ममता शर्मा की कांग्रेस में घर वापसी हुई.
भाजपा को नहीं पड़ेगा असर : भाजपा के इन नेताओं की कांग्रेस में एंट्री को कांग्रेस की ओर से बीजेपी पर पहला प्रहार माना जा रहा है. हालांकि, इन तीनों नेताओं से भाजपा को कोई खास असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि शोभा रानी कुशवाहा पहले ही 25 सितंबर को कांग्रेस विधायकों के साथ इस्तीफा सौंपने वाले नेताओं में शामिल थीं. राज्यसभा चुनाव में भी वह कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर चुकीं थीं. वहीं, 2018 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके विकास चौधरी की जगह पहले ही भाजपा किशनगढ़ से भागीरथ चौधरी को उम्मीदवार बना चुकी है.
भाजपा से कमजोर ही रहा नाता : इसी तरह ममता शर्मा पहले भी कांग्रेस पार्टी की विधायक और कांग्रेस सरकार के समय महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकीं हैं. लगातार दो चुनाव हारने के चलते 2018 में जब उनका टिकट कटा तो उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और पीपल्दा से चुनाव लड़ा. हालांकि, भाजपा में भी वह चुनाव नहीं जीत सकीं और उसके बाद भाजपा से उनका नाता कमजोर ही रहा. ऐसे में अब यह तीनों नेता भले ही भाजपा से अलग होकर कांग्रेस में शामिल हुए हों, लेकिन हकीकत यह है कि भाजपा ने पहले ही इन नेताओं को अलग-थलग कर दिया था.
तीनों को मिल सकता है टिकट! : शोभा रानी कुशवाहा को कांग्रेस पार्टी धौलपुर विधानसभा से प्रत्याशी बना सकती है, तो वहीं, बूंदी विधानसभा से ममता शर्मा को प्रत्याशी बनाया जा सकता है. इसी तरह विकास चौधरी को भी कांग्रेस पार्टी अपना उम्मीदवार बना सकती है. इन तीनों नेताओं को कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट दिए जाने की संभावनाएं इसलिए भी प्रबल हो जाती हैं, क्योंकि बूंदी विधानसभा पर 1998 और 2003 में ममता शर्मा ने ही कांग्रेस को जीत दिलवाई थी. इसके बाद कांग्रेस के टिकट पर लगातार दो बार चुनाव हारने के चलते 2018 में ममता शर्मा का कांग्रेस ने टिकट काटा, लेकिन तब भी कांग्रेस को जीत नहीं मिली. ऐसे में पिछले चुनाव में टिकट कटने से नाराज हुईं ममता शर्मा भाजपा से पीपल्दा विधानसभा की प्रत्याशी बनीं. अब कांग्रेस फिर से ममता शर्मा, उनके साथ आज कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए बेटे समृद्ध शर्मा को बूंदी से प्रत्याशी बना सकती है.
इन सीटों पर दांव खेल सकती है बीजेपी : इसी तरह से किशनगढ़ विधानसभा से भी कांग्रेस पार्टी लगातार दो चुनाव हार चुकी है और कांग्रेस के पास इस बार भी कोई मजबूत प्रत्याशी नहीं है. ऐसे में या तो विकास चौधरी को पार्टी टिकट देगी या फिर वह कांग्रेस को जिताने का काम करेंगे. धौलपुर विधानसभा की बात करें तो यहां अगर एक उपचुनाव को भी जोड़ दिया जाए तो कांग्रेस चार चुनाव हार चुकी है. ऐसे में कहा जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी इन नेताओं पर विधानसभा चुनाव में टिकट देकर हारी हुई सीटों पर जीतने के लिए दांव खेल सकती है.