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Rajasthan Assembly Elections 2023: सीएम गहलोत का बड़ा बयान, बोले-सीएम का पद नहीं छोड़ रहा मुझे, आगे भी नहीं छोड़ेगा, आलाकमान को है भरोसा - Ashok Gehlot on CM face of congress in Rajasthan

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस से मुख्यमंत्री कौन होगा, ये सवाल सभी के जुबान पर बना हुआ है. इस बीच दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने इशारों में खुद को सीएम उम्मीदवार घोषित करके राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है.

Ashok Gehlot on CM face of congress in Rajasthan
सीएम अशोक गहलोत
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 19, 2023, 3:54 PM IST

Updated : Oct 19, 2023, 5:23 PM IST

सीएम गहलोत का बड़ा बयान.

नई दिल्ली/जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के रण में उतर चुकी कांग्रेस की तरफ से अभी तक भले ही अधिकारिक रूप से सीएम फेस को लेकर कुछ तय नहीं हुआ हो, लेकिन सीएम अशोक गहलोत के एक बयान ने सियासी पारा चढ़ा दिया है. दिल्ली में मीडिया से बातचीत में सीएम अशोक गहलोत ने खुद को इशारों में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर दिया है. उन्होंने कहा कि मैं देश का एकमात्र मुख्यमंत्री हूं, जो यह कहने की हिम्मत रखता हूं कि मैं मुख्यमंत्री का पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है और आगे भी नहीं छोड़ेगा.

गहलोत ने कहा कि मुझे सोनिया गांधी ने जब 1998 में मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया, तो मैं उस समय मुख्यमंत्री का दावेदार नहीं था. राजस्थान में जो मुख्यमंत्री का दावेदार होता है, वह कभी मुख्यमंत्री नहीं बनता है. ऐसे में कांग्रेस में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं बनना ही बेहतर होता है. गहलोत ने कहा कि 1998 के बाद 2003 में हम चुनाव हार गए, लेकिन पार्टी ने 2008 में मुझे फिर मौका दिया. 2013 में हम फिर चुनाव हारे और पार्टी ने 2018 में मुझे फिर मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया.

पढ़ें: Ashok Gehlot on ED CBI Action : जांच एजेंसियों के जरिए विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही मोदी सरकार

कुछ तो बात है मुझमें कि पार्टी भरोसा करती हैः गहलोत ने कहा कि मुझे गर्व है कि जिस स्वास्थ्य योजना को लेकर राहुल गांधी तारीफ कर रहे हैं, वह स्वास्थ्य योजना हमारे राजस्थान की है. गहलोत ने कहा कि मैं जब कहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह मुख्यमंत्री पद मुझे नहीं छोड़ रहा. इसका मतलब साफ है कि मेरे ऊपर कांग्रेस आलाकमान को इतना भरोसा है, जो कम ही लोगों पर होता है.

पढ़ें: आचार संहिता लगने से पहले कर्मचारियों से मिले सीएम गहलोत, कहा-शुक्रिया, आपने हमारा शानदार साथ निभाया

उन्होंने कहा कि मुझमें कुछ तो कारण होंगे कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भरोसा कर रही हैं और मुझे ही मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल रहा है. हालांकि, इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि आज देश में जो हालात बन गए हैं और राहुल गांधी जिस तरह संघर्ष कर रहे हैं, उसमें हमारा फर्ज बनता है कि पद की जगह हम उनके हाथ को मजबूत करें और यही मेरी भी प्राथमिकता है. पार्टी चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर जो फैसला करेगी वह हमें मंजूर होगा.

पढ़ें: Rajasthan Assembly Election 2023 : CM अशोक गहलोत बोले - इस बार कांग्रेस नहीं, बल्कि जनता चुनाव लड़ रही है

पायलट के समर्थक विधायक के टिकट पर नहीं किया ऑब्जेक्शनः सचिन पायलट के साथ अपने रिश्तों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पार्टी में सलेक्शन को लेकर जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है. उसे लेकर भाजपा को तकलीफ है कि इनमें झगड़ा क्यों नहीं हो रहा. उन्होंने कहा कि जितने भी फैसले हुए हैं उनमें सचिन पायलट की भी राय ली गई है. सचिन पायलट के जो सपोर्टर हैं उनके फैसलों में मैं भागीदार बन रहा हूं.

गहलोत ने कहा कि राजस्थान में हम सब एकजुट हैं और पायलट के साथ जो लोग गए थे, उनके टिकट भी करीब-करीब क्लियर हो रहे हैं. उनके एक भी टिकट पर मैंने ऑब्जेक्शन नहीं किया है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हममें कितना प्यार-मोहब्बत है. गहलोत ने कहा कि 2020 में 40 दिन जब हम होटल में रहे, उसके बाद आलाकमान ने जो हमें निर्देश दिए, उसके चलते ही मैंने फॉरगेट एंड फॉरगिव की बात कही थी. अब हम पुरानी बात भूलकर एकजुट होकर इलेक्शन लड़ना चाहते हैं.

सीएम गहलोत का बड़ा बयान.

नई दिल्ली/जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के रण में उतर चुकी कांग्रेस की तरफ से अभी तक भले ही अधिकारिक रूप से सीएम फेस को लेकर कुछ तय नहीं हुआ हो, लेकिन सीएम अशोक गहलोत के एक बयान ने सियासी पारा चढ़ा दिया है. दिल्ली में मीडिया से बातचीत में सीएम अशोक गहलोत ने खुद को इशारों में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर दिया है. उन्होंने कहा कि मैं देश का एकमात्र मुख्यमंत्री हूं, जो यह कहने की हिम्मत रखता हूं कि मैं मुख्यमंत्री का पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है और आगे भी नहीं छोड़ेगा.

गहलोत ने कहा कि मुझे सोनिया गांधी ने जब 1998 में मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया, तो मैं उस समय मुख्यमंत्री का दावेदार नहीं था. राजस्थान में जो मुख्यमंत्री का दावेदार होता है, वह कभी मुख्यमंत्री नहीं बनता है. ऐसे में कांग्रेस में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं बनना ही बेहतर होता है. गहलोत ने कहा कि 1998 के बाद 2003 में हम चुनाव हार गए, लेकिन पार्टी ने 2008 में मुझे फिर मौका दिया. 2013 में हम फिर चुनाव हारे और पार्टी ने 2018 में मुझे फिर मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया.

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कुछ तो बात है मुझमें कि पार्टी भरोसा करती हैः गहलोत ने कहा कि मुझे गर्व है कि जिस स्वास्थ्य योजना को लेकर राहुल गांधी तारीफ कर रहे हैं, वह स्वास्थ्य योजना हमारे राजस्थान की है. गहलोत ने कहा कि मैं जब कहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह मुख्यमंत्री पद मुझे नहीं छोड़ रहा. इसका मतलब साफ है कि मेरे ऊपर कांग्रेस आलाकमान को इतना भरोसा है, जो कम ही लोगों पर होता है.

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उन्होंने कहा कि मुझमें कुछ तो कारण होंगे कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भरोसा कर रही हैं और मुझे ही मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल रहा है. हालांकि, इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि आज देश में जो हालात बन गए हैं और राहुल गांधी जिस तरह संघर्ष कर रहे हैं, उसमें हमारा फर्ज बनता है कि पद की जगह हम उनके हाथ को मजबूत करें और यही मेरी भी प्राथमिकता है. पार्टी चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर जो फैसला करेगी वह हमें मंजूर होगा.

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पायलट के समर्थक विधायक के टिकट पर नहीं किया ऑब्जेक्शनः सचिन पायलट के साथ अपने रिश्तों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पार्टी में सलेक्शन को लेकर जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है. उसे लेकर भाजपा को तकलीफ है कि इनमें झगड़ा क्यों नहीं हो रहा. उन्होंने कहा कि जितने भी फैसले हुए हैं उनमें सचिन पायलट की भी राय ली गई है. सचिन पायलट के जो सपोर्टर हैं उनके फैसलों में मैं भागीदार बन रहा हूं.

गहलोत ने कहा कि राजस्थान में हम सब एकजुट हैं और पायलट के साथ जो लोग गए थे, उनके टिकट भी करीब-करीब क्लियर हो रहे हैं. उनके एक भी टिकट पर मैंने ऑब्जेक्शन नहीं किया है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हममें कितना प्यार-मोहब्बत है. गहलोत ने कहा कि 2020 में 40 दिन जब हम होटल में रहे, उसके बाद आलाकमान ने जो हमें निर्देश दिए, उसके चलते ही मैंने फॉरगेट एंड फॉरगिव की बात कही थी. अब हम पुरानी बात भूलकर एकजुट होकर इलेक्शन लड़ना चाहते हैं.

Last Updated : Oct 19, 2023, 5:23 PM IST
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