अजमेर. राजस्थान के अजमेर में स्थित सोफिया स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं से मेडिकल मांगा गया है. मेडिकल के नाम पर स्कूल के एक फरमान को लेकर सभी अभिभावकों में नाराजगी है. स्कूल ने मेडिकल फॉर्म में अन्य जानकारियां प्रविष्ट करने के साथ ही बालिकाओं से हिप्स और कमर की साइज भी पूछा है. ऐसे मेडिकल फॉर्म स्कूल की सभी 2500 से अधिक छात्राओं को दिया गया है. स्कूल की इस हरकत से अभिभावक काफी नाराज हैं. हालांकि, स्कूल प्रबंधन का तर्क है कि गेम्स के लिए मेडिकल मांगा गया है. वहीं, इस मामले को लेकर बीजेपी के चुनाव आयोग संपर्क विभाग के अजमेर संभाग प्रभारी राजीव भारद्वाज ने सीएम अशोक गहलोत के नाम अतिरिक्त कलेक्टर को स्कूल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत की है. अजमेर बाल कल्याण समिति ने भी कहा कि है कि स्कूल प्रबंधन को तलब किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक सोफिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ रही छात्राओं को मेडिकल फॉर्म दिया था. स्कूल में पढ़ने वाली प्रत्येक विद्यार्थियों को चिकित्सक से मेडिकल करवाकर फॉर्म भरवाकर स्कूल में जमा करवाना है. छात्राओं ने अभिभावकों को जब स्कूल से मिले मेडिकल फॉर्म को दिया तो उसे पढ़ने के बाद अभिभावकों के पैरों तले जमीन खिसक गई. फॉर्म में दो कॉलम ऐसे दिए गए थे, जिनमें हिप्स और कमर की साइज के बारे में पूछा गया है. चिकित्सक भी इस फॉर्म में पूछे गए सवालों से काफी हैरान हैं.
अभिभावकों ने जताई नाराजगीः अभिभावक मेडिकल फॉर्म भरवाने के लिए चिकित्सकों का चक्कर लगा रहे हैं. सरकारी और प्राइवेट चिकित्सकों से मेडिकल करवा कर फॉर्म में मांगी गई जानकारी प्रविष्टि कर रहे हैं. इधर अभिभावकों ने मेडिकल फॉर्म में हिप्स और कमर के नाप पर नाराजगी जताई है. सभी अभिभावकों ने इसे सरासर गलत बताया है.
स्कूल के प्रतिनिधि ये बोलेः स्कूल के प्रतिनिधि सुधीर तोमर ने बताया कि मेडिकल फॉर्म छात्राओं से भरवाया जा रहा है. यदि कोई फॉर्म में पूछी गई जानकारी नहीं भरना चाहता है तो वह उस सवाल को छोड़ दें. उन्होंने बताया कि मेडिकल हेल्थ के लिए डॉक्टर से रिपोर्ट मांगी गई है. तोमर ने बताया कि गेम्स और अन्य गतिविधियों में भाग लेने वाली छात्राओं का चयन करने से पहले उनके मेडिकल फॉर्म को देखा जाएगा, उसके बाद ही उनका चयन किया जाएगा. जिससे उन्हें गेम्स और अन्य गतिविधियों में भाग लेने के दौरान किसी तरह की शारीरिक पीड़ा न हो. यह मेडिकल फॉर्म हर वर्ष भरवाया जाता है.
स्कूल पर कार्रवाई की मांगः बीजेपी के चुनाव आयोग संपर्क विभाग के अजमेर संभाग प्रभारी राजीव भारद्वाज ने सीएम अशोक गहलोत के नाम अतिरिक्त कलेक्टर को सोफिया गर्ल्स स्कूल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत की है. भारद्वाज ने मांग कि है कि सोफिया गर्ल्स स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मेडिकल फॉर्म में छात्राओं से हिप्स का साइज नाप का एक कॉलम अंकन किया है, इससे अभिभावक नाराज हैं. वहीं, चिकित्सक भी मेडिकल करने से परहेज कर रहे हैं. भारद्वाज ने कहा कि सेना भर्ती में भी मेडिकल में युवतियों के चेस्ट मैपिंग को हटा दिया गया है. वहीं, स्कूल प्रबंधन पढ़ने वाली नाबालिग लड़कियों से हिप्स का साइज पूछ रहा है, इससे अभिभावकों में ही नहीं बल्कि आम व्यक्तियों में भी रोष है. स्कूल के खिलाफ प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि एडीएम सिटी ने आश्वासन दिया है कि शिकायत को सीएम कार्यालय और सीबीएसई क्षेत्रीय कार्यालय को भेजा जाएगा.
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हाईकोर्ट ने वन रक्षक भर्ती मामले में दिया था यह आदेशः बता दें कि राजस्थान हाईकोर्ट ने वन रक्षक भर्ती में महिला अभ्यर्थियों के छाती का माप मामले में एक महत्वपूर्ण आदेश दिया था. कोर्ट के जस्टिस दिनेश मेहता ने इस मामले में आदेश पारित करते हुए भर्ती पात्रता में महिला अभ्यर्थियों के छाती माप परीक्षण के मापदंडों को मनमाना, अपमानजनक व महिला की गरिमा का अपमान बताया था. कोर्ट ने कहा कि किसी भी महिला की छाती माप का मापदंड न केवल वैज्ञानिक रूप से निराधार है, बल्कि अशोभनीय भी है.
बाल कल्याण समिति करेगी तलबः अजमेर बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अंजली शर्मा ने बताया कि सोफिया गर्ल्स स्कूल में छात्राओं को मेडिकल करवाने के लिए फॉर्म दिया गया है. उसमें हिप्स का नाप पूछा गया है, इस तरह का पहला मामला सामने आया है. स्कूल प्रबंधन को तलब किया जाएगा. संतोषजनक जवाब नही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी. स्कूल की ओर से बच्चियों के हिप्स का नाप पूछना सरासर गलत है.
ये बोले मेडिकल जूरिस्टः संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल के मेडिकल जूरिस्ट डॉ सुमेर सिंह ने बताया कि मेडिकल फॉर्म में हिप्स का नाप पूछे जाने का यह पहली बार मामला सामने आया है. कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में भी महिलाओं का केवल मेडिकल में वेट और हाइट ही लिया जाता है. इसके आधार पर ही फिटनेस का आकलन किया जाता है. नाबालिग बच्चियों के हिप्स का मेडिकल में नाप पूछा जाना गलत है.