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Inspiring Teacher Janhavi Yadu: छत्तीसगढ़ के इस टीचर की पूरे देश में चर्चा, स्कूल में अनुशासन के लिए अपनाया अनोखा तरीका

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Published : Aug 9, 2023, 10:02 PM IST

Inspiring Teacher Janhavi Yadu रायपुर की जान्हवी यदु स्कूल यूनिफॉर्म में बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल पहुंचती हैं. जान्हवी के इस अनोखे तरीके की न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में तारीफ हो रही है.

Inspiring Teacher janhavi yadu
रायपुर की जान्हवी यदु
स्कूल यूनिफॉर्म में बच्चों को पढ़ा रहीं जान्हवी यदु

रायपुर: इन दिनों रायपुर की एक टीचर काफी चर्चा में है. अपने खास तरीके से बच्चों को पढ़ाना और उनके साथ बच्चा बन जाना. टीचर की इस खासियत को हर कोई पसंद कर रहा है. बच्चे भी खुलकर उनसे बातें कर रहे हैं. हर दिन उनसे कुछ नया सीख रहे हैं. रायपुर के शासकीय गोकुल राम वर्मा प्राथमिक विद्यालय रामनगर की शिक्षिका जान्हवी यदु ने स्कूल में अनुशासन के लिए यह अनोखा तरीका अपनाया है.

जान्हवी बच्चों के यूनिफॉर्म में सप्ताह में एक दिन स्कूल पहुंचती हैं. उनको अनोखे अंदाज में पढ़ाती हैं. जान्हवी के पढ़ाने का तरीका भी बच्चों को काफी पसंद आ रहा है. बच्चे जान्हवी को अपना दोस्त मानने लगे हैं. अपनी हर बात बच्चे टीचर जान्हवी से खुलकर करने लगे हैं. ईटीवी भारत ने जान्हवी से खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान जान्हवी ने बताया कि बच्चों को टीचर से कोई बातें कहने में हिचक ना हो, इसलिए उन्होंने ये अनोखा तरीका अपनाया है.

स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर पढ़ाने का आइडिया कहां से आया: जान्हवी का कहना है कि नए शिक्षा सत्र की शुरुआत के बाद से ही वह स्कूल यूनिफॉर्म में हर दिन स्कूल आती हैं. बच्चों को पढ़ाती हैं. पहले बच्चे पूरी तरह से यूनिफॉर्म में नहीं रहते थे. बच्चों का शर्ट गंदा रहता था, कभी शर्ट का बटन टूटा रहता था. इसी वजह से यह आइडिया आया. अब अपनी टीचर को देखकर बच्चे भी कायदे से साफ और पूरे यूनिफॉर्म में आते हैं.

बचपन से ही स्कूल से काफी लगाव था. कभी भी स्कूल मिस नहीं किया. इसलिए टीचर होकर बच्चों वाला यूनिफॉर्म पहनकर स्कूल आने में हिचकिचाहट नहीं हुई. -जान्हवी यदु, टीचर

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जान्हवी बच्चों की टीचर नहीं दोस्त बन गई: जान्हवी का कहना है कि उन्हें बचपन से ही स्कूल से काफी लगाव था. वो कभी भी अपना स्कूल मिस नहीं करती थी. इसलिए टीचर होकर बच्चों वाला यूनिफॉर्म पहनकर स्कूल आने में हिचकिचाहट कभी नहीं हुई. शुरुआत में थोड़ी हिचक जरूर हुई, लेकिन वो भी अब कम हो गई है. बच्चों में भी काफी बदलाव आया है. पहले बच्चे अपनी बात कहने से हिचकिचाते थे, लेकिन अब बच्चे अपनी सारी बातें बताते हैं. क्योंकि बच्चे जान्हवी को दोस्त मानने लगे हैं. अब तो बच्चे अपनी पर्सनल बातें भी शेयर करने लगे हैं.

पूरे देश में हो रही तारीफ: जान्हवी की मानें तो पहले के मुकाबले अब बच्चे ज्यादा बेहतर तरीके से हर चीज सीखने लगे हैं. पहले बच्चों को एक टीचर के तरह सीखाना थोड़ा मुश्किल सा होता था, लेकिन अब दोस्त बनकर बच्चे काफी आसानी से हर चीज सीख लेते हैं. वहीं, बच्चे भी खेल-खेल में जान्हवी से हर दिन बेहतर सीख रहे हैं. बच्चों को भी टीचर नहीं बल्कि एक दोस्त से सीखने में काफी मजा आ रहा है. जान्हवी का टीचर नहीं दोस्त बनकर बच्चों को पढ़ाने का तरीका काबिल ए तारीफ है. पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में जान्हवी के इस खास तरीके की सराहना हो रही है.

स्कूल यूनिफॉर्म में बच्चों को पढ़ा रहीं जान्हवी यदु

रायपुर: इन दिनों रायपुर की एक टीचर काफी चर्चा में है. अपने खास तरीके से बच्चों को पढ़ाना और उनके साथ बच्चा बन जाना. टीचर की इस खासियत को हर कोई पसंद कर रहा है. बच्चे भी खुलकर उनसे बातें कर रहे हैं. हर दिन उनसे कुछ नया सीख रहे हैं. रायपुर के शासकीय गोकुल राम वर्मा प्राथमिक विद्यालय रामनगर की शिक्षिका जान्हवी यदु ने स्कूल में अनुशासन के लिए यह अनोखा तरीका अपनाया है.

जान्हवी बच्चों के यूनिफॉर्म में सप्ताह में एक दिन स्कूल पहुंचती हैं. उनको अनोखे अंदाज में पढ़ाती हैं. जान्हवी के पढ़ाने का तरीका भी बच्चों को काफी पसंद आ रहा है. बच्चे जान्हवी को अपना दोस्त मानने लगे हैं. अपनी हर बात बच्चे टीचर जान्हवी से खुलकर करने लगे हैं. ईटीवी भारत ने जान्हवी से खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान जान्हवी ने बताया कि बच्चों को टीचर से कोई बातें कहने में हिचक ना हो, इसलिए उन्होंने ये अनोखा तरीका अपनाया है.

स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर पढ़ाने का आइडिया कहां से आया: जान्हवी का कहना है कि नए शिक्षा सत्र की शुरुआत के बाद से ही वह स्कूल यूनिफॉर्म में हर दिन स्कूल आती हैं. बच्चों को पढ़ाती हैं. पहले बच्चे पूरी तरह से यूनिफॉर्म में नहीं रहते थे. बच्चों का शर्ट गंदा रहता था, कभी शर्ट का बटन टूटा रहता था. इसी वजह से यह आइडिया आया. अब अपनी टीचर को देखकर बच्चे भी कायदे से साफ और पूरे यूनिफॉर्म में आते हैं.

बचपन से ही स्कूल से काफी लगाव था. कभी भी स्कूल मिस नहीं किया. इसलिए टीचर होकर बच्चों वाला यूनिफॉर्म पहनकर स्कूल आने में हिचकिचाहट नहीं हुई. -जान्हवी यदु, टीचर

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जान्हवी बच्चों की टीचर नहीं दोस्त बन गई: जान्हवी का कहना है कि उन्हें बचपन से ही स्कूल से काफी लगाव था. वो कभी भी अपना स्कूल मिस नहीं करती थी. इसलिए टीचर होकर बच्चों वाला यूनिफॉर्म पहनकर स्कूल आने में हिचकिचाहट कभी नहीं हुई. शुरुआत में थोड़ी हिचक जरूर हुई, लेकिन वो भी अब कम हो गई है. बच्चों में भी काफी बदलाव आया है. पहले बच्चे अपनी बात कहने से हिचकिचाते थे, लेकिन अब बच्चे अपनी सारी बातें बताते हैं. क्योंकि बच्चे जान्हवी को दोस्त मानने लगे हैं. अब तो बच्चे अपनी पर्सनल बातें भी शेयर करने लगे हैं.

पूरे देश में हो रही तारीफ: जान्हवी की मानें तो पहले के मुकाबले अब बच्चे ज्यादा बेहतर तरीके से हर चीज सीखने लगे हैं. पहले बच्चों को एक टीचर के तरह सीखाना थोड़ा मुश्किल सा होता था, लेकिन अब दोस्त बनकर बच्चे काफी आसानी से हर चीज सीख लेते हैं. वहीं, बच्चे भी खेल-खेल में जान्हवी से हर दिन बेहतर सीख रहे हैं. बच्चों को भी टीचर नहीं बल्कि एक दोस्त से सीखने में काफी मजा आ रहा है. जान्हवी का टीचर नहीं दोस्त बनकर बच्चों को पढ़ाने का तरीका काबिल ए तारीफ है. पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में जान्हवी के इस खास तरीके की सराहना हो रही है.

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