कुल्लू/लाहौल: हिमाचल प्रदेश में आज मौसम विभाग ने बारिश,ओलावृ्ष्टि को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं, कुछ दिन और मौसम खराब बना रहेगा. आज राजधानी शिमला सहित कई जगहों पर बरसात हो रही. वहीं, ऊंचाई वाले हिस्सों में बर्फबारी ने मई महीने में एक बार फिर ठंड बढ़ा दी है. मौसम विभाग के मुताबिक बारिश और हिमपात के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. कुछ देर पहले अटल टनल को भी वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिय गया है.
लाहौल घाटी में बर्फबारी: जिला लाहौल स्पीति में एक बार फिर से बर्फबारी का दौर जारी हो गया है. अटल टनल को भी वाहनों की आवाजाही के लिए बंद किया गया. वहीं, इसके अलावा केलांग से शिंकुला सड़क मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है.
किसानों का काम प्रभावित: लाहौल घाटी में हुई बर्फबारी के चलते अब एक बार फिर से कृषि कार्यों पर रोक लग गई है. हालांकि इन दिनों मौसम साफ होने के बाद किसानों ने कृषि कार्य शुरू कर दिया था. किसान अपने खेतों में आलू- मटर की फसल बीजने में व्यस्त थे, लेकिन एक बार फिर से हुई बर्फबारी के चलते कृषि कार्यों पर रोक लग रही है, जिससे अबकी बार किसानों का कृषि का कार्य प्रभावित हो सकता है.
बार-बार बदलता मौसम कर रहा परेशान: सितंबर माह के बाद यहां पर ठंड पड़ना शुरू हो जाती और बर्फबारी का दौर भी चालू हो जाता है. ऐसे में बार-बार बदलता मौसम लाहौल स्पीति के जीवन को प्रभावित कर रहा है. इसके अलावा अटल टनल के दोनों और भी बर्फबारी का दौर जारी है.
भूस्खलन से आवाजाही प्रभावित: ऐसे में पर्यटक भी बर्फबारी का मजा लेने के लिए सोलंग नाला कोठी और धुधी का रुख कर रहे हैं. वहीं ,मौसम विभाग ने भी ऊंचाई वाले इलाकों पर हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है. ऐसे में जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों से आग्रह किया है कि वे मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते ही सफर करें. डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने बताया कि घाटी में मौसम खराब चल रहा है. ऐसे में लोग सावधानी बरत कर ही सफर पर निकले. कई जगह पर भूस्खलन होने के चलते वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई है.
7 मई तक हिमाचल में मौसम खराब: बता दें कि मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने हिमाचल में 7 मई तक मौसम खराब रहने की बात कही है. बरसात और ओलावृष्टि को लेकर आज ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक 5 मई के बाद बरसात में कमी आना शुरू होगी.
अप्रैल में भी होती रही बरसात: अप्रैल में 104.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जोंकि 63 प्रतिशत अधिक है. अप्रैल महीने में साल 2021 में 70 प्रतिशत की अधिक बारिश हुई थी. वहीं, अप्रैल 2022 में बारिश में 89 प्रतिशत कमी दर्ज की गई थी. 2022 से पहले अप्रैल 2007 में 86 प्रतिशत बारिश में कमी दर्ज हुई थी. इसके अलावा साल 2023 में 1 मार्च से 30 अप्रैल तक प्री-मानसून बारिश में समान्य बारिश के मुकाबले केवल 2 प्रतिशत की कमी रही.
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