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कोहरे में ट्रेनों के सुचारू संचालन के लिए रेलवे ने 'फॉग पास डिवाइस' का किया उपयोग - Railway

fog pass devices : रेलवे ने घने कोहरे के दौरान ट्रेनों को देरी से चलने से बचाने के लिए फॉग पास डिवाइस का उपयोग शुरू किया है. इसके अंतर्गत देश भर की विभिन्न रेलवे में इस तरह की डिवाइस लगाई गई है. Railway

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 16, 2024, 2:58 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय रेलवे ने सर्दियों के मौसम में घने कोहरे से निपटने के लिए 'फॉग पास डिवाइस' का प्रावधान किया है. इसके अंर्तगत जीपीए के साथ सक्षम डिवाइस लगी होती है. रेलवे के मुताबिक यह पहल ट्रेन सेवाओं की विश्वसीनयता में सुधार के साथ, देरी को कम करने और यात्री सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

फॉग पास डिवाइस एक जीपीए आधारित नेविगेशन डिवाइस है जो लोको पायलट को घने कोहरे की स्थिति में नेविगेट करने में मदद करता है. यह लोको पायलटों को सिग्नल, लेवल क्रासिंग गेट (मानवयुक्त और मानवरहित) के अलावा गाड़ी की स्पीड के संबंध में जानकारी प्रदान करता है. इतना ही नहीं यह घने कोहरे के कारण चालक को भटकाव को बचाता है, साथ ही चालक को ट्रैक से भौतिक रूप से सिग्नल प्रदान करना होता है.

यह डिवाइस भौगोलिक क्रम में अगले तीन आने वाले निश्चित स्थलों के दृष्टिकोण संकेत प्रदर्शित करता है. साथ ही दृष्टिकोण पर लगभग 500 मीटर की दूरी पर एक ध्वनि संदेश भी प्रदर्शित करता है. इसके अलावा यह घने कोहरे के कारण चालक को भटकाव से भी बचाता है. इतना ही नहीं इसके जरिये चालक को भौतिक ट्रैक से सिग्नल पहलू (लाल, पीला या हरा) प्राप्त होता है. इस संबंध में रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि हर साल कई ट्रेनें या तो निर्धारित समय से देरी से चलती हैं या घने कोहरे के कारण रद्द हो जाती हैं. लेकिन यह उपकरण ट्रेनों के चलने के समय में सुधार करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है जो रेलवे की प्रमुख जिम्मेदारी है.

रेलवे ने कहा कि रेलवे ने कोहरे के मौसम में नेविगेट करने के लिए 19742 फॉग पास डिवाइस पेश किए हैं. रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, जोनल रेलवे को फॉग पास डिवाइस का प्रावधान किया गया है. इनमें मध्य रेलवे 560, पूर्वौत्तर रेलवे 1103, पूर्वी तटीय रेलवे 375, उत्तर रेलवे 4491, उत्तर मध्य रेलवे 1289, उत्तर पूर्व रेलवे 1762, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे 1101, उत्तर पश्चिम रेलवे 992 , दक्षिण मध्य रेलवे 1120, दक्षिण पूर्व रेलवे 2955, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 997, दक्षिण पश्चिम रेलवे 60 और पश्चिम मध्य रेलवे 1046 शामिल हैं.

ये भी पढ़े - ट्रेन को पलटाने के लिए रेलवे ट्रैक पर रखा पत्थर, टकराकर आगे बढ़ गई मूरी एक्सप्रेस

नई दिल्ली : भारतीय रेलवे ने सर्दियों के मौसम में घने कोहरे से निपटने के लिए 'फॉग पास डिवाइस' का प्रावधान किया है. इसके अंर्तगत जीपीए के साथ सक्षम डिवाइस लगी होती है. रेलवे के मुताबिक यह पहल ट्रेन सेवाओं की विश्वसीनयता में सुधार के साथ, देरी को कम करने और यात्री सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

फॉग पास डिवाइस एक जीपीए आधारित नेविगेशन डिवाइस है जो लोको पायलट को घने कोहरे की स्थिति में नेविगेट करने में मदद करता है. यह लोको पायलटों को सिग्नल, लेवल क्रासिंग गेट (मानवयुक्त और मानवरहित) के अलावा गाड़ी की स्पीड के संबंध में जानकारी प्रदान करता है. इतना ही नहीं यह घने कोहरे के कारण चालक को भटकाव को बचाता है, साथ ही चालक को ट्रैक से भौतिक रूप से सिग्नल प्रदान करना होता है.

यह डिवाइस भौगोलिक क्रम में अगले तीन आने वाले निश्चित स्थलों के दृष्टिकोण संकेत प्रदर्शित करता है. साथ ही दृष्टिकोण पर लगभग 500 मीटर की दूरी पर एक ध्वनि संदेश भी प्रदर्शित करता है. इसके अलावा यह घने कोहरे के कारण चालक को भटकाव से भी बचाता है. इतना ही नहीं इसके जरिये चालक को भौतिक ट्रैक से सिग्नल पहलू (लाल, पीला या हरा) प्राप्त होता है. इस संबंध में रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि हर साल कई ट्रेनें या तो निर्धारित समय से देरी से चलती हैं या घने कोहरे के कारण रद्द हो जाती हैं. लेकिन यह उपकरण ट्रेनों के चलने के समय में सुधार करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है जो रेलवे की प्रमुख जिम्मेदारी है.

रेलवे ने कहा कि रेलवे ने कोहरे के मौसम में नेविगेट करने के लिए 19742 फॉग पास डिवाइस पेश किए हैं. रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, जोनल रेलवे को फॉग पास डिवाइस का प्रावधान किया गया है. इनमें मध्य रेलवे 560, पूर्वौत्तर रेलवे 1103, पूर्वी तटीय रेलवे 375, उत्तर रेलवे 4491, उत्तर मध्य रेलवे 1289, उत्तर पूर्व रेलवे 1762, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे 1101, उत्तर पश्चिम रेलवे 992 , दक्षिण मध्य रेलवे 1120, दक्षिण पूर्व रेलवे 2955, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 997, दक्षिण पश्चिम रेलवे 60 और पश्चिम मध्य रेलवे 1046 शामिल हैं.

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