सिलीगुड़ी : पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा रेल कोच रेस्तरां का शुभारंभ किया गया है. पहली नजर में ऐसा लगता है कि बाहर से कोई ट्रेन रेलवे स्टेशन खड़ा है. लेकिन जब आप अंदर प्रवेश करते हैं, तो यह एक वातानुकूलित रेस्टोरेंट है. सारा खाना मिल जाएगा, वेज हो या नॉन वेज दोनों. भारतीय, दक्षिण भारतीय से चीनी खाने तक उपलब्ध हैं. दार्जिलिंग की चाय से शीतल पेय तक. इस रेस्टोरेंट (Rail Coach Restaurant) में हर तरह का स्वादिष्ट खाना मिल जाएगा.
अभी के लिए वह कोच रेस्तरां न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन (न्यू जलपाईगुड़ी जंक्शन) पर है. जहां सिर्फ यात्री या पर्यटक ही नहीं. कोई भी जाकर खा सकता है. पर्यटकों के लिए सबसे अच्छी खबर यह है कि अगले एक महीने के भीतर दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के तहत सुकना, तिंधरिया, कार्शियांग और दार्जिलिंग में भी कोच रेस्तरां खोल दिए जाएंगे. इसी तरह पर्यटक टॉय ट्रेन के कमरे में बैठकर रेस्टोरेंट का खाना खा सकते हैं. मूल रूप से यात्री या पर्यटक स्टेशन जाने पर अच्छे भोजन की तलाश में रहते हैं. और इसके लिए उन्हें इधर-उधर जाना पड़ता है.
इन बातों को ध्यान में रखते हुए रेलवे अधिकारियों ने कोच रेस्टोरेंट बनाने का फैसला किया. रेलवे अधिकारियों द्वारा एक कोच का नवीनीकरण किया गया था. फिर निविदा के माध्यम से रेस्तरां का प्रबंधन करने के लिए एक उपयुक्त कंपनी नियुक्त की जाती है. यात्रियों की सुविधा के लिए कोच रेस्तरां स्टेशन के प्रवेश या निकास पर बनाया गया है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के एडीआरएम संजय चिलवारवार ने कहा कि महाप्रबंधक अंसुल गुप्ता को सबसे पहले इस रेलवे कोच रेस्तरां का विचार आया. हम इसी तरह काम करते हैं.
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इसे पहले न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर बनाया गया था. भविष्य में, पहाड़ स्टेशन पर भी टॉय ट्रेन के कमरों के साथ रेस्टोरेंट भी बनाया जाएगा. यह होगा. एक तरफ आय बढ़ने के साथ यात्री ट्रेन के कमरे में बैठकर रेस्टोरेंट में खाने का लुत्फ उठा सकेंगे. रेस्टोरेंट के मैनेजर बिस्वजीत जाना ने कहा कि यहां हर तरह का खाना मिलता है. इंडियन से लेकर चाइनीज तक, वेज से लेकर नॉनवेज तक, सब कुछ मिलता है. एक अन्य रेस्तरां के मालिक शिशिर हलदर ने कहा कि न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वाले यात्रियों की एक बड़ी संख्या है.
बहुत से लोग चाहते हैं कि रेस्तरां का खाना हाथ में हो. यह अवधारणा भी बहुत अनोखी है. उम्मीद है कि यात्रियों और पर्यटकों को यह पसंद आएगा. ज्ञात हो कि सबसे पहले रेलवे द्वारा पुराने रेलवे कक्ष का जीर्णोद्धार कराया गया था. इसके बाद संस्था की नियुक्ति की जाती है. कुल मिलाकर 25 से 30 लाख रुपये खर्च हुए. इसके बाद अत्याधुनिक किचन है. रेस्टोरेंट सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहेगा. जहां 40 कर्मचारी दो शिफ्ट में काम करेंगे. रेस्टोरेंट के अंदर 32 लोग बैठ सकते हैं. कोई चाहे तो वह भी बाहर बैठकर खा सकता है.