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कालका शिमला ट्रैक पर दो साल बाद दौड़ी रेल मोटर कार, जानिए कैसे होगा सफर - कालका शिमला रेलवे ट्रैक

शिमला के कालका शिमला रेलवे ट्रैक पर करीब 2 साल बाद रेल मोटर कार सेवा एक बार फिर शुरू कर दी गई है. पहले दिन रेल कार में 7 यात्रियों ने कालका से शिमला तक का सफर तय किया. लोगों की डिमांड पर रेलवे ने इस सेवा को शुरू किया है. इस रेल कार में सफर करने के लिए आपको 800 रुपए चुकाने होंगे. अंग्रेजों ने एक सदी से भी ज्यादा पुराने कालका-शिमला रेल सेक्शन पर साल 1927 में रेल कार सेवा शुरू की थी.

ट्रैक पर दौड़ी रेल मोटर कार
ट्रैक पर दौड़ी रेल मोटर कार
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Published : Mar 19, 2021, 7:12 AM IST

शिमला: कालका शिमला रेलवे ट्रैक पर रेल मोटर कार सेवा शुरू हो गई है. यह सेवा करीब 2 साल के अंतराल के बाद शुरू की गई है. पहले दिन मोटर कार में 7 यात्रियों ने कालका से शिमला तक का सफर तय किया. रेल मोटर कार में कुल 15 लोग सफर कर सकते हैं. हालांकि पहले दिन सिर्फ 7 यात्री मोटर कार में सवार हुए.

रेल मोटर कार रोज कालका से सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर शिमला के लिए रवाना होगी और 9 बजकर 50 मिनट पर शिमला रेलवे स्टेशन पहुंच जाएगी. वहीं शिमला से यह मोटर कार सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर शिमला से कालका के लिए रवाना होगी और 4 बजकर 30 मिनट पर कालका स्टेशन पहुंच जाएगी.

रेल मोटर कार में सफर करने का अलग मजा

रेल मोटर कार में सवार हुए यात्रियों का कहना है इसमे सफर करने का एक अलग ही मजा है. बता दें कि ट्रैक पर जो ट्रॉय ट्रेन चलती है वह 5 से 6 घंटों में कालका से शिमला पहुंचती है. वहीं रेल मोटर कार सिर्फ 4 घंटों में यह सफर तय कर लेती है. रेल मोटर कार में सिर्फ 1 ही कोच होता है और ड्राइवर भी इसी कोच में बैठा होता है. यात्रियों ने कहा कि यह रेल मोटर कार रेलवे की धरोहर है और इसका दोबारा ट्रैक पर चलना एक अच्छी पहल है. रेलवे की ओर से मोटर कार में कुशन की सीटें लगवाई गई हैं जिससे सफर बहुत आरामदायक हो जाता है. इस मोटर कार का सफर करने के लिए 800 रुपए का किराया तय किया गया है.

ट्रैक पर दौड़ी रेल मोटर कार

यात्रियों की डिमांड पर शुरू हुई रेल कार सेवा

शिमला रेलवे स्टेशन के अधीक्षक प्रिंस सेठी ने कहा कि रेलवे की ओर से यात्रियों की डिमांड पर इस रेल मोटर कार को दोबारा ट्रैक पर शुरू किया गया है. पहले दिन मात्र 7 ही यात्रियों ने इस रेल मोटर कार में कालका से शिमला तक का सफर किया है. वापसी में 5 लोगों ने इस रेल मोटर कार में सफर के लिए बुकिंग करवाई. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जब यात्रियों को इसके बारे में पता चलेगा तो यात्री इस रेल मोटर कार में सफर को प्राथमिकता देंगे.

1927 में अंग्रेजों ने शुरू की थी रेल कार सेवा

गौरतलब है कि अंग्रेजों ने एक सदी से भी ज्यादा पुराने कालका-शिमला रेल सेक्शन पर साल 1927 में रेल कार सेवा शुरू की थी. रेल कार एक कार की तरह एक ही डिब्बे की बनी हुई है. जिसमें चालक और सवारी साथ-साथ बैठते हैं. कई दशकों तक हेरिटेज ट्रैक की शान रही रेल कार में खराबी आने के कारण करीब दो साल पहले रेल कार सेवा को बंद कर दिया गया था. अब रेल कार को नया लुक देकर एक बार फिर से ट्रैक पर चलाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: किन्नौर: आउट ऑफ कंट्रोल होकर खाई में गिरी कार, दर्दनाक हादसे में चालक की मौत

शिमला: कालका शिमला रेलवे ट्रैक पर रेल मोटर कार सेवा शुरू हो गई है. यह सेवा करीब 2 साल के अंतराल के बाद शुरू की गई है. पहले दिन मोटर कार में 7 यात्रियों ने कालका से शिमला तक का सफर तय किया. रेल मोटर कार में कुल 15 लोग सफर कर सकते हैं. हालांकि पहले दिन सिर्फ 7 यात्री मोटर कार में सवार हुए.

रेल मोटर कार रोज कालका से सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर शिमला के लिए रवाना होगी और 9 बजकर 50 मिनट पर शिमला रेलवे स्टेशन पहुंच जाएगी. वहीं शिमला से यह मोटर कार सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर शिमला से कालका के लिए रवाना होगी और 4 बजकर 30 मिनट पर कालका स्टेशन पहुंच जाएगी.

रेल मोटर कार में सफर करने का अलग मजा

रेल मोटर कार में सवार हुए यात्रियों का कहना है इसमे सफर करने का एक अलग ही मजा है. बता दें कि ट्रैक पर जो ट्रॉय ट्रेन चलती है वह 5 से 6 घंटों में कालका से शिमला पहुंचती है. वहीं रेल मोटर कार सिर्फ 4 घंटों में यह सफर तय कर लेती है. रेल मोटर कार में सिर्फ 1 ही कोच होता है और ड्राइवर भी इसी कोच में बैठा होता है. यात्रियों ने कहा कि यह रेल मोटर कार रेलवे की धरोहर है और इसका दोबारा ट्रैक पर चलना एक अच्छी पहल है. रेलवे की ओर से मोटर कार में कुशन की सीटें लगवाई गई हैं जिससे सफर बहुत आरामदायक हो जाता है. इस मोटर कार का सफर करने के लिए 800 रुपए का किराया तय किया गया है.

ट्रैक पर दौड़ी रेल मोटर कार

यात्रियों की डिमांड पर शुरू हुई रेल कार सेवा

शिमला रेलवे स्टेशन के अधीक्षक प्रिंस सेठी ने कहा कि रेलवे की ओर से यात्रियों की डिमांड पर इस रेल मोटर कार को दोबारा ट्रैक पर शुरू किया गया है. पहले दिन मात्र 7 ही यात्रियों ने इस रेल मोटर कार में कालका से शिमला तक का सफर किया है. वापसी में 5 लोगों ने इस रेल मोटर कार में सफर के लिए बुकिंग करवाई. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जब यात्रियों को इसके बारे में पता चलेगा तो यात्री इस रेल मोटर कार में सफर को प्राथमिकता देंगे.

1927 में अंग्रेजों ने शुरू की थी रेल कार सेवा

गौरतलब है कि अंग्रेजों ने एक सदी से भी ज्यादा पुराने कालका-शिमला रेल सेक्शन पर साल 1927 में रेल कार सेवा शुरू की थी. रेल कार एक कार की तरह एक ही डिब्बे की बनी हुई है. जिसमें चालक और सवारी साथ-साथ बैठते हैं. कई दशकों तक हेरिटेज ट्रैक की शान रही रेल कार में खराबी आने के कारण करीब दो साल पहले रेल कार सेवा को बंद कर दिया गया था. अब रेल कार को नया लुक देकर एक बार फिर से ट्रैक पर चलाया जा रहा है.

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