नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस (Delhi Police ) ने बुधवार को कहा कि यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर लगाए गए सांप्रदायिक नारों के सिलसिले में हिंदू रक्षा दल (Hindu Raksha Dal) के नेताओं पिंकी चौधरी और उत्तम मलिक की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी और पड़ोसी राज्यों में छापेमारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि दोनों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए हैं और मलिक 7 अगस्त से घर नहीं गए.
पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि घटना के सिलसिले में अधिवक्ता और भाजपा के पूर्व प्रवक्ता (former BJP spokesperson ) अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के पास आयोजित एक कार्यक्रम में भड़काऊ नारेबाजी के संबंध में कनॉट प्लेस (Connaught Place) पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद गिरफ्तारियां की गईं.
आरोपियों की पहचान अश्विनी उपाध्याय, प्रीत सिंह, दीपक सिंह, दीपक कुमार, विनोद शर्मा और विनीत बाजपेयी के रूप में हुई है.
उन्हें दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया था और जल्द ही उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा.
प्रीत, सेव इंडिया फाउंडेशन (Save India Foundatio) के निदेशक हैं. दीपक सिंह, दीपक कुमार और विनोद शर्मा विभिन्न दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े हैं.
यहां जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम विरोधी नारे (anti-Muslim slogans) लगाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया (social media) पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने सोमवार को इस मामले में मामला दर्ज किया.
भारत जोड़ो आंदोलन (Bharat Jodo Aandolan) की ओर से रविवार को जंतर-मंतर पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए थे.
भारत जोड़ो आंदोलन की मीडिया प्रभारी शिप्रा श्रीवास्तव ( Shipra Srivastava) ने कहा था कि उपाध्याय के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया था.
हालांकि, उन्होंने मुस्लिम विरोधी नारे लगाने वालों से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया.
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विरोध औपनिवेशिक कानूनों (colonial laws) के खिलाफ आयोजित किया गया था और 222 ब्रिटिश कानूनों को खत्म करने की मांग की गई थी. हमने वीडियो देखा है, लेकिन यह नहीं पता कि वे कौन हैं. श्रीवास्तव ने कहा कि नारे लगाने वालों के खिलाफ पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
उपाध्याय ने भी मुस्लिम विरोधी नारेबाजी की घटना में शामिल होने से इनकार किया था.