नई दिल्ली : राहुल गांधी की 'राजस्थान में करीबी मुकाबला' टिप्पणी के एक दिन बाद पार्टी ने कहा कि उसने इस टिप्पणी को एक चुनौती के रूप में लिया है और राज्य को जीतने के लिए हर संभव प्रयास करेगी.
राजस्थान के एआईसीसी प्रभारी एसएस रंधावा (AICC in charge Randhawa) ने ईटीवी भारत से कहा कि, 'हमने राहुलजी की टिप्पणी को चुनौती के रूप में लिया है. अब हम कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. मेरा लक्ष्य पार्टी के वोट शेयर को बरकरार रखना और सीटों की संख्या में रिकॉर्ड बनाना है.'
2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 100 सीटें जीती थीं, जो सरकार बनाने के लिए आवश्यक 200 सदस्यीय विधानसभा में आधे से 1 सीट कम थी. बीजेपी ने 73 सीटें जीती थीं. बाद में बसपा के छह विधायकों के साथ कुछ निर्दलीय विधायकों ने भी अशोक गहलोत की सरकार को समर्थन दिया था. 2023 में कांग्रेस राजस्थान में तीन दशक पुरानी परंपरा को तोड़ने की पुरजोर कोशिश कर रही है, जहां मतदाता हर पांच साल में सत्तारूढ़ दल बदलते हैं.
रंधावा ने कहा कि 'यदि हम सत्ता में हैं तो हमें आत्मसंतुष्ट और घमंडी नहीं होना चाहिए. इससे मतदाताओं के बीच गलत संदेश जाता है. मैंने राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि यह आराम करने का समय नहीं है. पार्टी की जीत सुनिश्चित करने और रुझान को कम करने के लिए उन सभी को जमीन पर रहना होगा. मैंने नेताओं से कार्यकर्ताओं का पूरा ख्याल रखने को भी कहा है. कार्यकर्ता संतुष्ट होंगे तो सब ठीक हो जाएगा.'
एआईसीसी प्रभारी ने कहा कि उनका ध्यान केवल कांग्रेस पर है, लेकिन उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वी भाजपा में टूट है. रंधावा ने कहा कि 'मैंने सुना है कि भाजपा अंदरूनी कलह से जूझ रही है और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की उपेक्षा कर रही है. प्रधानमंत्री भी अक्सर राज्य का दौरा करते रहते हैं जिससे पता चलता है कि वह चिंतित हैं. एक प्रधानमंत्री अपनी रैलियों में राष्ट्रीय मुद्दों पर बात करते हैं, लेकिन वह लाल डायरी जैसी अस्पष्ट बातों का जिक्र करते हैं और निराधार आरोप लगाते हैं. लेकिन मैं बीजेपी पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहा हूं, मेरी कोशिश कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट रखना और आने वाले चुनाव में जीत हासिल करना है.'
एआईसीसी प्रभारी ने कहा कि राज्य में कांग्रेस के बारे में धारणा थोड़ी अलग थी लेकिन इसमें सुधार हुआ है. रंधावा ने कहा कि 'राज्य की टीम एकजुट है. हम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट को एक साथ लाए. अब दोनों नेता मिलकर काम कर रहे हैं और इससे पार्टी को फायदा हो रहा है. वे 23 सितंबर को जयपुर में खड़गेजी और राहुलजी द्वारा संबोधित एक रैली में एक साथ थे. राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का भी लोगों ने स्वागत किया है.'
उन्होंने कहा कि 'लेकिन सत्ता में रहने वाली पार्टी को अति आत्मविश्वासी भी नहीं होना चाहिए और प्रतिद्वंद्वी को हल्के में नहीं लेना चाहिए. वोट मिलने तक हमें मेहनत करते रहना है. जब मैंने कार्यभार संभाला तो स्थानीय स्तर पर बहुत सारी संगठनात्मक कमियां थीं, इसलिए, सबसे पहला काम जो मैंने किया वह उन अंतरालों को भरना था. अब हमारे पास जमीन पर एक मजबूत टीम है और वे नियमित रूप से मतदाताओं से मिल रहे हैं.'
एआईसीसी प्रभारी ने कहा कि पार्टी जल्द ही उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी क्योंकि राज्य भर में सर्वेक्षण लगभग पूरा हो चुका है. रंधावा ने कहा कि 'हमने फीडबैक ले लिया है और अब संभावित नामों को अंतिम रूप दे रहे हैं. सूची जल्द ही जारी होगी.'