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राहुल गांधी का बंगाल में प्रचार से दूर रहने का निर्णय एक 'बहाना': प्रसाद

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Published : Apr 19, 2021, 6:40 PM IST

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का पश्चिम बंगाल में चुनावी रैलियां कोविड-19 मामलों में वृद्धि के बीच निलंबित करने के उनके निर्णय को लेकर मखौल उड़ाया. प्रसाद ने इसे राहुल गांधी का बहाना करार दिया है.

Rahul
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कोलकाता : केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का पश्चिम बंगाल में चुनावी रैलियां कोविड-19 मामलों में वृद्धि के बीच निलंबित करने के उनके निर्णय को लेकर मखौल उड़ाया. कहा कि यह हार को देखते हुए एक बहाना भर है.

केंद्रीय कानून मंत्री ने ममता बनर्जी सरकार पर भी निशाना साधा और उसे कुशासन, भ्रष्टाचार और (मुस्लिम) तुष्टिकरण का प्रतीक बताया. प्रसाद ने कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार से दूर रहने के गांधी के फैसले की ओर इशारा करते हुए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह एक बहाना है. क्योंकि कैप्टन ने पाया कि उसका जवाज डूब रहा है.

ऐसे में जब इसको लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं कि चुनावी रैलियां कोविड-19 संक्रमण फैलाने के कार्यक्रम बन रही हैं. प्रसाद ने कहा कि केंद्र इस बीमारी से निपटने के लिए सब कुछ कर रहा है. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस कोविड-19 प्रबंधन के बारे में बहुत सी बातें कह रही है. क्या ममता जी ने कोविड-19 को लेकर प्रधानमंत्री के साथ सभी मुख्यमंत्रियों की बैठकों में भाग लिया? जवाब नहीं है.

उन्होंने कहा कि चुनाव एक संवैधानिक दायित्व है जिसे चुनाव आयोग द्वारा निभाया जाता है. हम चुनाव आयोग द्वारा दिए गए सभी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे. बिहार में भी, कोविड-19 के बीच चुनाव आगे बढ़े थे. चुनाव की प्रक्रिया तय करने का एकमात्र प्राधिकार चुनाव आयोग है.

उन्होंने साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि कोविड​​-19 का मुकाबला करने में राज्यों की जरूरतों को पूरा करने में केंद्र द्वारा कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का ऑक्सीजन का कोटा दूसरे राज्यों में भेज दिया गया.

प्रसाद ने राज्य में कथित भ्रष्टाचार को लेकर भी बनर्जी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार कुशासन, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की प्रतीक है. उन्होंने कहा कि ममता जी प्रत्येक बीतते दिन के साथ अधिक हताश हो रही हैं. आदर्श आचार संहिता लागू होने के दिन से, किसी भी मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बलों का घेराव करने के लिए नहीं कहा.

सुरक्षा बल स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग के प्राधिकार का प्रतिनिधित्व करते हैं. केंद्रीय बलों के खिलाफ उनका उकसावे वाला बयान उनकी हताशा दर्शाता है. उन्होंने दावा किया कि लैंगिक न्याय और महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित करने में टीएमसी सरकार का रिकॉर्ड निराशाजनक है.

उन्होंने कहा कि शासन और विकास पर ममता बनर्जी सरकार का ध्यान केंद्रित नहीं है. यहां तक ​​कि लैंगिक न्याय के मुद्दों पर भी उनका रिकॉर्ड निराशाजनक है. हमने पश्चिम बंगाल के लिए 123 त्वरित सुनवाई अदालतों को मंजूरी दी थी लेकिन राज्य सरकार द्वारा अभी मंजूरी देना बाकी है. यह टीएमसी सरकार की मानसिकता को दर्शाता है.

यह भी पढ़ें-कोरोना संक्रमण: लक्षण हैं पर रिपोर्ट में पुष्टि नहीं, जानिए क्या करें

उन्होंने कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल को सूचना प्रौद्योगिकी का केंद्र बनाना चाहती है और स्टार्टअप पहलों को मजबूत करना चाहती है. प्रसाद ने कहा कि सत्ता में आने पर पार्टी की हर उप-मंडल में कॉलसेंटर स्थापित करने की योजना है.

कोलकाता : केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का पश्चिम बंगाल में चुनावी रैलियां कोविड-19 मामलों में वृद्धि के बीच निलंबित करने के उनके निर्णय को लेकर मखौल उड़ाया. कहा कि यह हार को देखते हुए एक बहाना भर है.

केंद्रीय कानून मंत्री ने ममता बनर्जी सरकार पर भी निशाना साधा और उसे कुशासन, भ्रष्टाचार और (मुस्लिम) तुष्टिकरण का प्रतीक बताया. प्रसाद ने कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार से दूर रहने के गांधी के फैसले की ओर इशारा करते हुए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह एक बहाना है. क्योंकि कैप्टन ने पाया कि उसका जवाज डूब रहा है.

ऐसे में जब इसको लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं कि चुनावी रैलियां कोविड-19 संक्रमण फैलाने के कार्यक्रम बन रही हैं. प्रसाद ने कहा कि केंद्र इस बीमारी से निपटने के लिए सब कुछ कर रहा है. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस कोविड-19 प्रबंधन के बारे में बहुत सी बातें कह रही है. क्या ममता जी ने कोविड-19 को लेकर प्रधानमंत्री के साथ सभी मुख्यमंत्रियों की बैठकों में भाग लिया? जवाब नहीं है.

उन्होंने कहा कि चुनाव एक संवैधानिक दायित्व है जिसे चुनाव आयोग द्वारा निभाया जाता है. हम चुनाव आयोग द्वारा दिए गए सभी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे. बिहार में भी, कोविड-19 के बीच चुनाव आगे बढ़े थे. चुनाव की प्रक्रिया तय करने का एकमात्र प्राधिकार चुनाव आयोग है.

उन्होंने साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि कोविड​​-19 का मुकाबला करने में राज्यों की जरूरतों को पूरा करने में केंद्र द्वारा कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का ऑक्सीजन का कोटा दूसरे राज्यों में भेज दिया गया.

प्रसाद ने राज्य में कथित भ्रष्टाचार को लेकर भी बनर्जी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार कुशासन, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की प्रतीक है. उन्होंने कहा कि ममता जी प्रत्येक बीतते दिन के साथ अधिक हताश हो रही हैं. आदर्श आचार संहिता लागू होने के दिन से, किसी भी मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बलों का घेराव करने के लिए नहीं कहा.

सुरक्षा बल स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग के प्राधिकार का प्रतिनिधित्व करते हैं. केंद्रीय बलों के खिलाफ उनका उकसावे वाला बयान उनकी हताशा दर्शाता है. उन्होंने दावा किया कि लैंगिक न्याय और महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित करने में टीएमसी सरकार का रिकॉर्ड निराशाजनक है.

उन्होंने कहा कि शासन और विकास पर ममता बनर्जी सरकार का ध्यान केंद्रित नहीं है. यहां तक ​​कि लैंगिक न्याय के मुद्दों पर भी उनका रिकॉर्ड निराशाजनक है. हमने पश्चिम बंगाल के लिए 123 त्वरित सुनवाई अदालतों को मंजूरी दी थी लेकिन राज्य सरकार द्वारा अभी मंजूरी देना बाकी है. यह टीएमसी सरकार की मानसिकता को दर्शाता है.

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उन्होंने कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल को सूचना प्रौद्योगिकी का केंद्र बनाना चाहती है और स्टार्टअप पहलों को मजबूत करना चाहती है. प्रसाद ने कहा कि सत्ता में आने पर पार्टी की हर उप-मंडल में कॉलसेंटर स्थापित करने की योजना है.

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