नई दिल्ली : कांग्रेस 13 से 15 मई तक उदयपुर में चिंतन शिविर लगाने वाली है. इस शिविर में पार्टी के कोर टीम और दिग्गज नेता शिरकत करेंगे. सूत्रों के अनुसार, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 12 मई को ट्रेन से उदयपुर पहुंचेंगे. उनके साथ कांग्रेस नेताओं की टीम भी दिल्ली से उदयपुर तक ट्रेन से यात्रा करेगी. इसके लिए पार्टी ने ट्रेन में दो बोगी बुक करा ली है. आलाकमान ने 12 मई को पार्टी के 422 डेलिगेट को उदयपुर में रिपोर्ट करने को कहा है ताकि शिविर का संचालन सुचारू तौर से किया जा सके. राज्य सरकार ने नेताओं के ठहरने और आने-जाने की व्यवस्था की है. इसके साथ-साथ कार्यक्रम को कवर करने वाले मीडियाकर्मियों के लिए भी व्यापक व्यवस्था की है.
पार्टी के रणनीतिकारों के अनुसार, नेताओं की ट्रेन यात्रा के जरिये देश के मतदाताओं को यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि कांग्रेस पार्टी को पुनर्जीवित करने को तैयार है. 2024 के आम चुनाव के लिए नई दिशा तय की जा रही है. पार्टी नेताओं का मानना है कि कांग्रेस 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. इस दौरान पार्टी कई विधानसभा चुनाव भी हार चुकी है, जिसने देश भर के कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है. तैयारियों में शामिल एआईसीसी के एक पदाधिकारी ने कहा कि शिविर आने वाले नेताओं के लिए एक मंच है, जिसमें वह पार्टी को कैसे आगे बढ़ना चाहिए, इस पर अपने विचार रख सकेंगे.
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, चिंतन शिविर के लिए ट्रेन यात्रा का आइडिया खुद राहुल गांधी का है. राहुल चाहते हैं कि वह खुद कॉमन मैन की छवि गढ़ना चाहते हैं. साथ ही वह चाहते हैं कि लोग भी कांग्रेस को सर्वसुलभ पार्टी के तौर पर पहचाने. एआईसीसी के एक महासचिव का कहना है कि राहुल गांधी लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि केंद्र सरकार केवल कुछ बड़े कॉरपोरेट्स के लाभ के लिए काम करती है, जबकि मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के लोग दोषपूर्ण नीतियों से परेशान हैं. नेता को भी इस तरह से कार्य करना चाहिए जो उनके शब्दों से मेल खाता हो. उन्होंने बताया कि चिंतन शिविर में मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी, सांप्रदायिक तनाव, एक परिवार एक टिकट जैसे कुछ संगठनात्मक सुधारों और संसदीय बोर्ड को पुनर्जीवित करने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. पार्टी चाहती है कि उदयपुर शिविर के बाद लोगों में यह संदेश जाए कि कांग्रेस 2024 में देश को वैकल्पिक नेतृत्व देने के लिए तैयार है. पार्टी के एक रणनीतिकारों का मानना है कि सिर्फ प्रोजेक्शन के काम नहीं चलेगा, पार्टी को दो साल के लिए भी एक एक्शन प्लान बनाकर उस पर अमल भी करना होगा.