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Rahul Gandhi's Formula for Tough Seats : हारने वाली सीटों पर कैसे जीत मिलेगी, राहुल ने दिया ये सुझाव - राजस्थान विधानसभा चुनाव

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान कांग्रेस को सुझाव दिया है कि जिन सीटों पर पार्टी को जीत नहीं मिलती है, उनके लिए विशेष रणनीति बनाइए. इसके लिए राहुल ने अपने 'विशेष' दूत को भी काम पर लगा दिया है. पढ़ें वरिष्ठ पत्रकार अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Rahul Gandhi, Ashok Gehlot, File Photo
राहुल गांधी, अशोक गहलोत, (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 11, 2023, 4:34 PM IST

नई दिल्ली : राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति कैसे मजबूत हो, इसके लिए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 52 मुश्किल समझे जाने वाले सीटों के लिए विशेष रणनीति बनाने को कहा है. इसके लिए राहुल ने एआईसीसी राजस्थान स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई को एक प्लान बनाने को कहा है, ताकि पार्टी कम से कम इनमें से आधी सीटों पर जीत सुनिश्चित कर सके. 52 में से आधी सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार प्रायः हारते रहे हैं.

गौरव गोगोई ने 28 से 31 अगस्त के बीच प्रदेश की सभी 200 सीटों की बारी-बारी से समीक्षा की थी. इसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अब वह उन कारणों को ढूंढेंगे जिसकी वजह से कांग्रेस को इन 52 सीटों पर जीतने में मुश्किल क्यों आ रही है ? उम्मीद जताई जा रही है कि वे इन सीटों पर स्थानीय उम्मीदवारों से फीड प्राप्त कर उनके सुझावों पर अमल करेंगे. पार्टी ने विशेष रूप से तीन महासचिवों निजामुद्दीन काजी, वीरेंद्र राठौड़ और अमृता धवन को इन सीटों का दौरा कर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करने को कहा है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए राजस्थान के प्रभारी वीरेंद्र राठौड़ ने कहा, 'हम चुनौतीपूर्ण सीटों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, यहां पर भाजपा को कड़ी टक्कर प्रदान करेंगे. उम्मीद है कि हमारी पार्टी यहां पर अच्छा पदर्शन करेगी. इन सीटों पर लंबे समय से कांग्रेस का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहा है. इन 52 सीटों पर पार्टी केंद्रीय कमेटी की सीधी नजर है और वह निगरानी भी कर रही है. मारवाड़-मेवाड़ क्षेत्र में कुल 70 सीटें हैं, जिनमें से 40 सीटें इन्हीं 52 में से हैं. हम यहां पर अपनी ऊर्जा खर्च कर रहे हैं. अगर हम इनमें से आधी सीटों पर भी अपनी स्थिति बदलने में कामयाब हुए, तो कांग्रेस के लिए यह बड़ी बात होगी. आपको बता दें कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति अच्छी है, लेकिन हमारी स्थिति और बेहतर हो और अच्छी बढ़त मिले, इसके लिए जरूरी है कि इन सीटों पर भी जीत हासिल हो. हमें उम्मीद है कि इस बार हम सफलता प्राप्त करेंगे.'

उन्होंने कहा कि जो फीड उन्होंने प्राप्त किया है, उसके आधार पर मतदाताओं ने कांग्रेस को लेकर सकारात्मक रूझान दिए हैं और इसकी वजह है सरकारी स्कीमों का उन तक पहुंचना, खासतौर पर स्वास्थ्य कवर को लेकर वे काफी पॉजिटिव हैं और दूसरी बड़ी वजह है कि हमारी पार्टी पूरी तरह से एक टीम की तरह काम कर रही है.

इसी महीने कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है. इनमें से अधिकांश टफ सीटों को शामिल किया गया है. जैसे- श्रीगंगानगर, गंगापुर सिटी, अनुपगढ़, भद्रा, बीकानेर ईस्ट, पिलिबंगा, संगानेर, मालवीय नगर, कापसन, विद्याधर नगर, जालौर, दग, झालारपटनम, खानपुर, मनोहर थाना, उदयपुरवती, रामगंज मंडी, मारवाड़ जंक्शन, मालपुरा, रेवदार, नागौर, रत्नगढ़, खंडेला, अजमेर उ., अजमेर द., भरतपुर, अलवर सिटी, बेहरोड, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा, सिरोही, भोपालगढ़ आदि.

राठौड़ के अनुसार इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिए अगर पार्टी को कुछ लाइक माइंडेड पार्टी से समझौता भी करना पड़ा, तो पार्टी ऐसा करेगी. कांग्रेस संगठन के प्रभारी केसी वेणुगोपाल रविवार को जयपुर पहुंचे थे. उन्होंने कोर ग्रुप के साथ बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पार्टी प्रदेश प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा, स्पीकर सीपी जोशी, प्रचार कमेटी के अध्यक्ष गोविंद राम मेघवाल, मोहन प्रकाश, सचिन पायलट और एसएस रंधावा मौजूद थे.

गोविंद राम मेघवाल भाजपा छोड़कर कांग्रेस आए हैं. नवंबर महीने में चुनाव हो सकते हैं. पार्टी ने बताया कि उनकी सरकार ने जो भी कल्याणकारी कार्य किए हैं, उसके आधार पर ही वह प्रदेश में प्रचार का खाका खींच रही है.

ये भी पढ़ें : कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की घोषणा, राजस्थान की जिम्मेदारी गौरव गोगोई को, अशोक गहलोत और सचिन पायलट को भी मिली जगह

नई दिल्ली : राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति कैसे मजबूत हो, इसके लिए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 52 मुश्किल समझे जाने वाले सीटों के लिए विशेष रणनीति बनाने को कहा है. इसके लिए राहुल ने एआईसीसी राजस्थान स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई को एक प्लान बनाने को कहा है, ताकि पार्टी कम से कम इनमें से आधी सीटों पर जीत सुनिश्चित कर सके. 52 में से आधी सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार प्रायः हारते रहे हैं.

गौरव गोगोई ने 28 से 31 अगस्त के बीच प्रदेश की सभी 200 सीटों की बारी-बारी से समीक्षा की थी. इसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अब वह उन कारणों को ढूंढेंगे जिसकी वजह से कांग्रेस को इन 52 सीटों पर जीतने में मुश्किल क्यों आ रही है ? उम्मीद जताई जा रही है कि वे इन सीटों पर स्थानीय उम्मीदवारों से फीड प्राप्त कर उनके सुझावों पर अमल करेंगे. पार्टी ने विशेष रूप से तीन महासचिवों निजामुद्दीन काजी, वीरेंद्र राठौड़ और अमृता धवन को इन सीटों का दौरा कर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करने को कहा है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए राजस्थान के प्रभारी वीरेंद्र राठौड़ ने कहा, 'हम चुनौतीपूर्ण सीटों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, यहां पर भाजपा को कड़ी टक्कर प्रदान करेंगे. उम्मीद है कि हमारी पार्टी यहां पर अच्छा पदर्शन करेगी. इन सीटों पर लंबे समय से कांग्रेस का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहा है. इन 52 सीटों पर पार्टी केंद्रीय कमेटी की सीधी नजर है और वह निगरानी भी कर रही है. मारवाड़-मेवाड़ क्षेत्र में कुल 70 सीटें हैं, जिनमें से 40 सीटें इन्हीं 52 में से हैं. हम यहां पर अपनी ऊर्जा खर्च कर रहे हैं. अगर हम इनमें से आधी सीटों पर भी अपनी स्थिति बदलने में कामयाब हुए, तो कांग्रेस के लिए यह बड़ी बात होगी. आपको बता दें कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति अच्छी है, लेकिन हमारी स्थिति और बेहतर हो और अच्छी बढ़त मिले, इसके लिए जरूरी है कि इन सीटों पर भी जीत हासिल हो. हमें उम्मीद है कि इस बार हम सफलता प्राप्त करेंगे.'

उन्होंने कहा कि जो फीड उन्होंने प्राप्त किया है, उसके आधार पर मतदाताओं ने कांग्रेस को लेकर सकारात्मक रूझान दिए हैं और इसकी वजह है सरकारी स्कीमों का उन तक पहुंचना, खासतौर पर स्वास्थ्य कवर को लेकर वे काफी पॉजिटिव हैं और दूसरी बड़ी वजह है कि हमारी पार्टी पूरी तरह से एक टीम की तरह काम कर रही है.

इसी महीने कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है. इनमें से अधिकांश टफ सीटों को शामिल किया गया है. जैसे- श्रीगंगानगर, गंगापुर सिटी, अनुपगढ़, भद्रा, बीकानेर ईस्ट, पिलिबंगा, संगानेर, मालवीय नगर, कापसन, विद्याधर नगर, जालौर, दग, झालारपटनम, खानपुर, मनोहर थाना, उदयपुरवती, रामगंज मंडी, मारवाड़ जंक्शन, मालपुरा, रेवदार, नागौर, रत्नगढ़, खंडेला, अजमेर उ., अजमेर द., भरतपुर, अलवर सिटी, बेहरोड, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा, सिरोही, भोपालगढ़ आदि.

राठौड़ के अनुसार इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिए अगर पार्टी को कुछ लाइक माइंडेड पार्टी से समझौता भी करना पड़ा, तो पार्टी ऐसा करेगी. कांग्रेस संगठन के प्रभारी केसी वेणुगोपाल रविवार को जयपुर पहुंचे थे. उन्होंने कोर ग्रुप के साथ बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पार्टी प्रदेश प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा, स्पीकर सीपी जोशी, प्रचार कमेटी के अध्यक्ष गोविंद राम मेघवाल, मोहन प्रकाश, सचिन पायलट और एसएस रंधावा मौजूद थे.

गोविंद राम मेघवाल भाजपा छोड़कर कांग्रेस आए हैं. नवंबर महीने में चुनाव हो सकते हैं. पार्टी ने बताया कि उनकी सरकार ने जो भी कल्याणकारी कार्य किए हैं, उसके आधार पर ही वह प्रदेश में प्रचार का खाका खींच रही है.

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