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राज्य सभा सांसदों के निलंबन पर राहुल का सवाल, किस बात की माफी ?

राज्य सभा सांसदों के निलंबन पर राहुल गांधी ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि सांसदों से किस बात की माफी मांगने को कहा जा रहा है. इससे पहले राज्य सभा में सांसदों के निलंबन रद्द करने की मांग खारिज कर दी गई.

rahul gandhi etvbharat
राहुल गांधी (फाइल फोटो)
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Published : Nov 30, 2021, 1:01 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 3:14 PM IST

नई दिल्ली : राहुल गांधी ने राज्य सभा सांसदों के निलंबन पर सवाल किया है. उन्होंने एक ट्वीट कर पूछा कि सांसदों को किस बात पर माफी मांगनी चाहिए. राहुल ने लिखा कि क्या सांसदों को संसद में जनता की आवाज उठाने के लिए माफी मांगनी चाहिए ?

राहुल ने अपने ट्वीट में इस सवाल का जवाब भी दिया. उन्होंने लिखा कि सांसदों को माफी बिल्कुल नहीं मांगनी चाहिए.

rahul gandhi RS members suspension
राज्य सभा सांसदों के निलंबन पर राहुल गांधी का ट्वीट

बता दें कि संसद के मानसून सत्र में अशोभनीय आचरण करने के आरोप में 12 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया है.

बता दें कि संसद में सांसदों का अशोभनीय आचरण पहले भी कई मौकों पर सामने आ चुका है. विगत मानसून सत्र के दौरान कई मौके ऐसे आए थे, जब संसदीय मर्यादा तार-तार होती दिखी. खुद सभापति नायडू कई मौकों पर क्षुब्ध दिखे थे. राज्य सभा की कार्यवाही के 11वें दिन सरकार के खिलाफ आंदोलित राज्य सभा सदस्य वेल में तख्तियों के साथ घुस कर हंगामा करते रहे. इस पर सभापति वेंकैया नायडू भड़क उठे. उन्होंने कहा कि कोई भी सदस्य कार्यवाही संचालन को लेकर सभापति को निर्देश नहीं दे सकता.

यह भी पढ़ें- राज्य सभा में हंगामे से नायडू क्षुब्ध, कहा- 'आसन को डिक्टेट नहीं कर सकते', कार्यवाही स्थगित

व्यवधान पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए सभापति एम वेंकैया नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों ने कहा कि उन्हें यहां हंगामा करने के लिए नहीं भेजा गया है. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हंगामे को 'हिंसक प्रदर्शन' करार देते हुए कहा कि सदन में व्यवधान उत्पन्न किए जाने के रवैये की भर्त्सना की जानी चाहिए.

संसद में हंगामे से जुड़ी यह खबरें भी पढ़ें-

गौरतलब है कि मानसून सत्र के दौरान गत चार अगस्त को राज्य सभा के वेल में तख्तियों के साथ घुसे तृणमूल कांग्रेस के सांसदों को कार्यवाही (withdraw from Rajya Sabha proceedings) में भाग लेने से बाहर निकाल दिया गया था.

यह भी पढ़ें- राज्य सभा से छह तृणमूल सांसद निलंबित, पूरे दिन की कार्यवाही से निकाले गए

मानसून सत्र में अशोभनीय आचरण के लिए राज्य सभा में तृणमूल कांग्रेस (TMC in Rajya Sabha) के कई सांसदों को बाहर निकाला गया था. इन लोगों में तृणमूल सांसद डोला सेन (Dola Sen), नदीमुल हक (Nadimul Haque) अर्पिता घोष (Arpita Ghosh), मौसम नूर (Mausam Noor), शांता छेत्री (Shanta Chhetri) और अबीर रंजन बिस्वास (Abir Ranjan Biswas) थे. सभी लोगों को सभापति के आसन के समक्ष खराब बर्ताव के लिए सदन की कार्यवाही से बाहर किया गया था.

हंगामे के एक ऐसे ही घटनाक्रम में सरकार की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि विपक्ष हंगामा करके आदिवासी महिला मंत्री का अपमान कर रहा है. मंडाविया ने कहा था कि हंगामा कर रहा विपक्ष यह नहीं चाहता कि मातृत्व मृत्यु दर और स्वास्थ्य जैसे गंभीर मुद्दों पर संसद में बात की जाए, इसलिए हंगामा और नारेबाजी की जा रही है. ऐसा करने के कारण आदिवासी महिला मंत्री का अपमान हो रहा है.

यह भी पढ़ें- लोक सभा में आदिवासी महिला मंत्री का अपमान ? विपक्ष पर सरकार ने लगाए आरोप

विगत 11 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान लोक सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई थी. लोक सभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने बताया था कि आज 17वीं लोक सभा का छठा सत्र समाप्त हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस सत्र में लोक सभा का कामकाज अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा. उन्होंने कहा कि कुल 17 बैठकों में मात्र 21 घंटे 14 मिनट का काम संपादित हुआ.

नई दिल्ली : राहुल गांधी ने राज्य सभा सांसदों के निलंबन पर सवाल किया है. उन्होंने एक ट्वीट कर पूछा कि सांसदों को किस बात पर माफी मांगनी चाहिए. राहुल ने लिखा कि क्या सांसदों को संसद में जनता की आवाज उठाने के लिए माफी मांगनी चाहिए ?

राहुल ने अपने ट्वीट में इस सवाल का जवाब भी दिया. उन्होंने लिखा कि सांसदों को माफी बिल्कुल नहीं मांगनी चाहिए.

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राज्य सभा सांसदों के निलंबन पर राहुल गांधी का ट्वीट

बता दें कि संसद के मानसून सत्र में अशोभनीय आचरण करने के आरोप में 12 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया है.

बता दें कि संसद में सांसदों का अशोभनीय आचरण पहले भी कई मौकों पर सामने आ चुका है. विगत मानसून सत्र के दौरान कई मौके ऐसे आए थे, जब संसदीय मर्यादा तार-तार होती दिखी. खुद सभापति नायडू कई मौकों पर क्षुब्ध दिखे थे. राज्य सभा की कार्यवाही के 11वें दिन सरकार के खिलाफ आंदोलित राज्य सभा सदस्य वेल में तख्तियों के साथ घुस कर हंगामा करते रहे. इस पर सभापति वेंकैया नायडू भड़क उठे. उन्होंने कहा कि कोई भी सदस्य कार्यवाही संचालन को लेकर सभापति को निर्देश नहीं दे सकता.

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व्यवधान पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए सभापति एम वेंकैया नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों ने कहा कि उन्हें यहां हंगामा करने के लिए नहीं भेजा गया है. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हंगामे को 'हिंसक प्रदर्शन' करार देते हुए कहा कि सदन में व्यवधान उत्पन्न किए जाने के रवैये की भर्त्सना की जानी चाहिए.

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गौरतलब है कि मानसून सत्र के दौरान गत चार अगस्त को राज्य सभा के वेल में तख्तियों के साथ घुसे तृणमूल कांग्रेस के सांसदों को कार्यवाही (withdraw from Rajya Sabha proceedings) में भाग लेने से बाहर निकाल दिया गया था.

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मानसून सत्र में अशोभनीय आचरण के लिए राज्य सभा में तृणमूल कांग्रेस (TMC in Rajya Sabha) के कई सांसदों को बाहर निकाला गया था. इन लोगों में तृणमूल सांसद डोला सेन (Dola Sen), नदीमुल हक (Nadimul Haque) अर्पिता घोष (Arpita Ghosh), मौसम नूर (Mausam Noor), शांता छेत्री (Shanta Chhetri) और अबीर रंजन बिस्वास (Abir Ranjan Biswas) थे. सभी लोगों को सभापति के आसन के समक्ष खराब बर्ताव के लिए सदन की कार्यवाही से बाहर किया गया था.

हंगामे के एक ऐसे ही घटनाक्रम में सरकार की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि विपक्ष हंगामा करके आदिवासी महिला मंत्री का अपमान कर रहा है. मंडाविया ने कहा था कि हंगामा कर रहा विपक्ष यह नहीं चाहता कि मातृत्व मृत्यु दर और स्वास्थ्य जैसे गंभीर मुद्दों पर संसद में बात की जाए, इसलिए हंगामा और नारेबाजी की जा रही है. ऐसा करने के कारण आदिवासी महिला मंत्री का अपमान हो रहा है.

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विगत 11 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान लोक सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई थी. लोक सभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने बताया था कि आज 17वीं लोक सभा का छठा सत्र समाप्त हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस सत्र में लोक सभा का कामकाज अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा. उन्होंने कहा कि कुल 17 बैठकों में मात्र 21 घंटे 14 मिनट का काम संपादित हुआ.

Last Updated : Nov 30, 2021, 3:14 PM IST
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