स्टैनफोर्ड (कैलिफोर्निया) : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि जब उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया तो उन्होंने नहीं सोचा था कि लोकसभा से उनकी अयोग्यता संभव है. उन्होंने कहा कि सांसद के तौर पर उन्हें लोगों सेवा करने का एक बड़ा अवसर मिला है. राहुल गांधी तीन दिन के अमेरिका दौरे पर है. अपने दौरे के क्रम में वह स्थानीय समय के अनुसार बुधवार रात को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंचे. जहां उन्होंने भारतीय छात्रों को संबोधित किया.
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Relive the captivating moments as Shri @RahulGandhi graced the stage at Stanford University for an unforgettable interactive session. pic.twitter.com/IbcaPQ3o8y
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वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने अपने संबोधन में संसद सदस्यता जाने का जिक्र किया. राहुल गांधी को इस साल की शुरुआत में सूरत की एक अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जब वह 2000 में सक्रिय राजनीति में शामिल हुए थे. उस समय उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह इस स्थिति से गुजरेंगे.
उन्होंने कहा कि इस समय जो भारत की राजनीति में हो रहा है वह इनकी कल्पना से परे है. सांसदी जाने का उल्लेख करते हुए 52 वर्षीय गांधी ने कहा कि उन्होंने कल्पना नहीं की थी कि ऐसा कुछ संभव है. राहुल गांधी ने कहा कि हालांकि, मुझे लगता है कि इसने मुझे वास्तव में एक बड़ा अवसर दिया है. शायद राजनीति इसी तरह काम करती है.
छह महीने पहले ही बन गई थी योजना : उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सांसदी छीनने की योजना लगभग छह महीने पहले ही शुरू हो गई थी. हम संघर्ष कर रहे थे. अभी भी पूरा विपक्ष भारत में संघर्ष कर रहा है. भाजपा के पास विशाल वित्तीय क्षमता है. संस्थाओं पर उनका कब्जा है. उन्होंने कहा कि हम अपने देश में लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. बहरहाल, छह महीने पहले हमने भारत जोड़ो यात्रा पर निकलने का फैसला किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उठाया सवाल : उन्होंने यहां विश्वविद्यालय में भारतीय मूल के छात्रों और शिक्षाविदों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि मैं बहुत स्पष्ट हूं, यह हमारी लड़ाई है. हमें इसे लड़ना होगा. उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित भारत के युवा छात्रों से मैं जुड़ना चाहता हूं. उनसे बात करना चाहता हूं. यह करना मेरा अधिकार है. उन्होंने छात्रों से कहा कि मैं किसी से समर्थन नहीं मांग रहा. स्टैनफोर्ड के पूरे सभागार में खचाखच भरे दर्शकों की तालियों के बीच गांधी ने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि प्रधानमंत्री यहां क्यों नहीं आते हैं.
वह आयें और छात्रों और शिक्षाविदों से बात करें. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सभागार खचाखच भरा होने के कारण कुछ छात्रों को प्रवेश नहीं मिल सका. कार्यक्रम शुरू होने से दो घंटे पहले ही छात्र कतार में लग गए थे. पिछले डेढ़ साल में कई भारतीय नेताओं ने भारतीय छात्रों से बातचीत की है.
(पीटीआई)