नई दिल्ली : राहुल गांधी ने आज किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसानों की सूची लोक सभा के पटल पर रखी. उन्होंने कहा कि एक सवाल के जवाब में 30 नवंबर को कृषि मंत्रालय ने कहा था कि उनके पास मृत किसानों का आंकड़ा नहीं है, ऐसे में वे खुद किसानों का विवरण पेश कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि किसानों की मौत का आंकड़ा मांगे जाने पर कृषि मंत्री ने कहा कि उनके पास कोई डेटा नहीं है. हमने पता लगाया कि पंजाब सरकार ने लगभग 400 किसानों को पांच लाख की वित्तीय सहायता दी गई है. साथ ही 152 किसानों को राजगार दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने देश से माफी मांगी है जिसके बाद किसानों को उनका हक मिलना चाहिए और मुआवजा मिलना चाहिए.
राहुल गांधी ने सदन में शून्यकाल के दौरान इस विषय को उठाया और लोकसभा के पटल पर करीब 500 किसानों की एक सूची भी रखी और दावा किया कि इन लोगों ने किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाई.
उन्होंने कहा, 'पूरा देश जानता है कि किसान आंदोलन में करीब 700 किसान शहीद हुए. प्रधानमंत्री जी ने देश और किसानों से माफी मांगी. प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि उन्होंने गलती की है. 30 नवंबर को कृषि मंत्री से सवाल (लोकसभा में लिखित प्रश्न) पूछा गया था कि कितने किसानों की मौत हुई. उन्होंने जवाब दिया कि उनके पास कोई डेटा नहीं है.'
कांग्रेस सांसद ने कहा, ' हमने इन किसानों के बारे में पता लगाया. पंजाब की सरकार ने राज्य के करीब 400 किसानों को मुआवजा दिया है. मैं इन किसानों की सूची और प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले हरियाणा के कुछ किसानों की एक सूची सदन के पटल पर रख रहा हूं.'
कांग्रेस नेता ने कहा, 'ये नाम यहां हैं. मैं चाहता हूं कि इन किसानों को हक मिलना चाहिए. उनके परिवारों को मुआवजा मिलना चाहिए.'
गौरतलब है कि सरकार ने गत 30 नवंबर को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आसपास कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मृत किसानों की संख्या संबंधी आंकड़ा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पास नहीं है.
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी दी थी. राजीव रंजन सिंह, टी आर प्रतापन, एन के प्रेमचंद्रन, ए एम आरिफ, डीन कुरियाकोस, प्रो. सौगत राय और अब्दुल खालीक ने पूछा था कि तीन कृषि कानून के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी के आसपास आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मौत हुई.
तोमर ने कहा, 'कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पास इस मामले में कोई आंकड़ा नहीं है.'
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बता दें कि केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन राज्य सभा में एक लिखित जवाब दिया. किसानों की मौत के बाद आर्थिक मदद को लेकर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल के सवाल के जवाब में सरकार ने कहा है कि सरकार के पास पिछले एक साल में तीन विवादास्पद कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है.
कृषि कानूनों के विरोध के दौरान मारे गए किसानों की मौत के आंकड़ों के बारे में विपक्ष द्वारा पूछे जाने पर और क्या सरकार प्रभावित परिवारों को कोई वित्तीय सहायता देने की योजना बना रही है ? इस पर गृह मंत्रालय ने जवाब दिया, एनसीआरबी के तहत किसानों की मौत का कोई रिपोर्ट नहीं है.
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