बेंगलुरु: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा सांसद के तौर पर अयोग्य ठहराए जाने को 'कानून का संचालन' करार दिया और कहा कि यह प्रदर्शित करता है कि देश में कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी का मानना है कि मानहानि के मामले में उनकी सजा के बाद लोकसभा से उनकी अयोग्यता के बाद वह कानून से ऊपर हैं. बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या द्वारा आयोजित एक युवा संवाद कार्यक्रम के दौरान ईरानी ने कहा, 'ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि यह केंद्र सरकार थी जिसने राहुल गांधी को एक सांसद के रूप में अयोग्य घोषित किया था. उसी तरह वह अदालत का निर्देश था.'
यह कार्यक्रम कर्नाटक में 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले पहली बार मतदाताओं के लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा के आउटरीच कार्यक्रम के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था. ईरानी ने आरोप लगाया कि संबंधित व्यक्ति ने एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे ओबीसी समुदाय के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी की. केंद्रीय मंत्री ने कहा,'कोर्ट में केस गुण और साक्ष्य के आधार पर लड़ा गया. अगर आप फैसला पढ़ते हैं तो यह कहता है कि संबंधित व्यक्ति ने अपना बचाव नहीं किया. या तो उनके संगठन में कोई उनका बचाव नहीं करना चाहता था या राहुल गांधी सोचते हैं कि वह कानून से ऊपर हैं.'
उन्होंने कहा कि एक बार अदालत द्वारा दोषसिद्धि का आदेश देने के बाद, यह सदन के अध्यक्ष के लिए संवैधानिक प्रथा का पालन करना अनिवार्य है और उसी के हिसाब से अध्यक्ष ने निर्णय लिया.क्या एक लोकतंत्र के तौर पर हमें यह कहना चाहिए कि आप एक पूरे समुदाय के खिलाफ नस्लभेदी टिप्पणी कर सकते हैं और केवल इसलिए कि आप राहुल गांधी हैं, कानून द्वारा जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता? उनकी पार्टी के लोगों ने रिकॉर्ड पर कहा है कि औसत भारतीय के लिए कानून अलग होना चाहिए और गांधी परिवार से संबंधित कानून अलग होना चाहिए. कानून बोला, इसलिए कानून का पालन करने दो.
(पीटीआई)