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Rahul and Kharge : कांग्रेस नेताओं ने कहा, राहुल-खड़गे ने भरा जोश

भारत जोड़ो यात्रा समाप्त हो गई है. इस यात्रा से कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता उत्साहित हैं. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यात्रा ने जोश भरने का काम किया है. वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Rahul and Kharge
राहुल खड़गे
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Published : Jan 31, 2023, 9:59 PM IST

नई दिल्ली : राहुल गांधी-मल्लिकार्जुन खड़गे नेतृत्व सबसे पुरानी पार्टी को चला रहा है, जो 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले खुद को पुनर्जीवित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. कई कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को कहा, देशव्यापी कदम के एक दिन बाद भारत जोड़ो यात्रा श्रीनगर में संपन्न हुई.

एआईसीसी सचिव काजी निजामुद्दीन ने ईटीवी भारत से कहा 'पार्टी के नेता के रूप में किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने वैचारिक कारक को शीर्ष पर रखा और अखिल भारतीय अपील की. उनकी ओर से, खड़गे, जो विधिवत पार्टी के शीर्ष पद के लिए चुने गए थे, एक ऐसे अध्यक्ष के रूप में उभरे हैं जो अपना काम जानते हैं. राहुल और खड़गे दोनों एक दूसरे के पूरक हैं और पार्टी को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेंगे.'

श्रीनगर से लौटे नेता का स्वागत करने के लिए पार्टी के कार्यकर्ता राहुल के आवास के बाहर लाइन में लगे थे, जिससे प्रशंसा की भावना झलक रही थी. राहुल की यात्रा से पार्टी को होने वाले फायदों को सूचीबद्ध करने वाले काजी के मुताबिक, पहले कांग्रेस नेताओं को लोगों से पूर्व पार्टी प्रमुख की बात सुनने का आग्रह करना पड़ता था, लेकिन अब लोग खुद उनकी बात सुन रहे हैं.

उन्होंने कहा, राहुल गांधी के बारे में लोगों की धारणा बदली है. भाजपा ने उनके चरित्र हनन का अभियान चलाया था, लेकिन उस नकली छवि को ध्वस्त कर दिया गया है. एआईसीसी पदाधिकारी ने आगे कहा कि यात्रा ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है. काजी ने कहा, राहुल गांधी ने एक बड़ी लकीर खींच दी है. कार्यकर्ताओं के बीच लापरवाह रवैया चला गया है. अब कार्यकर्ताओं को लगता है कि अगर उनके नेता ने इतनी मेहनत की है तो उन्हें कम से कम पांच प्रतिशत काम करना चाहिए. अब जमीन पर परिणाम अलग होगा.

यात्रा के संदर्भ में, काजी ने कहा कि पार्टी संदेश को आगे फैलाने के लिए पहले से ही 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान को लागू कर रही है और आने वाले महीनों में इस तरह के और जन संपर्क कार्यक्रम होंगे.

खड़गे के बारे में बात करते हुए काजी ने कहा कि पार्टी को संगठन का नेतृत्व करने के लिए एक बहुत अनुभवी व्यक्ति की जरूरत थी जो चुनाव में फिट नौजवान हों और साथ ही पहलुओं को ठीक करना जानते हों.

हरिद्वार में मंगलौर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक काजी ने कहा, 'खड़गे रैंक से उठे हैं और खुद कई चुनाव जीत चुके हैं. वह कर्नाटक को जानते हैं. पार्टी अध्यक्ष बनने से पहले भी, खड़गे जी मेरी विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने के बारे में मेरा मार्गदर्शन करते थे.'

मध्य प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी महासचिव जेपी अग्रवाल के अनुसार, हालांकि गांधी परिवार कांग्रेस से अविभाज्य था, इसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे एक टीम के रूप में ठीक काम कर रहे थे.

अग्रवाल ने कहा, 'मुझे यकीन है कि दोनों नेता ऐसे फैसले लेंगे जो चुनावी साल में पार्टी को और मजबूत करेंगे. खड़गे ने श्रीनगर में अपने भाषण में पार्टी को राहुल की यात्रा के योगदान की सराहना की थी. अग्रवाल ने बताया कि अध्यक्ष बनने के बाद से ही खड़गे देश भर में रैलियों को संबोधित कर रहे हैं.

पश्चिम बंगाल के प्रभारी एआईसीसी सचिव बीपी सिंह ने अग्रवाल और काजी से सहमति जताई. उन्होंने कहा कि 'राहुल-खड़गे नेतृत्व की टीम पिछले साल अक्टूबर से सुचारु रूप से काम कर रही है. वे संगठन को भी पुनर्गठित करेंगे.'

पढ़ें- Bharat Jodo Yatra : बर्फीली फिजा में भारत जोड़ो यात्रा का समापन, कई विपक्षी दलों ने राहुल को बताया 'आशा की किरण'

नई दिल्ली : राहुल गांधी-मल्लिकार्जुन खड़गे नेतृत्व सबसे पुरानी पार्टी को चला रहा है, जो 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले खुद को पुनर्जीवित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. कई कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को कहा, देशव्यापी कदम के एक दिन बाद भारत जोड़ो यात्रा श्रीनगर में संपन्न हुई.

एआईसीसी सचिव काजी निजामुद्दीन ने ईटीवी भारत से कहा 'पार्टी के नेता के रूप में किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने वैचारिक कारक को शीर्ष पर रखा और अखिल भारतीय अपील की. उनकी ओर से, खड़गे, जो विधिवत पार्टी के शीर्ष पद के लिए चुने गए थे, एक ऐसे अध्यक्ष के रूप में उभरे हैं जो अपना काम जानते हैं. राहुल और खड़गे दोनों एक दूसरे के पूरक हैं और पार्टी को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेंगे.'

श्रीनगर से लौटे नेता का स्वागत करने के लिए पार्टी के कार्यकर्ता राहुल के आवास के बाहर लाइन में लगे थे, जिससे प्रशंसा की भावना झलक रही थी. राहुल की यात्रा से पार्टी को होने वाले फायदों को सूचीबद्ध करने वाले काजी के मुताबिक, पहले कांग्रेस नेताओं को लोगों से पूर्व पार्टी प्रमुख की बात सुनने का आग्रह करना पड़ता था, लेकिन अब लोग खुद उनकी बात सुन रहे हैं.

उन्होंने कहा, राहुल गांधी के बारे में लोगों की धारणा बदली है. भाजपा ने उनके चरित्र हनन का अभियान चलाया था, लेकिन उस नकली छवि को ध्वस्त कर दिया गया है. एआईसीसी पदाधिकारी ने आगे कहा कि यात्रा ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है. काजी ने कहा, राहुल गांधी ने एक बड़ी लकीर खींच दी है. कार्यकर्ताओं के बीच लापरवाह रवैया चला गया है. अब कार्यकर्ताओं को लगता है कि अगर उनके नेता ने इतनी मेहनत की है तो उन्हें कम से कम पांच प्रतिशत काम करना चाहिए. अब जमीन पर परिणाम अलग होगा.

यात्रा के संदर्भ में, काजी ने कहा कि पार्टी संदेश को आगे फैलाने के लिए पहले से ही 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान को लागू कर रही है और आने वाले महीनों में इस तरह के और जन संपर्क कार्यक्रम होंगे.

खड़गे के बारे में बात करते हुए काजी ने कहा कि पार्टी को संगठन का नेतृत्व करने के लिए एक बहुत अनुभवी व्यक्ति की जरूरत थी जो चुनाव में फिट नौजवान हों और साथ ही पहलुओं को ठीक करना जानते हों.

हरिद्वार में मंगलौर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक काजी ने कहा, 'खड़गे रैंक से उठे हैं और खुद कई चुनाव जीत चुके हैं. वह कर्नाटक को जानते हैं. पार्टी अध्यक्ष बनने से पहले भी, खड़गे जी मेरी विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने के बारे में मेरा मार्गदर्शन करते थे.'

मध्य प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी महासचिव जेपी अग्रवाल के अनुसार, हालांकि गांधी परिवार कांग्रेस से अविभाज्य था, इसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे एक टीम के रूप में ठीक काम कर रहे थे.

अग्रवाल ने कहा, 'मुझे यकीन है कि दोनों नेता ऐसे फैसले लेंगे जो चुनावी साल में पार्टी को और मजबूत करेंगे. खड़गे ने श्रीनगर में अपने भाषण में पार्टी को राहुल की यात्रा के योगदान की सराहना की थी. अग्रवाल ने बताया कि अध्यक्ष बनने के बाद से ही खड़गे देश भर में रैलियों को संबोधित कर रहे हैं.

पश्चिम बंगाल के प्रभारी एआईसीसी सचिव बीपी सिंह ने अग्रवाल और काजी से सहमति जताई. उन्होंने कहा कि 'राहुल-खड़गे नेतृत्व की टीम पिछले साल अक्टूबर से सुचारु रूप से काम कर रही है. वे संगठन को भी पुनर्गठित करेंगे.'

पढ़ें- Bharat Jodo Yatra : बर्फीली फिजा में भारत जोड़ो यात्रा का समापन, कई विपक्षी दलों ने राहुल को बताया 'आशा की किरण'

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