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उन्नाव रेप पीड़िता सड़क हादसा मामला: साजिश रचने के मामले में रायबरेली के एआरटीओ तलब

उन्नाव रेप पीड़िता (Unnao rape case) और उसके वकील के साथ हुए सड़क हादसे में साजिश रचने के मामले में रायबरेली के एआरटीओ को बयान दर्ज कराने के लिए दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने तलब किया है.

Raebareli ARTO summoned in connection with Unnao rape victim and her lawyer road accident conspiracy
उन्नाव रेप पीड़िता सड़क हादसा मामला
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Published : Apr 1, 2022, 9:54 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने उन्नाव रेप पीड़िता (Unnao rape case) और उसके वकील के साथ हुए सड़क हादसे में साजिश रचने के मामले में रायबरेली के एआरटीओ को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने एआरटीओ को 17 मई को तलब किया है. 21 दिसंबर 2021 को कुलदीप सिंह सेंगर ने सड़क हादसे में साजिश रचने के आरोपों से मुक्त होने के बाद बेल बांड भरा था. कुलदीप सिंह सेंगर, कोमल सिंह , अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकु सिंह उर्फ प्रखर सिंह और अवधेश सिंह ने दस-दस हजार रुपये का बेल बांड भरा.

पढ़ें: Tis Hazari Court : जरूरत हो तब ही घर से बाहर निकले उन्नाव रेप पीड़िता

एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने इस मामले के बाकी आरोपियों के सांसद या विधायक नहीं होने की स्थिति में इस केस को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में भेजा था. इन आरोपियों को कोर्ट ने 20 दिसंबर को आरोपों से मुक्त कर दिया था. कोर्ट ने इस मामले के आरोपी आशीष कुमार पाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279, 338, 304-ए के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने आरोपियों विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह और नवीन सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506(2) और 34 के तहत आरोप तय किया था.

पढ़ें: उन्नाव गैंगरेप पीड़िता को दिल्ली में मिला घर, DCW की अध्यक्ष ने की मुलाकात

जुलाई 2019 में एक ट्रक ने उन्नाव रेप पीड़िता, उसके परिजनों और उसके वकील को लेकर जा रही कार को टक्कर मार दी थी. उस हादसे में रेप पीड़िता के दो परिजनों की मौत हो गई थी. इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत 12 लोगों को इस हादसे की साजिश रचने का आरोपी बनाया गया. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि इस हादसे में किसी भी आपराधिक साजिश का साक्ष्य नहीं मिला है. बता दें कि 20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने उन्नाव रेप पीड़िता (Unnao rape case) और उसके वकील के साथ हुए सड़क हादसे में साजिश रचने के मामले में रायबरेली के एआरटीओ को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने एआरटीओ को 17 मई को तलब किया है. 21 दिसंबर 2021 को कुलदीप सिंह सेंगर ने सड़क हादसे में साजिश रचने के आरोपों से मुक्त होने के बाद बेल बांड भरा था. कुलदीप सिंह सेंगर, कोमल सिंह , अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकु सिंह उर्फ प्रखर सिंह और अवधेश सिंह ने दस-दस हजार रुपये का बेल बांड भरा.

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एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने इस मामले के बाकी आरोपियों के सांसद या विधायक नहीं होने की स्थिति में इस केस को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में भेजा था. इन आरोपियों को कोर्ट ने 20 दिसंबर को आरोपों से मुक्त कर दिया था. कोर्ट ने इस मामले के आरोपी आशीष कुमार पाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279, 338, 304-ए के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने आरोपियों विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह और नवीन सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506(2) और 34 के तहत आरोप तय किया था.

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जुलाई 2019 में एक ट्रक ने उन्नाव रेप पीड़िता, उसके परिजनों और उसके वकील को लेकर जा रही कार को टक्कर मार दी थी. उस हादसे में रेप पीड़िता के दो परिजनों की मौत हो गई थी. इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत 12 लोगों को इस हादसे की साजिश रचने का आरोपी बनाया गया. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि इस हादसे में किसी भी आपराधिक साजिश का साक्ष्य नहीं मिला है. बता दें कि 20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

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