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संसद में अफगानिस्तान की स्थिति पर सवाल, सरकार ने कहा- भारत और मध्य एशियाई देशों की चिंताएं एक समान

संसद के बजट सत्र (parliament budget session) में अफगानिस्तान से जुड़े हालात पर भी चर्चा की गई. बजट सत्र के 10वें दिन लोक सभा में प्रश्नकाल के दौरान विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति पर भारत (question in lok sabha on situation in afghanistan) सहित मध्य एशिया के देशों की चिंताएं एक जैसी हैं.

Muraleedharan
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन
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Published : Feb 11, 2022, 7:38 PM IST

नई दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को कहा कि गत 27 जनवरी को हुई पहली 'भारत-मध्य एशिया शिखर बैठक' में शामिल सभी देशों ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा की तथा वे इसे लेकर समान चिंताओं एवं उद्देश्यों को साझा करते हैं. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन (Minister of State for External Affairs V Muraleedharan) ने लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

गत 27 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल माध्यम से पहली भारत-मध्य एशिया शिखर बैठक की मेजबानी की थी. इसमें कजाकिस्तान (Kazakhstan) के राष्ट्रपति कासिम जुमरात तोकायेव, उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव, ताजिकिस्तान (Tajikistan) के राष्ट्रपति इमामअली रहमान, तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan) के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्दीमुहम्मदेवो और किर्गिस्तान (Kyrgyzstan) के राष्ट्रपति सद्र जापारोप ने भाग लिया.

मुरलीधरन ने एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा, पहली भारत-मध्य एशिया शिखर बैठक (India Central Asia Summit) 27 जनवरी को हुई. यह बैठक हर दो साल में एक बार होगी....सचिवालय समेत संस्थागत व्यवस्था पर काम चल रहा है.' उन्होंने बताया, 'बैठक के दौरान अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा की गई थी. अफगानिस्तान की स्थिति भारत और मध्य एशियाई देशों जैसे पड़ोसी देशों के लिए चिंता की बात है. हम इसे लेकर समान चिंताओं और उद्देश्यों को साझा करते हैं...बैठक के दौरान नेताओं ने सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की. इस बात पर जोर दिया गया था कि अफगानिस्तान की जमीन का उपयोग आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए.' उन्होंने कहा कि बैठक में सहमति बनी कि अफगानिस्तान को लेकर नजदीकी संपर्क बनाए रखा जाएगा.

असम से निर्वाचित कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि मध्य एशिया के पांच देशों के राष्ट्राध्यक्षों को गणतंत्र दिवस समारोह और शिखर बैठक के लिए न्यौता दिया गया था, लेकिन कोविड के चलते उनका दौरा नहीं हो सका, हालांकि डिजिटल माध्यम से शिखर बैठक सम्पन्न हुई. उन्होंने एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा, 'किसी देश के साथ भारत का संबंध उसके किसी अन्य देश के साथ रिश्तों पर निर्भर नहीं करता है.'

यह भी पढ़ें- parliament day 10 : लोक सभा में प्रश्नकाल, स्वास्थ्य, आयुष और विदेश मंत्रालय से सवाल

पूरक प्रश्न पूछने के दौरान सौगत राय (TMC member Saugata Roy) ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के संसद सत्र के दौरान विदेश दौरे पर होने पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, 'अखबारों से पता चला कि जयशंकर आस्ट्रेलिया के दौरे पर गए हैं. वह शायद नए हैं, उन्हें पता नहीं है. अध्यक्ष जी, उनको बताइए कि सत्र चल रहा है तो विदेश जाने का क्या मतलब? वह दो दिन बाद जा सकते थे.' इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, 'उन्होंने (जयशंकर) मुझे सूचित किया है. मैंने अनुमति दी है.' कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सौगत राय की ओर से विदेश मंत्री की मौजूदगी नहीं होने पर आपत्ति जताना ठीक नहीं है.

(इनपुट-पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को कहा कि गत 27 जनवरी को हुई पहली 'भारत-मध्य एशिया शिखर बैठक' में शामिल सभी देशों ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा की तथा वे इसे लेकर समान चिंताओं एवं उद्देश्यों को साझा करते हैं. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन (Minister of State for External Affairs V Muraleedharan) ने लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

गत 27 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल माध्यम से पहली भारत-मध्य एशिया शिखर बैठक की मेजबानी की थी. इसमें कजाकिस्तान (Kazakhstan) के राष्ट्रपति कासिम जुमरात तोकायेव, उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव, ताजिकिस्तान (Tajikistan) के राष्ट्रपति इमामअली रहमान, तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan) के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्दीमुहम्मदेवो और किर्गिस्तान (Kyrgyzstan) के राष्ट्रपति सद्र जापारोप ने भाग लिया.

मुरलीधरन ने एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा, पहली भारत-मध्य एशिया शिखर बैठक (India Central Asia Summit) 27 जनवरी को हुई. यह बैठक हर दो साल में एक बार होगी....सचिवालय समेत संस्थागत व्यवस्था पर काम चल रहा है.' उन्होंने बताया, 'बैठक के दौरान अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा की गई थी. अफगानिस्तान की स्थिति भारत और मध्य एशियाई देशों जैसे पड़ोसी देशों के लिए चिंता की बात है. हम इसे लेकर समान चिंताओं और उद्देश्यों को साझा करते हैं...बैठक के दौरान नेताओं ने सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की. इस बात पर जोर दिया गया था कि अफगानिस्तान की जमीन का उपयोग आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए.' उन्होंने कहा कि बैठक में सहमति बनी कि अफगानिस्तान को लेकर नजदीकी संपर्क बनाए रखा जाएगा.

असम से निर्वाचित कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि मध्य एशिया के पांच देशों के राष्ट्राध्यक्षों को गणतंत्र दिवस समारोह और शिखर बैठक के लिए न्यौता दिया गया था, लेकिन कोविड के चलते उनका दौरा नहीं हो सका, हालांकि डिजिटल माध्यम से शिखर बैठक सम्पन्न हुई. उन्होंने एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा, 'किसी देश के साथ भारत का संबंध उसके किसी अन्य देश के साथ रिश्तों पर निर्भर नहीं करता है.'

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पूरक प्रश्न पूछने के दौरान सौगत राय (TMC member Saugata Roy) ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के संसद सत्र के दौरान विदेश दौरे पर होने पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, 'अखबारों से पता चला कि जयशंकर आस्ट्रेलिया के दौरे पर गए हैं. वह शायद नए हैं, उन्हें पता नहीं है. अध्यक्ष जी, उनको बताइए कि सत्र चल रहा है तो विदेश जाने का क्या मतलब? वह दो दिन बाद जा सकते थे.' इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, 'उन्होंने (जयशंकर) मुझे सूचित किया है. मैंने अनुमति दी है.' कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सौगत राय की ओर से विदेश मंत्री की मौजूदगी नहीं होने पर आपत्ति जताना ठीक नहीं है.

(इनपुट-पीटीआई-भाषा)

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