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US Treasury Secretary India Visit : पुतिन का युद्ध क्रेमलिन के लिए रणनीतिक असफलता : अमेरिकी वित्तमंत्री जेनेट येलेन

यूक्रेन के साथ रूस के द्वारा युद्ध किए जाने से उस पर लगाए गए प्रतिबंधों का असर अब रूस की अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है. उक्त बातें मीडिया से बात करते हुए अमेरिका की वित्तमंत्री जेनेट येलेन (US Treasury Secretary Janet L Yellen) ने कहीं. उन्होंने कहा कि पिछले साल लगभग दस लाख रुसी लोगों ने देश छोड़ा है. पढ़िए पूरी खबर...

US Treasury Secretary Janet L Yellen
अमेरिका की वित्तमंत्री जेनेट येलेन
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Published : Feb 23, 2023, 5:09 PM IST

बेंगलुरु : अमेरिका की वित्तमंत्री जेनेट येलेन (US Treasury Secretary Janet L Yellen) ने गुरुवार को कहा कि रूस की अर्थव्यवस्था लगातार अलग-थलग हो रही है और यूक्रेन के खिलाफ उसके युद्ध को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों के असर अब दिखाई देने लगे हैं. येलेन ने कहा, 'युद्ध के शुरुआती दिनों से ही करीब 30 देशों के बहुस्तरीय गठबंधन ने साझेदारी की और रूस के क्रूर हमले के खिलाफ गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगाए. हमारे दो लक्ष्य थे.. रूस के सैन्य उद्योग को कमजोर करना और उसके राजस्व को कम करना ताकि युद्ध के लिए वित्तपोषण नहीं हो सके. हम इन कदमों का असर देख रहे हैं.'

उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि रूसी सेना करीब नौ हजार भारी सैन्य उपकरणों को बदलने के लिए संघर्ष कर रही है जिन्हें उसने फरवरी 2022 से शुरू युद्ध के बाद से खोया है. येलेन ने दावा किया कि रूस के अहम रक्षा उत्पादन केंद्रों को बंदी का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा, 'रूस की अर्थव्यवस्था लगातार अलग-थलग होती जा रही है. आकलन संकेत कर रहे हैं कि पिछले साल करीब 10 लाख रुसियों ने देश छोड़ा है. इससे उसकी उत्पादन क्षमता पर नकारात्मक दबाव पड़ा है.'

जी-20 की भारत की अध्यक्षता के तहत 24 और 25 फरवरी को समूह के वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर की होने वाली बैठक से पहले येलेन संवाददाताओं से बातचीत कर रही थीं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि जब तक युद्ध चलेगा वे यूक्रेन के साथ इस लड़ाई में खड़े रहेंगे. इसका संदर्भ देते हुए अमेरिका की वित्तमंत्री ने कहा, 'हम अपने सहयोगियों की प्रशंसा करते हैं जो सीधी मदद के लिए आगे आए. हमारा मानना है कि यह अहम है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) यूक्रेन के लिए पूर्ण वित्तपोषित कार्यक्रम की ओर सुचारु तरीके से आगे बढ़ रहा है जैसा की उन्होंने करने को कहा है. यूक्रेन का पूर्ण समर्थन भारत यात्रा के दौरान मेरे लिए चर्चा का सबसे अहम मुद्दा होगा.'

येलेन ने रेखांकित किया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक साल पहले क्रूर हमला शुरू किया और रूस में कुछ लोगों ने सोचा कि वे कीव पर त्वरित और निर्णायक बढ़त हासिल कर लेंगे. उन्होंने सीआईए के निदेशक बिल बर्न के शब्दों को याद करते हुए कहा कि पुतिन ने स्वयं सोचा था कि वह 'न्यूनतम कीमत' पर जीत हासिल कर लेंगे. उन्होंने कहा कि 'एक साल के बाद पुतिन का यह युद्ध क्रेमलिन की रणनीतिक असफलता है. यूक्रेन अब भी खड़ा है और नाटो और हमारा वैश्विक गठबंधन आज भी एकजुट होकर उसके पीछे खड़ा है.'

चीन के रूस के साथ गहरे होते संबंध और उनका चीन को संदेश को लेकर पूछे गए सवाल पर येलेन ने कहा, 'हमने प्रतबंधों और रूस को मदद के संबंध में स्पष्ट कर दिया है कि प्रतिबंधों से परे जाकर रूस की किसी तरह की मदद या सहायता हमारे लिए बहुत ही गंभीर चिंता का विषय है.' उन्होंने कहा, 'हम चीन की सरकार और उसके न्यायाधिकार क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों और बैंक को हमारे प्रतिबंध के नियमों को लेकर रुख स्पष्ट करना जारी रखेंगे और अगर वे उनका उल्लंघन करते हैं तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.' इससे पहले दिन में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने उनके साथ मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.

ये भी पढ़ें - Surprise Visit Of Joe Biden To Kyiv: रूस-यूक्रेन युद्ध की पहली सालगिरह से पहले कीव पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन

(पीटीआई-भाषा)

बेंगलुरु : अमेरिका की वित्तमंत्री जेनेट येलेन (US Treasury Secretary Janet L Yellen) ने गुरुवार को कहा कि रूस की अर्थव्यवस्था लगातार अलग-थलग हो रही है और यूक्रेन के खिलाफ उसके युद्ध को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों के असर अब दिखाई देने लगे हैं. येलेन ने कहा, 'युद्ध के शुरुआती दिनों से ही करीब 30 देशों के बहुस्तरीय गठबंधन ने साझेदारी की और रूस के क्रूर हमले के खिलाफ गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगाए. हमारे दो लक्ष्य थे.. रूस के सैन्य उद्योग को कमजोर करना और उसके राजस्व को कम करना ताकि युद्ध के लिए वित्तपोषण नहीं हो सके. हम इन कदमों का असर देख रहे हैं.'

उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि रूसी सेना करीब नौ हजार भारी सैन्य उपकरणों को बदलने के लिए संघर्ष कर रही है जिन्हें उसने फरवरी 2022 से शुरू युद्ध के बाद से खोया है. येलेन ने दावा किया कि रूस के अहम रक्षा उत्पादन केंद्रों को बंदी का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा, 'रूस की अर्थव्यवस्था लगातार अलग-थलग होती जा रही है. आकलन संकेत कर रहे हैं कि पिछले साल करीब 10 लाख रुसियों ने देश छोड़ा है. इससे उसकी उत्पादन क्षमता पर नकारात्मक दबाव पड़ा है.'

जी-20 की भारत की अध्यक्षता के तहत 24 और 25 फरवरी को समूह के वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर की होने वाली बैठक से पहले येलेन संवाददाताओं से बातचीत कर रही थीं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि जब तक युद्ध चलेगा वे यूक्रेन के साथ इस लड़ाई में खड़े रहेंगे. इसका संदर्भ देते हुए अमेरिका की वित्तमंत्री ने कहा, 'हम अपने सहयोगियों की प्रशंसा करते हैं जो सीधी मदद के लिए आगे आए. हमारा मानना है कि यह अहम है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) यूक्रेन के लिए पूर्ण वित्तपोषित कार्यक्रम की ओर सुचारु तरीके से आगे बढ़ रहा है जैसा की उन्होंने करने को कहा है. यूक्रेन का पूर्ण समर्थन भारत यात्रा के दौरान मेरे लिए चर्चा का सबसे अहम मुद्दा होगा.'

येलेन ने रेखांकित किया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक साल पहले क्रूर हमला शुरू किया और रूस में कुछ लोगों ने सोचा कि वे कीव पर त्वरित और निर्णायक बढ़त हासिल कर लेंगे. उन्होंने सीआईए के निदेशक बिल बर्न के शब्दों को याद करते हुए कहा कि पुतिन ने स्वयं सोचा था कि वह 'न्यूनतम कीमत' पर जीत हासिल कर लेंगे. उन्होंने कहा कि 'एक साल के बाद पुतिन का यह युद्ध क्रेमलिन की रणनीतिक असफलता है. यूक्रेन अब भी खड़ा है और नाटो और हमारा वैश्विक गठबंधन आज भी एकजुट होकर उसके पीछे खड़ा है.'

चीन के रूस के साथ गहरे होते संबंध और उनका चीन को संदेश को लेकर पूछे गए सवाल पर येलेन ने कहा, 'हमने प्रतबंधों और रूस को मदद के संबंध में स्पष्ट कर दिया है कि प्रतिबंधों से परे जाकर रूस की किसी तरह की मदद या सहायता हमारे लिए बहुत ही गंभीर चिंता का विषय है.' उन्होंने कहा, 'हम चीन की सरकार और उसके न्यायाधिकार क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों और बैंक को हमारे प्रतिबंध के नियमों को लेकर रुख स्पष्ट करना जारी रखेंगे और अगर वे उनका उल्लंघन करते हैं तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.' इससे पहले दिन में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने उनके साथ मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.

ये भी पढ़ें - Surprise Visit Of Joe Biden To Kyiv: रूस-यूक्रेन युद्ध की पहली सालगिरह से पहले कीव पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन

(पीटीआई-भाषा)

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