ETV Bharat / bharat

ओडिशा के पुरी श्रीमंदिर का 'रत्न भंडार' बना चुनावी मुद्दा, हो रही सियासत - Puri Temple Ratna Bhandar

ओडिशा के पुरी में स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर का खजाना 'रत्न भंडार' लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है. इसमें संदेह है कि क्या भगवान के बहुमूल्य आभूषण बरकरार हैं या समय के साथ गायब हो गए हैं. ओडिशा विधानसभा और लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ, भाजपा ने रत्न भंडार को फिर से खोलने का मुद्दा उठाया है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jul 9, 2023, 1:12 PM IST

Updated : Jul 9, 2023, 1:28 PM IST

भुवनेश्वर : ओडिशा के पुरी श्रीजगन्नाथ मंदिर का खजाना 'रत्न भंडार को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है. ओडिशा विधानसभा और लोकसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में भाजपा ने रत्न भंडार को खोलने के मुद्दे को दोबारा उठाया है. विधानसभा में ओडिशा सरकार द्वारा दिए गए एक बयान के अनुसार, रत्न भंडार आखिरी बार 1985 में खोला गया था, लेकिन कीमती सामानों की नवीनतम सूची 1978 में बनाई गई थी. साल 1985 तक दो हिस्सों में बंटे रत्न भंडार के अंदरूनी कक्ष को किसी ने नहीं देखा था. बाहरी कक्ष नियमित रूप से खोला जाता है और त्योहारों पर केवल सेवायतों द्वारा ही आभूषण निकाले जाते हैं.

ओडिशा हाई कोर्ट के एक आदेश के अनुसार, 4 अप्रैल 2018 को रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को खोलने का प्रयास किया गया था. लेकिन मंदिर प्रशासन को चाबियां नहीं मिल पाने के कारण इसे नहीं खोला जा सका. रत्न भंडार के अंदर गए अधिकारियों, सेवकों और विशेषज्ञों को बाहरी कक्ष से वापस लौटना पड़ा था. लेकिन रत्न भंडार को खोलने की कोशिश के दो दिन बाद प्रबंध समिति की बैठक में मामला उठने तक प्रशासन ने चाबी गायब होने की बात सार्वजनिक नहीं की. दिलचस्प बात यह है कि कुछ दिनों के हंगामे के बाद अचानक पुरी जिला प्रशासन ने दावा किया कि रत्न भंडार की डुप्लीकेट चाबी मौजूद है. इसके बाद सवाल उठा कि डुप्लीकेट चाबी कहां से आई और मूल चाबी कहां गई? इससे देशभर में भगवान श्रीजगन्नाथ के भक्तों के बीच कई तरह के भ्रम पैदा हो गये.

बाद में, रत्न भंडार पर जस्टिस रघुबीर दास जांच आयोग का गठन किया गया और जस्टिस दास ने नवंबर 2018 में राज्य सरकार को अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी. आयोग की रिपोर्ट अभी तक विधानसभा में नहीं रखी गई है. इसी पृष्ठभूमि में लंबे समय से रत्न भंडार को दोबारा खोलने की मांग की जा रही है. पिछले साल दिसंबर में अपने ओडिशा दौरे के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मुद्दे को उठाया था और भारतीय जनता दल (बीजद) सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने श्रीमंदिर के रत्न भंडार की चाबियां गायब होने के बारे में पूछा था. भाजपा प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि बीजद सरकार महाप्रभु श्रीजगन्नाथ के बहुमूल्य रत्नों और संपत्तियों की रक्षा करने में विफल है.

अलग-अलग अवसरों पर, पार्टी ने रत्न भंडार को फिर से खोलने की मांग की, जिसे कथित तौर पर कुछ मरम्मत की भी आवश्यकता है. केवल भाजपा ही नहीं, कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों, पुरी के राजा गजपति दिव्यसिंघ देव और पुरी श्रीमंदिर के कई वरिष्ठ सेवकों ने भी ओडिशा सरकार से रत्न भंडार को फिर से खोलने और भगवान श्रीजगन्नाथ के कीमती सामानों की मरम्मत और सूची बनाने का आग्रह किया.

पढ़ें : ओडिशा : पुरी श्रीमंदिर के आसपास ड्रोन उड़ाने पर रोक

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने भी मंदिर के खजाने को दोबारा खोलने की मांग की है. हालांकि, राज्य सरकार ने मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया. हाथ में कोई विकल्प न होने पर, भाजपा ने हाल ही में ओडिशा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. ओडिशा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष समीर मोहंती की याचिका को स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट ने पांच जुलाई को श्रीमंदिर के रत्न भंडार के उद्घाटन पर चार लोगों को नोटिस दिया था. मोहंती ने आरोप लगाया, "45 साल बीत जाने के बावजूद सरकार ने रत्न भंडार को दोबारा नहीं खोला. जब पुरी के राजा और दुनिया भर के जगन्नाथ भक्त यह जानने का इंतजार कर रहे हैं कि रत्न भंडार में जगन्नाथ की कीमती वस्तुएं सुरक्षित हैं या नहीं, तो सरकार गहरी नींद में है." भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने उच्च न्यायालय का रूख किया है और अदालत ने इसे गंभीरता से लिया है. अगली सुनवाई सात अगस्त को तय की गई है. जब मीडियाकर्मियों ने हाल ही में रत्न भंडार को फिर से खोलने के बारे में पूछा, तो कानून मंत्री जगन्नाथ सारका ने कहा, "हमें नहीं पता कि रत्न भंडार की चाबियां गायब हो गई हैं या नहीं. मामला अब हाई कोर्ट के समक्ष है. राज्य सरकार न्यायालय के निर्देशानुसार विभिन्न पहलुओं की जांच के बाद आवश्यक कदम उठाएगी."

गौरतलब है कि साल 2021 में तत्कालीन कानून मंत्री प्रताप जेना ने विधानसभा को बताया कि रत्न भंडार 1978 में खोला गया था. उस समय, इसमें 12,831 'भरी' सोना और 22,153 'भरी' चांदी (एक भरी 11.66 ग्राम के बराबर) थी. भंडारगृह में सोने के आभूषणों के साथ महंगे पत्थर और अन्य कीमती सामान थे. इसी तरह चांदी सहित महंगे पत्थर, चांदी के बर्तन और अन्य कीमती सामान मिला. हालांकि, अलग-अलग कारणों से इन्वेंट्री प्रक्रिया के दौरान 14 सोने और चांदी की वस्तुओं का वजन नहीं किया जा सका. मंत्री ने अपने लिखित बयान में कहा था कि प्रक्रिया के दौरान, वस्तुओं के मूल्य का आकलन नहीं किया गया.

(आईएएनएस)

भुवनेश्वर : ओडिशा के पुरी श्रीजगन्नाथ मंदिर का खजाना 'रत्न भंडार को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है. ओडिशा विधानसभा और लोकसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में भाजपा ने रत्न भंडार को खोलने के मुद्दे को दोबारा उठाया है. विधानसभा में ओडिशा सरकार द्वारा दिए गए एक बयान के अनुसार, रत्न भंडार आखिरी बार 1985 में खोला गया था, लेकिन कीमती सामानों की नवीनतम सूची 1978 में बनाई गई थी. साल 1985 तक दो हिस्सों में बंटे रत्न भंडार के अंदरूनी कक्ष को किसी ने नहीं देखा था. बाहरी कक्ष नियमित रूप से खोला जाता है और त्योहारों पर केवल सेवायतों द्वारा ही आभूषण निकाले जाते हैं.

ओडिशा हाई कोर्ट के एक आदेश के अनुसार, 4 अप्रैल 2018 को रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को खोलने का प्रयास किया गया था. लेकिन मंदिर प्रशासन को चाबियां नहीं मिल पाने के कारण इसे नहीं खोला जा सका. रत्न भंडार के अंदर गए अधिकारियों, सेवकों और विशेषज्ञों को बाहरी कक्ष से वापस लौटना पड़ा था. लेकिन रत्न भंडार को खोलने की कोशिश के दो दिन बाद प्रबंध समिति की बैठक में मामला उठने तक प्रशासन ने चाबी गायब होने की बात सार्वजनिक नहीं की. दिलचस्प बात यह है कि कुछ दिनों के हंगामे के बाद अचानक पुरी जिला प्रशासन ने दावा किया कि रत्न भंडार की डुप्लीकेट चाबी मौजूद है. इसके बाद सवाल उठा कि डुप्लीकेट चाबी कहां से आई और मूल चाबी कहां गई? इससे देशभर में भगवान श्रीजगन्नाथ के भक्तों के बीच कई तरह के भ्रम पैदा हो गये.

बाद में, रत्न भंडार पर जस्टिस रघुबीर दास जांच आयोग का गठन किया गया और जस्टिस दास ने नवंबर 2018 में राज्य सरकार को अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी. आयोग की रिपोर्ट अभी तक विधानसभा में नहीं रखी गई है. इसी पृष्ठभूमि में लंबे समय से रत्न भंडार को दोबारा खोलने की मांग की जा रही है. पिछले साल दिसंबर में अपने ओडिशा दौरे के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मुद्दे को उठाया था और भारतीय जनता दल (बीजद) सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने श्रीमंदिर के रत्न भंडार की चाबियां गायब होने के बारे में पूछा था. भाजपा प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि बीजद सरकार महाप्रभु श्रीजगन्नाथ के बहुमूल्य रत्नों और संपत्तियों की रक्षा करने में विफल है.

अलग-अलग अवसरों पर, पार्टी ने रत्न भंडार को फिर से खोलने की मांग की, जिसे कथित तौर पर कुछ मरम्मत की भी आवश्यकता है. केवल भाजपा ही नहीं, कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों, पुरी के राजा गजपति दिव्यसिंघ देव और पुरी श्रीमंदिर के कई वरिष्ठ सेवकों ने भी ओडिशा सरकार से रत्न भंडार को फिर से खोलने और भगवान श्रीजगन्नाथ के कीमती सामानों की मरम्मत और सूची बनाने का आग्रह किया.

पढ़ें : ओडिशा : पुरी श्रीमंदिर के आसपास ड्रोन उड़ाने पर रोक

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने भी मंदिर के खजाने को दोबारा खोलने की मांग की है. हालांकि, राज्य सरकार ने मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया. हाथ में कोई विकल्प न होने पर, भाजपा ने हाल ही में ओडिशा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. ओडिशा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष समीर मोहंती की याचिका को स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट ने पांच जुलाई को श्रीमंदिर के रत्न भंडार के उद्घाटन पर चार लोगों को नोटिस दिया था. मोहंती ने आरोप लगाया, "45 साल बीत जाने के बावजूद सरकार ने रत्न भंडार को दोबारा नहीं खोला. जब पुरी के राजा और दुनिया भर के जगन्नाथ भक्त यह जानने का इंतजार कर रहे हैं कि रत्न भंडार में जगन्नाथ की कीमती वस्तुएं सुरक्षित हैं या नहीं, तो सरकार गहरी नींद में है." भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने उच्च न्यायालय का रूख किया है और अदालत ने इसे गंभीरता से लिया है. अगली सुनवाई सात अगस्त को तय की गई है. जब मीडियाकर्मियों ने हाल ही में रत्न भंडार को फिर से खोलने के बारे में पूछा, तो कानून मंत्री जगन्नाथ सारका ने कहा, "हमें नहीं पता कि रत्न भंडार की चाबियां गायब हो गई हैं या नहीं. मामला अब हाई कोर्ट के समक्ष है. राज्य सरकार न्यायालय के निर्देशानुसार विभिन्न पहलुओं की जांच के बाद आवश्यक कदम उठाएगी."

गौरतलब है कि साल 2021 में तत्कालीन कानून मंत्री प्रताप जेना ने विधानसभा को बताया कि रत्न भंडार 1978 में खोला गया था. उस समय, इसमें 12,831 'भरी' सोना और 22,153 'भरी' चांदी (एक भरी 11.66 ग्राम के बराबर) थी. भंडारगृह में सोने के आभूषणों के साथ महंगे पत्थर और अन्य कीमती सामान थे. इसी तरह चांदी सहित महंगे पत्थर, चांदी के बर्तन और अन्य कीमती सामान मिला. हालांकि, अलग-अलग कारणों से इन्वेंट्री प्रक्रिया के दौरान 14 सोने और चांदी की वस्तुओं का वजन नहीं किया जा सका. मंत्री ने अपने लिखित बयान में कहा था कि प्रक्रिया के दौरान, वस्तुओं के मूल्य का आकलन नहीं किया गया.

(आईएएनएस)

Last Updated : Jul 9, 2023, 1:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.