नई दिल्ली : पंजाब के पीडब्ल्यूडी तथा बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात (Punjab minister met nitin gadkari in delhi) की. नितिन गडकरी के साथ आधे घंटे की लंबी बैठक के बाद पंजाब के कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री से मिलकर सेंट्रल रोड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत राज्य के लिए और फंड की मांग (minister harbhajan singh seeks funds from centre) की. इससे पहले पंजाब में बिजली संकट के मद्देनजर उन्होंने केंद्रीय कोयला एवं खनिज मंत्री प्रह्लाद जोशी और केंद्रीय बिजली, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात की थी.
उन्होंने कहा कि पंजाब में लगभग 560 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण का ऐलान पहले ही कर दिया गया था. अब मंत्री गडकरी से अंतिम मंजूरी लेने के लिए यहां आए थे. इस बैठक में मंत्री गडकरी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह जल्द ही इस परियोजना को मंजूरी दिलाने के लिए एक समिति का गठन करेंगे. उन्होंने कहा, 'हमने मंत्री गडकरी के समक्ष जो विशेष मांगें रखी हैं, वह है- सीआरआईएफ निधि से ढांचागत परियोजना के लिए धन आवंटन. वर्तमान, पंजाब को 150 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया है. मैंने मंत्री गडकरी से राज्य की भलाई के लिए अतिरिक्त 300 करोड़ रुपये आवंटन की मांग की. उन्होंने इसे सकारात्मक रूप से लिया है.'
मंत्री हरभजन सिंह ने बताया कि बैठक के दौरान जम्मू-कटरा हाईवे के मुद्दे (Jammu-Katra Highway issue) पर भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि करीब 300 किलोमीटर का हाईवे पंजाब से होकर गुजरेगा, जिसके लिए यहां भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता है, लेकिन कुछ किसान समूह भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं. इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि हाईवे गांवों से होकर गुजर रहा है और भूमि अधिग्रहण इस तरह किया गया है कि कई किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस पर सड़क परिवहन मंत्री ने आश्वासन दिया, 'ऐसे स्थानों पर अंडरपास का निर्माण किया जाएगा, जहां लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी को कोई समस्या न हो.'
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बता दें कि मंत्री हरभजन सिंह ने राज्य में बिजली और कोयला आपूर्ति के मुद्दे पर बुधवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के साथ भी बैठक की थी. उन्होंने केंद्रीय बिजली मंत्री को बताया कि देश में कोयला संकट के कारण पंजाब के बिजली संयंत्रों को आने वाले समय में कोयले की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने मंत्री से निवेदन किया कि वह केंद्रीय सेक्टर के जनरेटिंग स्टेशनों से पंजाब राज्य को तुरंत 1500 मेगावाट बिजली आवंटित करें. इससे कृषि सेक्टर और अन्य उपभोक्ताओं को निर्विघ्न आठ घंटे बिजली की आपूर्ति हो पाएगी. मंत्री आरके सिंह ने आश्वासन दिया कि वह इस मामले की जांच करेंगे और पंजाब को अपेक्षित मात्रा में बिजली मुहैया करवाएंगे.