चंडीगढ़ : पंजाब में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. यहां संक्रमण के अब तक करीब 3,58,186 मामले सामने आ चुके हैं.
बीते 24 घंटे के दौरान संक्रमण की बात की जाए तो करीब 65 सौ मामले सामने आए हैं जबकि करीब 150 लोगों की मौत हुई है. अस्पतालों में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने खुद माना है कि राज्य में प्रतिदिन 300 मीट्रिक टन (MT) ऑक्सीजन की ज़रूरत है. जबकि यहां उत्पादन क्षमता केवल 36 मीट्रिक टन है.
उन्होंने कहा है कि 105 मीट्रिक टन ऑक्सीजन बाहर से आती है. बाकी ऑक्सीजन को पूरा करने के लिए सरकार ने झारखंड और छत्तीसगढ़ से संपर्क किया है. वहीं, एक मई से 18 से 45 साल आयु वर्ग के लिए टीकाकरण को लेकर भी स्वास्थ्य मंत्री ने बयान दिया.
बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि 'हमें टीके की पर्याप्त खुराक नहीं मिल रही है ... मुझे लगता है कि उस समय तक हम टीकाकरण शुरू नहीं कर पाएंगे.'
गौरतलब है कि देश भर में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के मामले सामने आ रहे हैं. यही वजह है कि कई जगह पर अस्पतालों ने मेडिकल ऑक्सीजन की जिम्मेदारी भी मरीजों के परिजनों पर डाल दी है.
अस्पताल कह रहे हैं कि ऑक्सीजन की व्यवस्था करो तभी मरीज भर्ती करेंगे. इस बीच जालंधर में जिला प्रशासन ने ऑक्सीजन सिलेंडर और कोरोना के इलाज में काम आ रही दवाओं की कालाबाजारी करने वालों पर लगाम लगाने के लिए अनोखा प्रयोग किया है.
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यहां के जिला कलेक्टर ने कहा है कि मेडिकल ऑक्सीजन, रेमेडिसिविर, आरटी-पीसीआर या कोविड से जुड़े किसी मामले में ओवरचार्जिंग जैसे मामले का खुलासा करने पर एफआईआर दर्ज की जाएगी. स्टिंग ऑपरेशन / ठोस जानकारी के लिए जिला प्रशासन 25000 रुपये का भुगतान करेगा.