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पंजाब पुलिस ने लॉरेंस-रिंदा गैंग के 11 सदस्यों को गिरफ्तार कर 7 संभावित हत्याओं को टाला

मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में आरोपी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और हरविंदर रिंदा द्वारा समर्थित एक अंतर-राज्यीय गिरोह का पंजाब पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. यह जानकारी एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) के एडीजीपी प्रमोद बान ने गुरुवार को दी.

11 members of Lawrence Rinda gang arrested
लॉरेंस रिंदा गिरोह 11 सदस्य गिरफ्तारी
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Published : Jun 30, 2022, 7:58 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब पुलिस ने एक व्यापक और नियोजित अभियान में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और हरविंदर रिंदा द्वारा समर्थित एक अंतर-राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. गिरोह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है जिनके पास से नौ हथियार और पांच लूटे गए वाहन बरामद किए गए. एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) के एडीजीपी प्रमोद बान ने गुरुवार को चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि जालंधर ग्रामीण पुलिस ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया.

गिरफ्तार लोगों की पहचान मो. यासीन अख्तर उर्फ ​​जस्सी (जालंधर), सागर सिंह (मोहाली), अमर मलिक (लुधियाना), अंकुश सभरवाल उर्फ पाया (जालंधर), सुमित जसवाल उर्फ काकू (हिमाचल प्रदेश), अमनदीप उर्फ ​​शूटर (जालंधर), शिव कुमार उर्फ शिव (जालंधर), विशाल उर्फ ​​फौजी (जालंधर), अरुण कुमार उर्फ ​​मणि राणा (हिमाचल प्रदेश) और अन्नू उर्फ ​​पहलवान (कपूरथला) के रूप में हुई है. यह सभी हिस्ट्रीशीटर हैं और जघन्य अपराधों के मामलों में शामिल है.

एसएसपी जालंधर ग्रामीण स्वपन शर्मा के साथ मौजूद एडीजीपी प्रमोद बान ने कहा कि यह गिरोह, कई पड़ोसी राज्यों में सक्रिय था और हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, रंगदारी, और नशीली दवाओं की तस्करी जैसे अपराधों में शामिल था. उन्होंने बताया कि, 'उनकी गिरफ्तारी के साथ, पंजाब पुलिस ने कम से कम सात हत्याएं, दो पुलिस हिरासत से फरारी और चार सशस्त्र डकैती की घटनाओं को नाकाम कर दिया है.'

एडीजीपी बान ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार हरविंदर सिंह उर्फ ​​रिंदा के निर्देश पर गिरोह का संचालन गोल्डी बराड़ का सहयोगी विक्रम बराड़ कर रहा था. गौरतलब है कि वर्तमान में विदेश में रह रहा राजस्थान के हनुमानगढ़ निवासी बराड़, छह राज्यों की पुलिस में वांछित है. वह लॉरेंस बिश्नोई का सहपाठी है और सोशल मीडिया पर भी सक्रिय है.

वहीं, एसएसपी स्वपन शर्मा ने गिरफ्तार लोगों की जानकारी देते हुए बताया कि मोहम्मद यासीन अख्तर उर्फ ​​जस्सी एक साल से लापता था और कम से कम 16 आपराधिक गतिविधियों में शामिल है. उन्होंने कहा कि एक अन्य गिरफ्तार व्यक्ति अंकुश सबरवाल के खिलाफ छह आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह 2014 में नकोदर के एक आईईएलटीएस केंद्र में विक्रम बराड़ का छात्र था और महाराष्ट्र के सौरव महाकाल को आश्रय प्रदान करता था, जिसे पुणे में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. महाकाल के राज्य में दो महीने के प्रवास के दौरान, उसने महाकाल के साथ पंजाब में तीन अपराध किए.

यह भी पढ़ें-लॉरेंस बिश्नोई ने मूसेवाला हत्याकांड में मास्टरमाइंड होना स्वीकार किया: पंजाब पुलिस

एसएसपी शर्मा ने यह भी बताया कि अरुण कुमार उर्फ ​​मणि राणा जेल में बंद गैंगस्टर है और लॉरेंस-जग्गू भगवानपुरिया गुट के इशारे पर काम कर रहा है. गिरफ्तार गिरोह ने हिमाचल प्रदेश के ऊना में एक अदालत की सुनवाई के दौरान मणि राणा के पुलिस हिरासत से भागने की योजना बनाई थी. उन्होंने कहा कि सुमित जसवाल उर्फ ​​​​काकू को गिरफ्तार कर लिया गया है क्योंकि वह इस भागने के प्रयास के लिए रेकी करने में सक्रिय रूप से शामिल था. इस गिरोह की गिरफ्तारी से दोआबा क्षेत्र और जालंधर में संगठित आपराधिक गतिविधियों की रीढ़ टूट गई है.

गौरतलब है कि पिछले दो महीनों में जालंधर ग्रामीण पुलिस ने राज्य भर में विभिन्न जेलों में बंद गैंगस्टरों से जुड़े 32 गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है और उनके कब्जे से करीब 38 हथियार बरामद किए गए हैं.

चंडीगढ़: पंजाब पुलिस ने एक व्यापक और नियोजित अभियान में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और हरविंदर रिंदा द्वारा समर्थित एक अंतर-राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. गिरोह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है जिनके पास से नौ हथियार और पांच लूटे गए वाहन बरामद किए गए. एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) के एडीजीपी प्रमोद बान ने गुरुवार को चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि जालंधर ग्रामीण पुलिस ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया.

गिरफ्तार लोगों की पहचान मो. यासीन अख्तर उर्फ ​​जस्सी (जालंधर), सागर सिंह (मोहाली), अमर मलिक (लुधियाना), अंकुश सभरवाल उर्फ पाया (जालंधर), सुमित जसवाल उर्फ काकू (हिमाचल प्रदेश), अमनदीप उर्फ ​​शूटर (जालंधर), शिव कुमार उर्फ शिव (जालंधर), विशाल उर्फ ​​फौजी (जालंधर), अरुण कुमार उर्फ ​​मणि राणा (हिमाचल प्रदेश) और अन्नू उर्फ ​​पहलवान (कपूरथला) के रूप में हुई है. यह सभी हिस्ट्रीशीटर हैं और जघन्य अपराधों के मामलों में शामिल है.

एसएसपी जालंधर ग्रामीण स्वपन शर्मा के साथ मौजूद एडीजीपी प्रमोद बान ने कहा कि यह गिरोह, कई पड़ोसी राज्यों में सक्रिय था और हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, रंगदारी, और नशीली दवाओं की तस्करी जैसे अपराधों में शामिल था. उन्होंने बताया कि, 'उनकी गिरफ्तारी के साथ, पंजाब पुलिस ने कम से कम सात हत्याएं, दो पुलिस हिरासत से फरारी और चार सशस्त्र डकैती की घटनाओं को नाकाम कर दिया है.'

एडीजीपी बान ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार हरविंदर सिंह उर्फ ​​रिंदा के निर्देश पर गिरोह का संचालन गोल्डी बराड़ का सहयोगी विक्रम बराड़ कर रहा था. गौरतलब है कि वर्तमान में विदेश में रह रहा राजस्थान के हनुमानगढ़ निवासी बराड़, छह राज्यों की पुलिस में वांछित है. वह लॉरेंस बिश्नोई का सहपाठी है और सोशल मीडिया पर भी सक्रिय है.

वहीं, एसएसपी स्वपन शर्मा ने गिरफ्तार लोगों की जानकारी देते हुए बताया कि मोहम्मद यासीन अख्तर उर्फ ​​जस्सी एक साल से लापता था और कम से कम 16 आपराधिक गतिविधियों में शामिल है. उन्होंने कहा कि एक अन्य गिरफ्तार व्यक्ति अंकुश सबरवाल के खिलाफ छह आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह 2014 में नकोदर के एक आईईएलटीएस केंद्र में विक्रम बराड़ का छात्र था और महाराष्ट्र के सौरव महाकाल को आश्रय प्रदान करता था, जिसे पुणे में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. महाकाल के राज्य में दो महीने के प्रवास के दौरान, उसने महाकाल के साथ पंजाब में तीन अपराध किए.

यह भी पढ़ें-लॉरेंस बिश्नोई ने मूसेवाला हत्याकांड में मास्टरमाइंड होना स्वीकार किया: पंजाब पुलिस

एसएसपी शर्मा ने यह भी बताया कि अरुण कुमार उर्फ ​​मणि राणा जेल में बंद गैंगस्टर है और लॉरेंस-जग्गू भगवानपुरिया गुट के इशारे पर काम कर रहा है. गिरफ्तार गिरोह ने हिमाचल प्रदेश के ऊना में एक अदालत की सुनवाई के दौरान मणि राणा के पुलिस हिरासत से भागने की योजना बनाई थी. उन्होंने कहा कि सुमित जसवाल उर्फ ​​​​काकू को गिरफ्तार कर लिया गया है क्योंकि वह इस भागने के प्रयास के लिए रेकी करने में सक्रिय रूप से शामिल था. इस गिरोह की गिरफ्तारी से दोआबा क्षेत्र और जालंधर में संगठित आपराधिक गतिविधियों की रीढ़ टूट गई है.

गौरतलब है कि पिछले दो महीनों में जालंधर ग्रामीण पुलिस ने राज्य भर में विभिन्न जेलों में बंद गैंगस्टरों से जुड़े 32 गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है और उनके कब्जे से करीब 38 हथियार बरामद किए गए हैं.

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