चंडीगढ़ : पंजाब विधानसभा अध्यक्ष ने दलबदल विरोधी कानून के तहत विधायक बलदेव सिंह को सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया. 2019 में आम आदमी पार्टी (आप) छोड़ने के बाद उनकी अयोग्यता की मांग करने वाली एक याचिका दायर की गई थी.
जुलाई 2018 में सुखपाल सिंह खैरा को विपक्ष के नेता के पद से हटाए जाने के बाद बलदेव सिंह, आप के कुछ विधायकों के साथ, पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोही हो गए थे. वह तब खैरा द्वारा बनाई गई पंजाब एकता पार्टी में शामिल हो गए और 2019 लोकसभा चुनाव फरीदकोट से जीतने में असफल रहे.
लेकिन बलदेव सिंह अक्टूबर 2019 में AAP में लौट आए. पंजाब विधानसभा के एक बयान के अनुसार, भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची के प्रावधानों के अनुसार सिंह को 26 अक्टूबर से पंजाब विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया है.
सिंह के अयोग्य होने के साथ ही 117 सदस्यीय सदन में आम आदमी पार्टी की कुल ताकत घटकर 17 रह गई है. 2017 के विधानसभा चुनाव में आप ने 20 सीटें जीती थीं. एचएस फुल्का ने 2019 में दाखा से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि खैरा ने भोलाथ से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था.