लुधियाना: पंजाब में 1 नवंबर को पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी की बहस से पहले लुधियाना के सरकारी संस्थानों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं. सरकारी सर्किट हाउस और अन्य जगहों पर चेकिंग की जा रही है. लुधियाना पुलिस की टीम मेहमानों के ठहरने के स्थानों की विशेष रूप से जांच कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक, बहस स्थल पंजाब कृषि विश्वविद्यालय को पुलिस छावनी में स्थानांतरित कर दिया गया है. पंजाब पुलिस के कुछ उच्च स्तरीय सूत्रों का कहना है कि बहस स्थल पर पंजाब पुलिस के करीब 1000 जवानों को तैनात किया गया है. एसएसपी, डीआइजी और वर्तमान डीजी भी तैनात किये गये हैं. इस दौरान कोई अप्रिय घटना न हो इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस शहर में आने-जाने वाले हर वाहन की जांच कर रही है. इसके अलावा अति संवेदनशील स्थानों को भी पुलिस ने आधुनिक उपकरणों से सैनिटाइज किया जा रहा है.
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने 1 नवंबर को होने वाली बहस के निष्पक्ष संचालन पर संदेह जताया है. बाजवा ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने अब बहस स्थल पंजाब कृषि विश्वविद्यालय को पुलिस छावनी में स्थानांतरित कर दिया है. पंजाब पुलिस के कुछ उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से बाजवा ने कहा कि बहस स्थल पर पंजाब पुलिस के एक हजार आरोपियों को तैनात किया गया है. बाजवा ने कहा कि वह अपनी सारी सुरक्षा छोड़कर राज्य के हितों की बहस में हिस्सा लेंगे. इसके अलावा पंजाब बीजेपी अध्यक्ष ने हाई-सिक्योरिटी परिधि पर भी निशाना साधा.
इससे पहले विपक्ष के नेता (एलओपी) प्रताप सिंह बाजवा ने सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान से 1 नवंबर को लुधियाना में खुली बहस के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए सभी दलों की बैठक बुलाने को कहा. बाजवा ने कहा कि वह और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग बहस में भाग लेने के लिए तैयार हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को पहले चर्चा के विषय, प्रारूप, समय स्लॉट, मॉडरेटर, जूरी सदस्यों सहित इसकी बारीकियों पर काम करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने चंडीगढ़ में सभी दलों के नेताओं के साथ चर्चा करके और उन्हें विश्वास में लेकर दर्शकों के लिए पास किया जाएगा.