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पंजाब में निर्वाचित महिलाओं के पतियों के पंचायत बैठकों में भाग लेने पर रोक - Punjab Govt Bans Sarpanch Proxies

पंजाब सरकार ने निर्वाचित महिलाओं के पतियों या अन्य रिश्तेदारों के पंचायत राज संस्थानों की बैठक में हिस्सा लेने पर रोक (Punjab Govt Bans Sarpanch Proxies) लगा दी है. सरकार ने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को सरकारी आदेशों का कड़ाई से अनुपालन कराने का निर्देश दिया गया है.

Kuldeep Dhaliwal
पंजाब सरकार का फैसला
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Published : Sep 1, 2022, 4:14 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने बुधवार को कहा कि निर्वाचित महिलाओं (Punjab Govt Bans Sarpanch Proxies) के पतियों या अन्य रिश्तेदारों को पंचायत राज संस्थानों की किसी भी बैठक में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी. पंजाब के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि इस फैसले का लक्ष्य पंचायती राज संस्थानों की महिला प्रतिनिधियों की ओर से उनके पतियों, बेटों या अन्य रिश्तेदारों के बैठकों में हिस्सा लेने के चलन पर रोक लगाना है.

उन्होंने कहा कि जबानी जमाखर्च के बजाय असल मायनों में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए यह फैसला किया गया है जिसकी लंबे समय से दरकार थी. राज्य में पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण है.

धालीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि इस संबंध में संभागीय उपायुक्त (पंचायत), अतिरिक्त उपायुक्त (विकास) जिला विकास एवं पंचायत अधिकारियों, उपप्रमुख कार्यकारी अधिकारी (जिला परिषद), प्रखंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों को सही मायने में सरकारी आदेशों का कड़ाई से अनुपालन कराने का निर्देश दिया गया है. ऐसा नहीं करने पर उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें- जेल मंत्री बोले, अब समय बदल गया है, पंजाब की जेलें गैंगस्टरों के वीआईपी व्यवहार के लिए थीं प्रसिद्ध

चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने बुधवार को कहा कि निर्वाचित महिलाओं (Punjab Govt Bans Sarpanch Proxies) के पतियों या अन्य रिश्तेदारों को पंचायत राज संस्थानों की किसी भी बैठक में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी. पंजाब के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि इस फैसले का लक्ष्य पंचायती राज संस्थानों की महिला प्रतिनिधियों की ओर से उनके पतियों, बेटों या अन्य रिश्तेदारों के बैठकों में हिस्सा लेने के चलन पर रोक लगाना है.

उन्होंने कहा कि जबानी जमाखर्च के बजाय असल मायनों में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए यह फैसला किया गया है जिसकी लंबे समय से दरकार थी. राज्य में पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण है.

धालीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि इस संबंध में संभागीय उपायुक्त (पंचायत), अतिरिक्त उपायुक्त (विकास) जिला विकास एवं पंचायत अधिकारियों, उपप्रमुख कार्यकारी अधिकारी (जिला परिषद), प्रखंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों को सही मायने में सरकारी आदेशों का कड़ाई से अनुपालन कराने का निर्देश दिया गया है. ऐसा नहीं करने पर उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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