नई दिल्ली: पंजाब सरकार ने एडहाक अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला लिया है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्रिमंडल में अस्थाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए नीति को मंजूरी दे दी है. जिससे इन कर्मचारियों के नियमित होने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है.
यह फैसला पंजाब सिविल सचिवालय नंबर 1 में मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई. मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता से मिली जानकारी के अनुसार, 13 हजार कर्मचारियों की सेवाएं पहले ही नियमित की जा चुकी हैं. अब 14,414 एडहाक अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा. पिछली सरकारों के शासन के तहत ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों पर विभिन्न नियुक्तियों पर आवश्यकता और सेवा की अनिवार्यता के आधार पर की गई है. ऐसे कुछ कर्मचारियों ने अब राज्य के साथ 10 वर्ष या उससे अधिक की अवधि तक काम किया और उन्होंने राज्य की सेवा में अपने जीवन के प्रमुख वर्ष दिए हैं. इसलिए सरकार ने यह महसूस किया कि उन्हें सेवा मुक्त करना सही नहीं है, इसलिए उनके सेवा को रेगुलर किया गया.
संविदात्मक दैनिक वेतन कार्य प्रभावित या अस्थायी आधार पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा. ऐसे आवेदक के पास विशेष संवर्ग में नियुक्ति के समय नियमों के अनुसार उनके पद के लिए आवश्यक योग्यता और अनुभव होना आवश्यक है. 10 वर्ष की सेवा अवधि में आवेदक का कार्य एवं आचरण के आंकलन के अनुसार संतोषजनक रहना भी जरूरी है.
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इसके अलावा नियमित करने वाले कर्मचारियों के लिए 10 साल की अवधि की गणना के लिए 10 कैलेंडर वर्षों में से प्रत्येक वर्ष में कम से कम 240 दिनों की अवधि के लिए काम किया होना आवश्यक है.
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