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पंजाब कांग्रेस विवाद : क्या सिद्धू बनेंगे अध्यक्ष, रावत बोले- मैंने ऐसा नहीं कहा - हरीश रावत

पंजाब कांग्रेस का आंतरिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जब भी लगता है कि पार्टी किसी समाधान पर पहुंच गई है, अचानक ही ताश के पत्ते की तरह सबकुछ बिखर जाता है. आज जैसे ही यह खबर आई कि सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा, और चुनाव में पार्टी का चेहरा कैप्टन अमरिंदर सिंह होंगे, उसके बाद लगा कि सारा विवाद खत्म हो गया है. लेकिन अंदरखाने यह खबर आई कि कैप्टन इस फैसले से असहज थे. उसके बाद राज्य प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि मैंने ऐसा नहीं कहा कि सिद्धू अध्यक्ष बनाए जा रहे हैं.

अमरिंदर-रावत
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Published : Jul 15, 2021, 10:17 PM IST

Updated : Jul 15, 2021, 10:44 PM IST

नई दिल्ली : लंबे इंतजार के बाद आखिरकार कांग्रेस पार्टी ने अपनी पंजाब इकाई के भीतर चल रहे संकट से निपटने की तैयारी कर ली है. कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अगले साल कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी. हालांकि पार्टी से असंतुष्ट नेता नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों ने जानकारी दी है कि उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) प्रमुख का पद मिलने की संभावना है. पार्टी के प्रभारी हरीश रावत के हवाले से यह खबर चली थी. लेकिन आज रावत ने इसका खंडन कर दिया.

इससे पहले यह खबर चलती रही कि कांग्रेस एक ऐसे फॉर्मूले पर काम कर रही है जिसमें पीसीसी प्रमुख के साथ दो कार्यकारी अध्यक्षों की भी नियुक्ति की जाएगी. जाति और समुदायों के बीच संतुलन बनाने के लिए ये नियुक्तियां एक हिंदू और एक दलित नेता के साथ की जाएंगी. इन पदों के लिए विजय इंदर सिंगला और चौधरी संतोख सिंह के नाम चर्चा में हैं.इनके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद प्रताप सिंह बाजवा को मेनिफेस्टो कमेटी के प्रमुख का पद मिलने की उम्मीद है. गौरतलब है कि विभिन्न मुद्दों पर पंजाब के सीएम के खिलाफ विवादित बयान देकर बाजवा कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व के घोर आलोचक रहे हैं.

देखें वीडियो

यह भी कहा गया कि सिद्धू को पीसीसी प्रमुख बनाए जाने की खबरों से कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ पार्टी आलाकमान से खफा हो गए हैं. सूत्रों के मुताबिक कैप्टन ने इस मामले पर नाराजगी जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी फोन किया. हालांकि, कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यालय ने सिद्धू के पीसीसी प्रमुख के रूप में नियुक्त होने के मद्देनजर उनके पार्टी छोड़ने की खबरों का खंडन किया. वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्विटर पर मामले को स्पष्ट करते हुए कहा, 'सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफा देने की मीडिया रिपोर्ट्स निराधार है.' उन्होंने कहा है कि न सीएम ने इस्तीफा दिया है और न ही ऐसा करने की पेशकश की है. वह वह 2022 के विधानसभा चुनावों में पंजाब कांग्रेस को जीत दिलाएंगे, जैसा कि उन्होंने 2017 में किया था.

ये भी पढ़ें - पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे सिद्धू, कैप्टन बने रहेंगे CM, जानें क्या है हरीश रावत का सुलह फॉर्मूला ?

इन अटकलों के बीच पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की. बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद थे. हालांकि बाद में रावत ने मीडिया को बताया कि बैठक उत्तराखंड को लेकर थी और पंजाब पर कोई चर्चा नहीं हुई. वहीं एक निजी समाचार चैनल को दिए अपने साक्षात्कार के बारे में पूछे जाने पर रावत ने जवाब दिया, 'किसने कहा कि (सिद्धू की पीसीसी प्रमुख के रूप में नियुक्ति पर)? मुझसे एक विशेष प्रश्न के बारे में पूछा जा रहा था, जिसका मैंने उत्तर दिया कि इसी तरह का फॉर्मूला तैयार किया जाएगा. वहां अभी भी कुछ मुद्दों पर बात करनी बाकी है.

इस मामले को लेकर पंजाब कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने ईटीवी भारत से कहा कि अगर ऐसा होता है तो मुझे नहीं पता कि कैप्टन और सिद्धू के बीच तालमेल कैसे बनेगा.वहीं एक सवाल के जवाब में कि क्या यह कदम पार्टी को गलत संदेश देगा, क्योंकि सिद्धू लगातार अपने ही सीएम पर हमला कर रहे हैं. इस पर पंजाब के कांग्रेस नेता ने कहा कि यह एक ऐसी चीज है जिसके बारे में पार्टी आलाकमान को सोचना चाहिए. सिद्धू केवल ट्विटर पर सीएम की आलोचना कर रहे थे. कुछ नेताओं ने तो अपने ही सीएम पर ईडी जांच की मांग की, तो शायद यही वो चीजें हैं जिन्हें उनकी अनुशासनहीनता के लिए पुरस्कृत किया गया है.

पंजाब कांग्रेस में चल रहे इस संकट में प्रियंका गांधी वाड्रा ने सिद्धू को संगठन में अहम भूमिका दिलाने में अहम भूमिका निभाई है. सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस में विवाद को सुलझाने के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति के साथ बैठक के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की मांग की थी. बाद में उन्होंने अपनी मांगों पर जोर देने के लिए प्रियंका और राहुल गांधी दोनों के साथ बैठक की. हालांकि पंजाब कांग्रेस में सुधार पर अंतिम घोषणा अभी बाकी है.

नई दिल्ली : लंबे इंतजार के बाद आखिरकार कांग्रेस पार्टी ने अपनी पंजाब इकाई के भीतर चल रहे संकट से निपटने की तैयारी कर ली है. कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अगले साल कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी. हालांकि पार्टी से असंतुष्ट नेता नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों ने जानकारी दी है कि उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) प्रमुख का पद मिलने की संभावना है. पार्टी के प्रभारी हरीश रावत के हवाले से यह खबर चली थी. लेकिन आज रावत ने इसका खंडन कर दिया.

इससे पहले यह खबर चलती रही कि कांग्रेस एक ऐसे फॉर्मूले पर काम कर रही है जिसमें पीसीसी प्रमुख के साथ दो कार्यकारी अध्यक्षों की भी नियुक्ति की जाएगी. जाति और समुदायों के बीच संतुलन बनाने के लिए ये नियुक्तियां एक हिंदू और एक दलित नेता के साथ की जाएंगी. इन पदों के लिए विजय इंदर सिंगला और चौधरी संतोख सिंह के नाम चर्चा में हैं.इनके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद प्रताप सिंह बाजवा को मेनिफेस्टो कमेटी के प्रमुख का पद मिलने की उम्मीद है. गौरतलब है कि विभिन्न मुद्दों पर पंजाब के सीएम के खिलाफ विवादित बयान देकर बाजवा कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व के घोर आलोचक रहे हैं.

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यह भी कहा गया कि सिद्धू को पीसीसी प्रमुख बनाए जाने की खबरों से कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ पार्टी आलाकमान से खफा हो गए हैं. सूत्रों के मुताबिक कैप्टन ने इस मामले पर नाराजगी जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी फोन किया. हालांकि, कैप्टन अमरिंदर सिंह के कार्यालय ने सिद्धू के पीसीसी प्रमुख के रूप में नियुक्त होने के मद्देनजर उनके पार्टी छोड़ने की खबरों का खंडन किया. वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्विटर पर मामले को स्पष्ट करते हुए कहा, 'सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफा देने की मीडिया रिपोर्ट्स निराधार है.' उन्होंने कहा है कि न सीएम ने इस्तीफा दिया है और न ही ऐसा करने की पेशकश की है. वह वह 2022 के विधानसभा चुनावों में पंजाब कांग्रेस को जीत दिलाएंगे, जैसा कि उन्होंने 2017 में किया था.

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इन अटकलों के बीच पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की. बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद थे. हालांकि बाद में रावत ने मीडिया को बताया कि बैठक उत्तराखंड को लेकर थी और पंजाब पर कोई चर्चा नहीं हुई. वहीं एक निजी समाचार चैनल को दिए अपने साक्षात्कार के बारे में पूछे जाने पर रावत ने जवाब दिया, 'किसने कहा कि (सिद्धू की पीसीसी प्रमुख के रूप में नियुक्ति पर)? मुझसे एक विशेष प्रश्न के बारे में पूछा जा रहा था, जिसका मैंने उत्तर दिया कि इसी तरह का फॉर्मूला तैयार किया जाएगा. वहां अभी भी कुछ मुद्दों पर बात करनी बाकी है.

इस मामले को लेकर पंजाब कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने ईटीवी भारत से कहा कि अगर ऐसा होता है तो मुझे नहीं पता कि कैप्टन और सिद्धू के बीच तालमेल कैसे बनेगा.वहीं एक सवाल के जवाब में कि क्या यह कदम पार्टी को गलत संदेश देगा, क्योंकि सिद्धू लगातार अपने ही सीएम पर हमला कर रहे हैं. इस पर पंजाब के कांग्रेस नेता ने कहा कि यह एक ऐसी चीज है जिसके बारे में पार्टी आलाकमान को सोचना चाहिए. सिद्धू केवल ट्विटर पर सीएम की आलोचना कर रहे थे. कुछ नेताओं ने तो अपने ही सीएम पर ईडी जांच की मांग की, तो शायद यही वो चीजें हैं जिन्हें उनकी अनुशासनहीनता के लिए पुरस्कृत किया गया है.

पंजाब कांग्रेस में चल रहे इस संकट में प्रियंका गांधी वाड्रा ने सिद्धू को संगठन में अहम भूमिका दिलाने में अहम भूमिका निभाई है. सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस में विवाद को सुलझाने के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति के साथ बैठक के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की मांग की थी. बाद में उन्होंने अपनी मांगों पर जोर देने के लिए प्रियंका और राहुल गांधी दोनों के साथ बैठक की. हालांकि पंजाब कांग्रेस में सुधार पर अंतिम घोषणा अभी बाकी है.

Last Updated : Jul 15, 2021, 10:44 PM IST
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