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पंजाब कांग्रेस में बिखराव : एक ही दिन में सिद्धू, योगेंद्र ढींगरा समेत 4 लोगों के इस्तीफे

पंजाब में सियासी संकट गहराने की आशंका है. नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद प्रदेश कांग्रेस महासचिव योगेंद्र ढींगरा ने भी इस्तीफा दे दिया है. कैबिनेट मंत्री परगट सिंह के इस्तीफे की भी अटकलें लगाई जा रही हैं. हालांकि, परगट ने इस्तीफे को अफवाह करार दिया है. पंजाब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष ने भी इस्तीफा दे दिया है

योगेंद्र ढींगरा का इस्तीफा
योगेंद्र ढींगरा का इस्तीफा
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Published : Sep 28, 2021, 7:48 PM IST

Updated : Sep 28, 2021, 11:05 PM IST

चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं. पहले नवजोत सिंह सिद्धू अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद पंजाब कैबिनेट में दो दिन पहले शामिल हुईं रजिया सुल्ताना ने इस्तीफा दिया. अब कांग्रेस महासचिव योगेंद्र ढींगरा ने भी इस्तीफा दे दिया है. पंजाब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गुलजार इंद्र चहल ने भी इस्तीफा दे दिया है.

कैबिनेट मंत्री परगट सिंह के भी इस्तीफा देने की बात सामने आ रही है. हालांकि, उन्होंने इसका खंडन किया है. परगट ने कहा है कि उनके इस्तीफे की खबरें महज अफवाह हैं. कांग्रेस पार्टी महासचिव और कैबिनेट मंत्री परगट सिंह ने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया है, इसकी मुझे जानकरी नहीं है. उन्होंने कहा कि सिद्धू मेरे दोस्त हैं. उनसे मिल कर बात की जाएगी.

परगट ने कहा कि उन्होंने हमेशा लोगों को जोड़ने की कोशिश की है. एडवोकेट जनरल की नियुक्ति से नाराज होकर पार्टी छोड़ने के सवाल पर परगट सिंह ने कहा कि जब तक वह सिद्धू से बात नहीं कर लेंगे तब तक कुछ नहीं कह पाएंगे.

परगट सिंह का बयान

इससे पहले सिद्धू के इस्तीफे के कुछ ही घंटे बाद रजिया सुल्ताना ने भी मंगलवार को ही राज्य सरकार का कैबिनेट मंत्री पद छोड़ दिया. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भेजे त्यागपत्र में सुल्ताना ने कहा कि वह 'नवजोत सिंह सिद्धू के साथ एकजुटता दिखाते हुए इस्तीफा दे रही हैं.

यह भी पढ़ें- पंजाब में सियासी भूचाल : सिद्धू के बाद कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने दिया इस्तीफा

बता दें कि रजिया सुल्ताना को जल आपूर्ति और स्वच्छता, सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास तथा मुद्रण एवं स्टेशनरी विभागों का प्रभार सौंपा गया था. अमरिंदर सिंह नीत सरकार में वह परिवहन मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रही थीं.

इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर पार्टी को झटका दिया, जो पहले ही आंतरिक कलह से जूझ रही है. उन्होंने भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि वह पार्टी की सेवा करते रहेंगे.

यह भी पढ़ें- पंजाब के पहले दलित सीएम बने चरणजीत सिंह चन्नी, पीएम मोदी ने दी बधाई

बता दें कि गत 19 सितंबर को चरनजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस का दलित चेहरा हैं और पंजाब की चमकौर साहिब सीट से विधायक हैं. वो विधानसभा में नेता विपक्ष और सरकार में मंत्री की भूमिका भी निभा चुके हैं. चन्नी कांग्रेस पार्टी के युवा चेहरे कहे जा सकते हैं. उनकी उम्र महज 48 वर्ष है. चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब की चमकौर साहिब सीट से कांग्रेस के विधायक हैं. 2012 के चुनावों में वे अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 3659 वोटों के अंतर से हराकर निर्वाचित हुए थे.

यह भी पढ़ें- सिद्धू को सीएम बनने से रोकने के लिए कोई भी कुर्बानी दूंगा : अमरिंदर सिंह

इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री पद से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 18 सितंबर को इस्तीफा दिया था. इस्तीफे के बाद अमरिंदर सिंह ने 22 सितंबर को कहा था कि वह सिद्धू को पंजाब का सीएम बनने से रोकने के लिए वो कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं. कैप्टन ने कहा कि आगामी विधान सभा चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू सीएम चेहरा हुए तो उनके खिलाफ अपना मजबूत उम्मीदवार उतारूंगा और सिद्धू को किसी भी हाल में मुख्यमंत्री नहीं बनने दूंगा क्योंकि वह देश के लिए बड़ा खतरा हैं.

यह भी पढ़ें- आखिर सिद्धू ने पलट ही दिया कैप्टन का तख्त, कभी अमरिंदर सिंह ने डिप्टी सीएम बनाने से किया था इनकार

2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस का दामन थामा था. बताया जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, मगर बीजेपी ने अरुण जेटली को उम्मीदवार बना दिया. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी तो सिद्धू राहुल और प्रियंका के करीबियों में शुमार हो गए. वह अमरिंदर की सरकार में पर्यटन और नगर निकाय के मंत्री बने. यही से अमरिंदर और सिद्धू में खटपट शुरू हुई.

चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं. पहले नवजोत सिंह सिद्धू अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद पंजाब कैबिनेट में दो दिन पहले शामिल हुईं रजिया सुल्ताना ने इस्तीफा दिया. अब कांग्रेस महासचिव योगेंद्र ढींगरा ने भी इस्तीफा दे दिया है. पंजाब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गुलजार इंद्र चहल ने भी इस्तीफा दे दिया है.

कैबिनेट मंत्री परगट सिंह के भी इस्तीफा देने की बात सामने आ रही है. हालांकि, उन्होंने इसका खंडन किया है. परगट ने कहा है कि उनके इस्तीफे की खबरें महज अफवाह हैं. कांग्रेस पार्टी महासचिव और कैबिनेट मंत्री परगट सिंह ने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया है, इसकी मुझे जानकरी नहीं है. उन्होंने कहा कि सिद्धू मेरे दोस्त हैं. उनसे मिल कर बात की जाएगी.

परगट ने कहा कि उन्होंने हमेशा लोगों को जोड़ने की कोशिश की है. एडवोकेट जनरल की नियुक्ति से नाराज होकर पार्टी छोड़ने के सवाल पर परगट सिंह ने कहा कि जब तक वह सिद्धू से बात नहीं कर लेंगे तब तक कुछ नहीं कह पाएंगे.

परगट सिंह का बयान

इससे पहले सिद्धू के इस्तीफे के कुछ ही घंटे बाद रजिया सुल्ताना ने भी मंगलवार को ही राज्य सरकार का कैबिनेट मंत्री पद छोड़ दिया. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भेजे त्यागपत्र में सुल्ताना ने कहा कि वह 'नवजोत सिंह सिद्धू के साथ एकजुटता दिखाते हुए इस्तीफा दे रही हैं.

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बता दें कि रजिया सुल्ताना को जल आपूर्ति और स्वच्छता, सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास तथा मुद्रण एवं स्टेशनरी विभागों का प्रभार सौंपा गया था. अमरिंदर सिंह नीत सरकार में वह परिवहन मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रही थीं.

इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर पार्टी को झटका दिया, जो पहले ही आंतरिक कलह से जूझ रही है. उन्होंने भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि वह पार्टी की सेवा करते रहेंगे.

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बता दें कि गत 19 सितंबर को चरनजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस का दलित चेहरा हैं और पंजाब की चमकौर साहिब सीट से विधायक हैं. वो विधानसभा में नेता विपक्ष और सरकार में मंत्री की भूमिका भी निभा चुके हैं. चन्नी कांग्रेस पार्टी के युवा चेहरे कहे जा सकते हैं. उनकी उम्र महज 48 वर्ष है. चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब की चमकौर साहिब सीट से कांग्रेस के विधायक हैं. 2012 के चुनावों में वे अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 3659 वोटों के अंतर से हराकर निर्वाचित हुए थे.

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इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री पद से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 18 सितंबर को इस्तीफा दिया था. इस्तीफे के बाद अमरिंदर सिंह ने 22 सितंबर को कहा था कि वह सिद्धू को पंजाब का सीएम बनने से रोकने के लिए वो कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं. कैप्टन ने कहा कि आगामी विधान सभा चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू सीएम चेहरा हुए तो उनके खिलाफ अपना मजबूत उम्मीदवार उतारूंगा और सिद्धू को किसी भी हाल में मुख्यमंत्री नहीं बनने दूंगा क्योंकि वह देश के लिए बड़ा खतरा हैं.

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2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस का दामन थामा था. बताया जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, मगर बीजेपी ने अरुण जेटली को उम्मीदवार बना दिया. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी तो सिद्धू राहुल और प्रियंका के करीबियों में शुमार हो गए. वह अमरिंदर की सरकार में पर्यटन और नगर निकाय के मंत्री बने. यही से अमरिंदर और सिद्धू में खटपट शुरू हुई.

Last Updated : Sep 28, 2021, 11:05 PM IST
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