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पंजाब सीएम ने विधानसभा चुनावों के टिकट वितरण में PK की भूमिका को किया खारिज - पंजाब विधानसभा चुनाव

आगामी पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट वितरण में रणनीतिकार प्रशांत किशोर की किसी भी भूमिका से कैप्टन ने इंकार किया है. इस संबंध में मीडिया अटकलों को आधारहीन बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकटों को अंतिम रूप देने में प्रशांत किशोर की कोई भूमिका नहीं है.

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Published : Apr 13, 2021, 10:24 PM IST

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह कोई सवाल ही नहीं है. किशोर ने इस मामले में कोई बात नहीं कही है. मुख्यमंत्री ने पंजाब कांग्रेस में अपने नव नियुक्त मुख्य सलाहकार प्रशांत किशोर को टिकटों पर निर्णय लेने से की खबरों से नाराजगी जताई है.

सीएम ने कहा कि कांग्रेस में टिकट आवंटन के लिए निर्धारित मानक और पैटर्न है. जो सभी राज्यों में सभी चुनावों में अनुसरण किए जाते हैं. कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि पंजाब कोई अपवाद नहीं है. किसी भी विधानसभा चुनाव से पहले आलाकमान द्वारा गठित राज्य चुनाव समिति सभी नामों पर विचार करती है और अंतिम उम्मीदवारों पर फैसला करती है.

उन्होंने कहा कि शॉर्टलिस्ट किए गए नामों को स्क्रीनिंग कमेटी के पास जांच के लिए भेजा जाता है. उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा लिया जाता है, जिसमें किसी व्यक्ति की कोई भूमिका नहीं है.

उन्होंने कहा कि टिकटों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया जारी है. विभिन्न आंतरिक और बाहरी लोगों से इस समिति द्वारा हमेशा इनपुट लिया जाता है. जिसमें स्वतंत्र एजेंसियों के साथ-साथ राज्य पार्टी इकाई भी शामिल है. उन्होंने कहा कि यह 2017 में पालन की गई प्रक्रिया है और इसे फिर से अपनाया जाएगा. उन्होंने सवाल दागा कि तो इसमें किशोर तस्वीर में कहां से आते हैं.

कैप्टन अमरिंदर ने आगे कहा कि इस प्रणाली ने पिछली बार अच्छा काम किया था. जब कांग्रेस ने पंजाब में 80 सीटें जीती थीं. पार्टी को इसे क्यों बदलना चाहिए और राजनीतिक संतुलन को बिगाड़ना चाहिए. हम पिछले चार वर्षों में इतनी खूबसूरती से कामयाब रहे हैं. उन्होंने बताया कि पंजाब में कांग्रेस पिछले चार वर्षों में हर चुनाव में एक मजबूत रही है. जिसमें हाल के शहरी स्थानीय निकाय चुनाव भी शामिल हैं, जो पार्टी ने जीते.

उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि राज्य में कोई एंटी-इनकंबेंसी नहीं है. जैसा कि मीडिया द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है. यदि पार्टी स्थानीय स्तर पर एंटी इनकंबेंसी के किसी भी उदाहरण को देखती है तो वह इसे वैसे ही हल करेगी जैसे आमतौर पर करती है.

यह भी पढ़ें-महाराष्ट्र में कल से 15 दिनों तक जनता कर्फ्यू : सीएम उद्धव ठाकरे

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे मुख्य सलाहकार के रूप में उनकी (किशोर की) भूमिका सीमित है. यह केवल सलाहकारी है, जिसमें कोई निर्णय लेने वाला प्राधिकरण निहित नहीं है.

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह कोई सवाल ही नहीं है. किशोर ने इस मामले में कोई बात नहीं कही है. मुख्यमंत्री ने पंजाब कांग्रेस में अपने नव नियुक्त मुख्य सलाहकार प्रशांत किशोर को टिकटों पर निर्णय लेने से की खबरों से नाराजगी जताई है.

सीएम ने कहा कि कांग्रेस में टिकट आवंटन के लिए निर्धारित मानक और पैटर्न है. जो सभी राज्यों में सभी चुनावों में अनुसरण किए जाते हैं. कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि पंजाब कोई अपवाद नहीं है. किसी भी विधानसभा चुनाव से पहले आलाकमान द्वारा गठित राज्य चुनाव समिति सभी नामों पर विचार करती है और अंतिम उम्मीदवारों पर फैसला करती है.

उन्होंने कहा कि शॉर्टलिस्ट किए गए नामों को स्क्रीनिंग कमेटी के पास जांच के लिए भेजा जाता है. उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा लिया जाता है, जिसमें किसी व्यक्ति की कोई भूमिका नहीं है.

उन्होंने कहा कि टिकटों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया जारी है. विभिन्न आंतरिक और बाहरी लोगों से इस समिति द्वारा हमेशा इनपुट लिया जाता है. जिसमें स्वतंत्र एजेंसियों के साथ-साथ राज्य पार्टी इकाई भी शामिल है. उन्होंने कहा कि यह 2017 में पालन की गई प्रक्रिया है और इसे फिर से अपनाया जाएगा. उन्होंने सवाल दागा कि तो इसमें किशोर तस्वीर में कहां से आते हैं.

कैप्टन अमरिंदर ने आगे कहा कि इस प्रणाली ने पिछली बार अच्छा काम किया था. जब कांग्रेस ने पंजाब में 80 सीटें जीती थीं. पार्टी को इसे क्यों बदलना चाहिए और राजनीतिक संतुलन को बिगाड़ना चाहिए. हम पिछले चार वर्षों में इतनी खूबसूरती से कामयाब रहे हैं. उन्होंने बताया कि पंजाब में कांग्रेस पिछले चार वर्षों में हर चुनाव में एक मजबूत रही है. जिसमें हाल के शहरी स्थानीय निकाय चुनाव भी शामिल हैं, जो पार्टी ने जीते.

उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि राज्य में कोई एंटी-इनकंबेंसी नहीं है. जैसा कि मीडिया द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है. यदि पार्टी स्थानीय स्तर पर एंटी इनकंबेंसी के किसी भी उदाहरण को देखती है तो वह इसे वैसे ही हल करेगी जैसे आमतौर पर करती है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे मुख्य सलाहकार के रूप में उनकी (किशोर की) भूमिका सीमित है. यह केवल सलाहकारी है, जिसमें कोई निर्णय लेने वाला प्राधिकरण निहित नहीं है.

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