ETV Bharat / bharat

जानबूझ कर केस लंबित करने वालों के खिलाफ जिला अदालतें उठाएं सख्त कदम: हाईकोर्ट

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा के सभी जिला अदालतों को निर्देश दिए हैं कि वो अब जानबूझ कर कोर्ट केस को लंबित करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं.

हाई कोर्ट
हाई कोर्ट
author img

By

Published : Apr 1, 2021, 4:32 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने मामलों में हो रही देरी को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं, हाई कोर्ट ने जिला अदालतों को निर्देश दिए हैं कि जिन मामलों में जानबूझ कर देरी की जा रही है, उन मामलों में देरी की वजह जान कर कड़ाई से निपटा जाए.

दरअसल एक मामले में 17 बार गवाही देने के बाद भी समाधान नहीं होने पर याचिका कर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर एडीशनल एविडेंस की मंजूरी देने की मांग की, जिसपर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ट्रायल में जानबूझकर देरी करने के इन तरीकों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए.

पढ़ें- मद्रास उच्च न्यायालय से लाइका की अपील खारिज, निर्देशक शंकर को राहत

'सुनवाई बाधित करने के लिए अपनाए जाते हैं हथकंडे'

जस्टिस सुधीर मित्तल ने फैसले में कहा कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई को बाधित करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. समय आ गया है जब चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा की अदालतों को ऐसे मामलों के साथ सख्ती से निपटना चाहिए. हाई कोर्ट ने फैसले में कहा कि ट्रायल में देरी की मंशा से जानबूझकर समय मांग लिया जाता है.

कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में 12 मौके दिए जा सकते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि बार-बार समय मांगा जाए और कोई ना कोई कारण देकर सुनवाई को बाधित किया जाए. मौजूदा मामले में खुद की गवाही के लिए 17 मौके मिलने के बावजूद गवाही नहीं करवाई जा रही तो फिर एडीशनल एविडेंस की मांग दोहराना भी गलत है. इसके चलते अदालतों में लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है, जिसे सख्ती से निपटने की जरूरत है.

पढ़ें- रसोई गेस की कीमतों में राहत, एलपीजी 10 रुपये प्रति सिलेंडर सस्ता

जिला अदालतों में तेजी से सुनवाई शुरू

कोविड 19 के चलते चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की जिला अदालतों में काफी समय से केसों की सुनवाई बाधित है. लेकिन अब मौजूदा समय में फिजिकल हियरिंग शुरू करते ही केसों की सुनवाई एक बार फिर से तेजी से बढ़ रही है. हरियाणा की जिला अदालतों में मौजूदा समय में 11,50,670 केस विचाराधीन हैं, वहीं पंजाब के जिला अदालतों में 8,44,435 केस सुनवाई के लिए विचाराधीन है.

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने मामलों में हो रही देरी को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं, हाई कोर्ट ने जिला अदालतों को निर्देश दिए हैं कि जिन मामलों में जानबूझ कर देरी की जा रही है, उन मामलों में देरी की वजह जान कर कड़ाई से निपटा जाए.

दरअसल एक मामले में 17 बार गवाही देने के बाद भी समाधान नहीं होने पर याचिका कर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर एडीशनल एविडेंस की मंजूरी देने की मांग की, जिसपर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ट्रायल में जानबूझकर देरी करने के इन तरीकों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए.

पढ़ें- मद्रास उच्च न्यायालय से लाइका की अपील खारिज, निर्देशक शंकर को राहत

'सुनवाई बाधित करने के लिए अपनाए जाते हैं हथकंडे'

जस्टिस सुधीर मित्तल ने फैसले में कहा कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई को बाधित करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. समय आ गया है जब चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा की अदालतों को ऐसे मामलों के साथ सख्ती से निपटना चाहिए. हाई कोर्ट ने फैसले में कहा कि ट्रायल में देरी की मंशा से जानबूझकर समय मांग लिया जाता है.

कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में 12 मौके दिए जा सकते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि बार-बार समय मांगा जाए और कोई ना कोई कारण देकर सुनवाई को बाधित किया जाए. मौजूदा मामले में खुद की गवाही के लिए 17 मौके मिलने के बावजूद गवाही नहीं करवाई जा रही तो फिर एडीशनल एविडेंस की मांग दोहराना भी गलत है. इसके चलते अदालतों में लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है, जिसे सख्ती से निपटने की जरूरत है.

पढ़ें- रसोई गेस की कीमतों में राहत, एलपीजी 10 रुपये प्रति सिलेंडर सस्ता

जिला अदालतों में तेजी से सुनवाई शुरू

कोविड 19 के चलते चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की जिला अदालतों में काफी समय से केसों की सुनवाई बाधित है. लेकिन अब मौजूदा समय में फिजिकल हियरिंग शुरू करते ही केसों की सुनवाई एक बार फिर से तेजी से बढ़ रही है. हरियाणा की जिला अदालतों में मौजूदा समय में 11,50,670 केस विचाराधीन हैं, वहीं पंजाब के जिला अदालतों में 8,44,435 केस सुनवाई के लिए विचाराधीन है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.